पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी हरियाणा सरकार
#WATCH | On Punjab and Haryana High Court quashing Haryana govt’s 75% reservation law in private jobs, Media Secretary to CM Haryana, Praveen Attrey says, “We are waiting for the detailed order on this. After studying the order, the next course of action will be decided.” pic.twitter.com/ozgvbxiwcl
— ANI (@ANI) November 17, 2023
दरअसल, वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले जननायक जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में यह ऐलान किया था। बाद में गठबंधन सरकार बनने के बाद श्रम विभाग भी जजपा के पास चला गया और सरकार ने स्टेट एंप्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट एक्ट 2020 बनाया था। इसमें निजी कंपनियों, सोसाइटी, ट्रस्ट, साझेदारी फर्म समेत ऐसे तमाम प्राइवेट संस्थानों को हरियाणा के युवाओं को नौकरी में 75 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। इसमें यह भी प्रावधान किया गया कि यह आरक्षण सिर्फ उन्हीं निजी संस्थानों पर लागू होगा, जहां 10 या उससे अधिक लोग नौकरी कर रहे हों और वेतन 30 हजार प्रतिमाह से कम हो। इस बारे में 6 नवंबर, 2021 को श्रम विभाग ने नोटिफिकेशन भी जारी किया था।
फरीदबाद व गुरुग्राम के उद्योगपतियों ने इस कानून को हाईकोर्ट में चुनौती दे डाली। यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो फरवरी, 2022 में इस पर रोक लग गई। इसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए 4 हफ्ते में इस पर फैसला लेने को कहा था। लंबी बहस के बाद पिछले माह हाई कोर्ट में जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन ने फैसला रिजर्व रख दिया। शुक्रवार को हाई कोर्ट ने इस कानून को रद्द कर दिया है।
#BREAKING State cannot discriminate against individuals because they belong to some other States.
Private employers can’t be forced to employ persons from a particular state – Punjab & Haryana High Court while striking down #Haryana‘s 75% domicile quota in pvt sector. pic.twitter.com/bj4IJnJRej
— Live Law (@LiveLawIndia) November 17, 2023
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने कहा कि हम हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में हम इस कानून को बहाल करवाकर हरियाणा मूल के लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान लागू करेंगे। (एएमएपी)