काराकोरम राजमार्ग पर कई जगह भारी भूस्खलन हुआ है। इस वजह से यह राजमार्ग अवरुद्ध है। पिछले 24 घंटे से इस राजमार्ग के दोनों छोरों पर हजारों वाहन फंसे हुए हैं। काराकोरम पर्वत शृंखला के बीच से गुजरता यह राजमार्ग चीन और पाकिस्तान को खुंजराब दर्रे के माध्यम से जोड़ता है। यहां इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 4693 मील (15397 फीट) है।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के उप निदेशक गुलाम अब्बास ने कहा है कि काराकोरम राजमार्ग जिजल, पट्टन, उचर नाला और अन्य क्षेत्रों में अवरुद्ध हुआ है। फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन बाधाओं को दूर कर रहा है। इससे पहले बरसात और बाढ़ में चीन में प्रवेश करने से पहले पंजाब को गिलगित-बाल्टिस्तान से जोड़ने वाला यह राजमार्ग जीबी और खैबर पख्तूनख्वा में अवरुद्ध हो चुका है।

दुर्भाग्य से पिछले साल अगस्त में बाढ़ में बह गए उचर नाले पर पुल का पुनर्निर्माण अभी तक नहीं कराया है। अब्बास ने कहा कि साइट पर एक निर्माणाधीन पुल आज से यातायात के लिए खोला जा रहा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ के कारण इस क्षेत्र में कई लिंक सड़कें भी अवरुद्ध हो गईं। काराकोरम राजमार्ग के अवरुद्ध होने के कारण जीबी और कोहिस्तान का आपस में संपर्क कट गया है।

ऊपरी कोहिस्तान की हरबन तहसील के अध्यक्ष असदुल्ला खान ने कहा कि भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं। आवागमन के सारे रास्ते बंद हैं। जलापूर्ति योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान और इस्लामाबाद जाने वाले हजारों यात्री काराकोरम राजमार्ग पर फंसे हुए हैं। उचर नाला, बसारी और गादून में भी राजमार्ग अवरुद्ध है। काराकोरम राजमार्ग को हरबन घाटी से जोड़ने वाली सड़क बह गई है।

इस बीच पाकिस्तान के मौसम विज्ञान विभाग ने आने वाले दिनों में देशभर में भारी बारिश और शहरों में बाढ़ का पूर्वानुमान जारी किया है। उल्लेखनीय है कि काराकोरम राजमार्ग पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर के गिलगित-बाल्तिस्तान के साथ चीन के शिंजियांग क्षेत्र को जोड़ता है। इस राजमार्ग को आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान में एन-35 और चीन में राष्ट्रीय राजमार्ग जी 314 के नाम से जाना जाता है। यह बीस साल में बनकर तैयार हुआ था। 1986 में इसे खोला गया। इसे पाकिस्तान और चीन ने मिल कर बनाया है। इसकी लंबाई 1300 किलोमीटर है। यह चीन के शहर काश्गर से शुरू होता है। यह सीमा पार करके पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर में सोस्त नामक चौकी पर पहुंचता है। यहां से हुंजा, गिलगित, चिलास, दासू, बेशाम, मानसेहरा, ऐबटाबाद, हरिपुर (हजारा) से होता हुआ हसन अबदाल में जीटी रोड से मिलता है।(एएमएपी)