समीर उपाध्याय, ज्योतिर्विद ।

भारत के भविष्य के ज्योतिषीय विश्लेषण की खास बातें :

  • वर्तमान समय चंद्र -शनि 05 दिसंबर 2019 से 05 जुलाई 2021 तक का समय विष एवं ग्रहण योग की वजह से संघर्षपूर्ण सफलता का है
  • गजकेसरी योग में शामिल चंद्र दशा आगामी पांच वर्षों में भारत को दुनिया का राह दिखाने वाला विश्वगुरू बना सकती है
  • जुलाई, 2021 से भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवसाय में तरक्की करेगा
  • फिलहाल 2021 में युद्धजनक स्थिति बनेगी किन्तु युद्ध संभव नहीं दिखता। हां, भारत हर बार पकिस्तान, चीन और नेपाल को उसी की भाषा में जवाब देता रहेगा
  • प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में ही देश के गजकेसरी योग में शामिल चंद्र दशा के दौरान पीओके (पाकिस्तान के अनधिकृत कब्जे वाला कश्मीर) भारत के कब्जे में आ जाएगा
  • अप्रैल, 2021 से ही और विशेषकर जुलाई, 2021 के बाद भारत की स्थिति उत्तरोत्तर बेहतर होगी
  • भविष्य में चीन को छोड़कर अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, जर्मनी सभी सुपर पवार देशों का पूरा समर्थन भारत को मिलेगा
  • छोटे निवेशक शेयर मार्किट से परहेज करें क्योंकि शेयर मार्किट में अप्रत्याशित उतार चढ़ाव जारी रहेगा।

शनि है भारत की कुंडली का योगकारक ग्रह

स्वतंत्र भारत की कुंडली में चंद्रमा तृतीय भाव का स्वामी होकर तृतीय भाव में ही स्वराशि कर्क में बुध, शुक्र, शनि तथा सूर्य के साथ कई शुभ अशुभ दोनों तरह के योग बना रहा है। चंद्र शनि के नक्षत्र पुष्य में होने से शनि का फल भी देगा और शनि इस कुंडली के लिए योगकारक ग्रह है। चंद्र दशा सितंबर, 2015 से सितंबर, 2025 तक है। यह भारत को नई ऊंचाइयां प्रदान करने वाली है।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार-व्यवसाय में तरक्की

भारत के लिए चंद्रमा की महादशा का शुभ प्रभाव भविष्य में बाहरी देशों से संबंधों के लिहाज से अच्छा सबित होगा। चंद्र के साथ बुध तृतीय भाव में विराजमान है। इसके प्रभाव से भारत जुलाई, 2021 से अंतरराष्ट्रीय व्यापार-व्यवसाय में तरक्की करेगा। खासकर यूरोप, अमेरिका महादेश के देशों से व्यापार में वृद्धि होगी। चंद्र स्वराशि में तृतीयेश होने से समुद्रपारीय देशों से व्यापार बढ़ेगा। भारत में जुलाई, 2021 से बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश होगा। चंद्र दशा में भारत फिर से मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर होकर दुनिया को राह दिखाने वाला विश्वगुरू बनकर उभरेगा।

चंद्र-शनि दशा अन्तर्दशा का अशुभ प्रभाव

वर्तमान समय में चंद्र-शनि दशा अन्तर्दशा 5 दिसंबर 2019 से 5 जुलाई 2021 तक है जो ग्रहण एवं विष योग में शामिल है। विशेषकर इसका पूर्वार्ध अशुभ प्रभाव वाला है। आंतरिक मोर्चे पर भारत में अराजकता, प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप, तूफान, अत्यधिक वर्षा, गर्मी, कहीं सूखा कहीं बाढ़, अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन, कोरोना एवं कुछ अन्य संक्रामक बीमारियों से जानमाल की हानि, धार्मिक ध्रुवीकरण, अंतर्विरोध, बेरोजगारी तथा महंगाई में वृद्धि तक की स्थितियां बन सकती हैं। सत्ताधीशों और जनता के बीच भयंकर मतभेद उभरेंगे। जनता में अराजकता फैलेगी, सरकार के निर्णयों का बड़े पैमाने पर विरोध होगा। सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक भी हो सकते हैं। कुछ मौकों पर अर्धसैनिक बल और सेना को सड़क पर उतरना पड़ सकता है।

इस दौरान पड़ोसी देशों जैसे चीन, नेपाल तथा पकिस्तान से आपसी रिश्तों में तनाव बना रहेगा तथा जुबानी एवं कूटनीतिक जंग गंभीर रूप धारण करेगी। छिटपुट सैनिक घटनाओं और आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी रहेगा। 2021 में  युद्धजनक स्थिति बनेगी किन्तु युद्ध संभव नहीं दिखता है। भारत पकिस्तान को बार बार उसी की भाषा में जवाब देता रहेगा। जैसे चीन नेपाल और पाकिस्तान को भारत के खिलाफ भड़का रहा है वैसे भारत भी पाकिस्तान के सिंध, बलूच और पाक अधिकृत कश्मीर के आंदोलनकारी नेताओं की मदद कर अपनी कूटनीतिक चाल चलने में कामयाब रहेगा। अप्रैल, 2021 और विशेषकर जुलाई, 2021 के बाद भारत की स्थिति उत्तरोत्तर बेहतर होगी। भविष्य में अमेरिका, रूस सहित सभी सुपरपावर देशों का पूरा समर्थन भारत को मिलेगा।

कोरोनाकाल से निपटने के लिए क्या करें

अभी वैश्विक महामारी कोरोना का कहर जारी है। सभी को सरकार और चिकित्सकों द्वारा बताए गए उपायों यथा लॉकडाउन, शारीरिक दूरी, खुद को सैनेटाइज करने इत्यादि का कठोर अनुशासन के साथ पालन करें। खुद को मानसिक रूप से तैयार करें ताकि भविष्य में इस समस्या से बाहर निकलने के बाद अपने-अपने उत्तरदायित्वों का सही तरीके से निर्वहन कर सकें।

देश की जनता, बड़े राजनेता, धर्मगुरु, साहित्यकार, मीडिया, सरकार, विपक्ष, नीति निर्धारक तथा समाज के सभी  प्रबुद्ध लोगों को विवाद एवं आरोप प्रत्यारोप से परहेज करना चाहिए। यदि सब मिलकर कोरोना और भ्रष्टाचारी, कालाबाजारी, आतंकवादी, नक्सली अतिवादी तथा विभिन्न अनैतिक कार्य करने वाले देशद्रोहियों से लड़ेगें तो निश्चित रूप से देश जीतेगा।

जीवन से बढ़कर कुछ नहीं। कुछ और समय संयम से रहें। मास्क लगाएं, हाथ की साफ सफाई बार बार करें और दो गज की दूरी का फामूर्ला सदैव ध्यान में रखें।


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