दरअसल, हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 24 जून को दस्तक दे दी थी। उसके बाद से लगातार बारिश हो रही है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण रिपोर्ट के अनुसार मानसून सीजन के पांच दिन में भारी बारिश से हिमाचल में 219 करोड़ की संपति को नुकसान पहुंचा है। बारिश से प्रदेश में पेयजल व सिंचाई परियोजनाओं, सड़कों और बिजली आदि को भी भारी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार बारिश से सबसे ज्यादा 100 करोड़ का नुकसान जल शक्ति विभाग को हुआ है। जल शक्ति विभाग की कुल 1635 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनमें 1318 पेयजल और 284 सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं, जिनमें से 1249 पेयजल परियोजनाओं को बहाल कर दिया गया है।

बारिश से लोकनिर्माण विभाग को 90 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। प्राधिकरण के मुताबिक गुरुवार सुबह राज्य में भुसखलन से 28 सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि 72 ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली गुल रही। मंडी जिला में 21 सड़कें और चम्बा जिला के पांगी में 66 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। भारी बारिश के दाैरान पांच दिन में विभिन्न घटनाओं में 19 लोगों की जानें गई हैं। इनमें सबसे ज्यादा सात मौतें शिमला जिला में हुई हैं। इसके अलावा हमीरपुर में तीन, चम्बा, मंडी व सोलन में दो-दो और कांगड़ा, कुल्लू व ऊना में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। बारिशजनित हादसों में तीन अभी भी लापता हैं। मानसून की बारिश में भूस्खलन और अन्य दुर्घटनाओं की वजह से 34 लोग घायल हुए हैं।
इसके अलावा बारिश के दौरान 352 पशुओं की मौत भी हुई है। बीते पांच दिनों में हुई बारिश से पांच मकान व एक दुकान पूरी तरह से धराशायी हुईं, जबकि 35 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। इनके अलावा 20 गौशलाएं भी बारिश से ढह गई हैं। बारिश से बागवानी क्षेत्र को 26 करोड़ का नुकसान आंका गया है। मानसून सीजन के दौरान भूस्खलन की नौ, बाढ़ की पांच घटनाएं और बादल फटने की एक घटना सामने आई हैं।
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में अगले चार दिन भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि मानसून की सक्रियता से प्रदेश में दो जुलाई तक व्यापक वर्षा होने का अनुमान है। उन्होंने बाहर से घूमने आ रहे पर्यटकों व स्थानीय लोगों से नदी-नालों के किनारों पर न जाने की अपील की है।(एएमएपी)



