ब्रिटेन के सबसे अमीर कारोबारी घरानों में एक हिदुजा परिवार की राहें अब जुदा होने वाली है। दरअसल, 108 वर्ष पुराने हिंदुजा ग्रुप के बंटवारे की डेडलाइन तय हो गई है। ग्रुप का कुल नेट वर्थ 14 अरब डॉलर है। हिंदुआ भाइयों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। हिंदुजा बंधुओं में सबसे बड़े 86 वर्षीय श्रीचंद हिंदुजा के वकीलों हाल ही लंदन की एक अदालत को बताया है कि परिवार 2014 के एक आपसी करार को समाप्त करने के लिए सहमत हो गया है। इस बाबत परिवार के बीच समझौता बीते 30 जून 2022 को हुआ था।

नवंबर में ही होगा बंटवारा

सूत्रों के अनुसार इसी आधार पर इसी महीने यानी नवंबर में ही पारिवारिक बिजनेस के बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। अगर नवंबर महीने में बंटवारा फाइनल नहीं किया गया तो एक बार फिर यह मामला अदालत तक पहुंच सकता है। हिंदुजा ग्रुप के पास दर्जनों कंपनियों का स्वामित्व है, जिनमें से छह लिस्टेड कंपनियां हैं। भारत में बैंकिंग कारोबार से जुड़े इंडसइंड बैंक का स्वामित्व भी हिंदुजा ग्रुप के पास है। इसके अलावे कमर्शियल वाहनों के बड़े निर्माता अशोक लिलैंड नाम की कंपनी का स्वामित्व भी हिंदुजा ग्रुप के ही पास है।

यह विवाद की वजह

हिंदुजा परिवार के बीच जारी विवाद का कारण 2014 में हुआ एक पारिवारिक समझौता है। समझौते में कहा गया था कि परिवार का सबकुछ प्रत्येक व्यक्ति से संबंधित है और कुछ भी किसी से भी संबंधित नहीं है। इस समझौते पर परिवार के चारों भाइयों ने हस्ताक्षर किया था। हालांकि, समझौते के कुछ वर्षों बाद ही सबसे बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा की बेटियों शानू और वीनू ने इसे चुनौती दे दी। उसके बाद श्रीचंद हिंदुजा अपने भाइयों जीपी हिंदुजा, पीपी हिंदुजा और एपी हिंदुजा के खिलाफ कोर्ट पहुंच गए। यह मामला समझौते की वैधता से संबंधित था। वहीं दूसरी ओर, तीन छोटे भाइयों की दलील थी कि यह चिट्ठी 100 वर्ष से अधिक पुराने हिंदुजा ग्रुप की उत्तराधिकार की योजना थी। इस पर कानूनी विवाद नवंबर 2019 से चल रहा है। ब्रिटेन के अलावे यूरोप के कई देशों में हिंदुआ ब्रदर्स के बीच इस कानूनी संघर्ष जारी है। इससे परिवार की साख को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।

ग्रुप का इन चीजों में है कारोबार

देश में ट्रक (कमर्शियल वाहन) बनाने के कारोबार के अलावे हिंदुजा ग्रुप बैंकिंग, केमिकल्स, पावर, मीडिया और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी है। ग्रुप की कंपनियों में ऑटो कंपनी अशोक लीलैंड और इंडसइंड जैसे बड़े ब्रांड शामिल हैं। 14 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ हिंदुजा ग्रुप ब्रिटेन का सबसे कारोबारी परिवार है। ग्रुप का कारोबार दुनिया के 38 देशों तक फैला है। कंपनी के पेरोल पर करीब 1.5 लाख कर्मचारी है। हिंदुजा ग्रुप की स्थापना वर्ष 1914 में श्रीचंद परमानंद ने अविभाजित भारत के सिंध प्रांत में की थी। यह समहू कभी कमोडडिटी-ट्रेडिंग फर्म के रूप में कारोबार करता था। लेकिन श्रीचंद और उनके भाइयों ने अपने कुशल प्रबंधन से लगातार अपने कारोबार को दूसरे क्षेत्रों में विस्तारित किया।  (एएमएपी)