आपका अखबार ब्यूरो।
बुधवार, 14 अप्रैल को देश में कोरोना संक्रमितों की दैनिक संख्या लगभग दो लाख तक (1,99,584) पहुंच गई और कोरोना से मरने वालों की संख्या 1,038 हो गई। संक्रमण की दर पिछले डेढ़ महीने में दो-तीन प्रतिशत से बढ़ कर 14 प्रतिशत से भी ज्यादा हो गई है। सभी राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। कोरोना के लगातार बढ़ते प्रकोप की वजह से देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है। कहीं मरीजों को बेड नहीं मिल रहे, कहीं ऑक्सीजन की कमी पड़ रही है, तो कहीं वेंटिलेटर नहीं मिल रहा है।
कुमार विश्वास ने ट्वीट कर बयां की अपनी पीड़ा
बहुत आभार @dr_maheshsharma जी।उनका स्वयं कॉल आया है और वे डॉ कुँअर जी को अपने हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर शिफ़्ट करा रहे हैं।ईश्वर से प्रार्थना करें कि पूज्य गुरुप्रवर स्वस्थ हों।कृपा करके आप सब भी अपना बहुत-बहुत ख़्याल रखें। स्थिति अनुमान से ज़्यादा ख़राब है।
आप सब का भी आभार🙏 https://t.co/1FABfzRf60— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) April 15, 2021
लोकप्रिय कवि और राजनेता कुमार विश्वास ने आज एक ट्वीट किया- “रात 12 बजे तक प्रयास करता रहा, सुबह से प्रत्येक परिचित डॉक्टर को कॉल कर चुका हूं। हिन्दी के वरिष्ठ गीतकार गुरुप्रवर डॉ. कुंवर बेचैन कॉसमॉस हॉस्पिटल, आनंद विहार दिल्ली में कोविड उपचार में हैं। ऑक्सीजन लेवल 70 पहुंच गया है, तुरंत वेंटिलेटर की आवश्यकता है। कहीं कोई बेड ही नहीं मिल रहा है।” कुमार विश्वास का यह ट्वीट अपने आप में स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव की कहानी कहता है। अगर इतने बड़े लोग अपने करीबियों के लिए कुछ कर पाने में असमर्थ हैं, तो आम लोगों का क्या हाल होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है।
महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में ऑक्सीजन सिलिंडर की किल्लत
देश के हर राज्य में लोग स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से जूझ रहे हैं। देश में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से स्थितियां बहुत विकट हो गई हैं। राज्य में 2021 के प्रारम्भ में यानी जनवरी माह और फरवरी माह की शुरुआत में ऑक्सीजन की दैनिक खपत 150 टन थी, जो इन दिनों बढ़कर 700 टन प्रतिदिन हो गई है। खबर है कि मुंबई के उपनगरीय इलाके नालासोपारा में ऑक्सीजन की कमी के चलते एक दिन में सात मरीजों की मृत्यु हो गई। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने दावा किया है कि ये मरीज उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे और ये बामारियां भी उनके मौत की वजह हो सकती हैं। महाराष्ट्र के शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने जानकारी दी है कि गुजरात के जामनगर स्थित रिलायंस इंडस्ट्री का प्लांट राज्य को 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगा।
मध्यप्रदेश में कोरोना का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि ऑक्सीजन की किल्लत के कारण एक मरीज से ऑक्सीजन हटाकर दूसरे को लगाना पड़ रहा है। शिवपुरी जिला अस्पताल में एक कोरोना मरीज की ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से मौत होने खबर आई है। सीसीटीवी फुटेज में यह दिखा कि नर्स के कहने पर वार्ड ब्वॉय ने मरीज के पास से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर निकाल कर दूसरे मरीज को लगा रहा था। मृतक के बेटे ने आरोप लगाया कि अस्पताल में उनके पिता को ऑक्सीजन नहीं दिया गया।
छत्तीसगढ़ में भी हालात अच्छे नहीं हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तरों की कमी पड़ रही है। राजधानी रायपुर के भीमराव आंबेडकर मेमोरियल अस्पताल में तो बुनियादी सुविधाओं की कमी से आक्रोशित जूनियर डॉक्टरों ने स्ट्राइक भी कर दी थी। अस्पातल में भर्ती होने के इंतजार में मरीज बाहर पडे हैं। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है, लेकिन ऑक्सीजन बेड नहीं मिल रहे हैं, मजबूरन वे जमीन पर लेटे हुए हैं।
गुजरात में भी कुछ स्थानों पर लोगों को ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है। अहमदाबाद के अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग में पहले से चार गुना वृद्धि हो गई है। सूरत में भी ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त रूप में नहीं हो पा रही है। हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने दावा किया है कि गुजरात में ऑक्सीजन की कमी की बात सही नहीं है। वहीं दिल्ली में तो ऑक्सीजन सिलिंडरों की ब्लैकमार्केटिंग भी शुरू हो गई है।
बिहार में कोरोना मरीजों को बेड की किल्लत
अब बिहार में भी स्थिति गंभीर दिखाई दे रही है। वहां पिछले एक महीने में कोरोना संक्रमण के मामले 180 गुणा से ज्यादा बढ़े हैं। 15 मार्च को वहां कोरोना के 26 केस आए थे, वहीं 14 अप्रैल को 4786 लोग संक्रमित हुए। राजधानी पटना में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। मरीजों की संख्या में लगातार तेज वृद्धि होने की वजह से अस्पतालों में बेड की कमी पड़ने लगी है। लोग मरीजों को लेकर इस अस्पताल से उस अस्पताल की दौड़ लगाने को मजबूर हैं। अब प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों के लिए बेड की संख्या सुनिश्चित की जा रही है। पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कोरोना मरीजों के लिए 14 अतिरिक्त निजी अस्पतालों को चिन्हित किया है। इनमें करीब 200 बेड कोरोना मरीजों के लिए होंगे। इनको मिलाकर अब पटना में 47 निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 985 बेड हो जाएंगे।
सतर्क रहें, कोविड उपयुक्त व्यवहार करें
देश के ज्यादातर राज्यों में कमोबेश हालात कुछ ऐसे ही हैं। इसलिए सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है। जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से बाहर न निकलें। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल कोविड उपयुक्त व्यवहार यानी मास्क का उपयोग कर, छह फीट की दूरी बनाकर और सेनिटाइजेशन पर ध्यान देकर ही कोरोना प्रसार की चेन को तोड़ा जा सकता है। साथ ही, जो अभी वैक्सिनेशन के लिए पात्र हैं, वे टीका जरूर लगवाएं।