66 महिलाओं का बलात्कार, 154 की हत्या और 333 को किया गया गोमांस खाने के लिए मजबूर।
बांग्लादेश में इस्लामवादियों ने 154 हिंदुओं को मार डाला
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बलात्कार, हत्या, हिंदू धार्मिक संस्थानों पर हमले, जमीन हड़पना, जबरन धर्मांतरण एक सामान्य घटना बन गई है । 2022 में, बांग्लादेश में इस्लामवादियों द्वारा 154 हिंदू लोगों को मार डाला गया और इसी अवधि में 424 लोगों को इस्लामी बदमाशों द्वारा मारने का प्रयास किया गया। इसी अवधि के दौरान इस्लामवादियों द्वारा 849 लोगों को जान से मारने की धमकी भी दी गई और उन हमलों में 360 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। जिनमें से 62 लोग अब भी लापता हैं।
एक साल में इतने हुए महिला अत्याचार, बलात्कार है सबसे आसान
महिला उत्पीड़न की कहानी इस तरह की है कि इस दौरान बांग्लादेश में 39 हिंदू महिलाओं के साथ एकल बलात्कार किया गया और 27 हिंदू महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। इस्लामवादियों द्वारा 17 हिंदू महिलाओं की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई और 55 अन्य महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार का प्रयास किया गया। इन इस्लामवादियों का इतने पर भी मन नहीं भरा वे लगातार महिलाओं के धर्म परिवर्तन में लगे रहे । एक जनवरी से 31 दिसंबर, 2022 के दौरान बांग्लादेश में 152 हिंदू महिलाओं को जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया गया।
बांग्लादेश में 128 हिंदू मंदिरों को आग के हवाले कर दिया गया
दरअसल, ये समस्त जानकारी बांग्लादेश जातीय हिंदू महाजोत के महासचिव गोविंद चंद्र प्रमाणिक द्वारा दी गई हैं। उन्होंने बताया है कि बीता साल भी पिछले कई सालों की तरह हिन्दुओं पर कहर बनकर टूटा है । यहां सनातन धर्म को माननेवालों का रहना मुश्किल है। लोग अपने घर, जमीन, व्यापार छोड़कर आखिर जाएं तो कहां जाएं। बांग्लादेश में इस्लामवादियों द्वारा 128 हिंदू मंदिरों को आग के हवाले कर दिया गया और तोड़-फोड़ की गई। इसी अवधि के दौरान उपद्रवियों द्वारा हिंदू देवी-देवताओं की 481 मूर्तियों को भी तोड़ा गया। बीते साल में विभिन्न मंदिरों से 72 हिंदू मूर्तियों की चोरी हुई।
40 लोगों का कराया जबरन धर्म परिवर्तन, 333 हिंदू किए गए बीफ खाने को मजबूर
बांग्लादेश जातीय हिंदू महाजोत एकत्र डाटा बताता है कि पिछले कई वर्षों में देश में हिंदू समुदाय पर अत्याचार के स्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। 40 लोगों को इस्लाम में धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया और उसी वर्ष 127 हिंदू व्यक्तियों का अपहरण कर लिया गया। 2022 में बांग्लादेश में 333 हिंदू लोगों को बीफ खाने के लिए मजबूर किया गया, इसी अवधि में 179 धार्मिक संस्थानों में बीफ फेंका गया। इस्लामवादियों ने इसी अवधि में 129 बार हिंदू त्योहारों के आयोजन में बाधा डाली।
इस्लामवादियों ने लूटा 319 मंदिरों को
इसके अलावा, बांग्लादेश में इस्लामवादियों द्वारा 51 हिंदू मंदिरों की भूमि पर कब्जा कर लिया गया। इस साल में इस्लामवादी बदमाशों ने 319 मंदिरों को लूटा था। हिंदू परिवारों के 519 घरों को इस्लामवादी बदमाशों ने आग के हवाले कर दिया था और 891 परिवारों पर हमला किया था। हिंदू परिवारों की 8,990 एकड़ जमीन इस्लामवादियों ने हड़प ली, जिसमें से 6,550 एकड़ संताल और त्रिपुरी पहाड़ी जनजातियों की जमीन है।
एक लाख 96 हजार हिंदू परिवारों को दी गई देश छोड़ने या मुसलमान बनजाने की धमकी
इतना ही नहीं 35 हजार 818 हिंदू परिवारों को उनकी पैतृक संपत्ति से इस्लामवादी द्वारा बेदखल करने की धमकी दी गई थी और पिछले साल 572 हिंदू परिवारों को बेदखल कर दिया गया था। 15,115 हिंदू परिवारों को इस्लामवादी द्वारा बांग्लादेश छोड़ने की धमकी दी गई और 445 हिंदू परिवारों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। कुल एक लाख 96 हजार हिंदू परिवारों ने बताया है कि उन्हें इस्लामवादियों द्वारा लगातार धमकी दी जा रही है, कहा जा रहा है मुसलमान हो जाओ या यहां से भाग जाओ। यही कारण है कि ये सभी अपने स्थान पर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
बांग्लादेश में 91 दुर्गा मूर्तियों को तोड़ा गया
इनके अलावा अक्टूबर 2022 में, इस्लामवादियों द्वारा दुर्गा पूजा उत्सव पर 35 हमले किए गए और 91 दुर्गा मूर्तियों को बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा तोड़ दिया गया। इससे पहले 2021 में, 46 हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था, और 411 से अधिक हिंदू महिलाओं पर मुसलमानों द्वारा शारीरिक हमला किया गया था। 32 हिंदुओं को कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा गोमांस खाने के लिए मजबूर किया था और उसी वर्ष 252 हिंदुओं को मार दिया गया था।
हिन्दू जनसंख्या 22 प्रतिशत से घटकर रह गई 7.9 प्रतिशत
पड़ोसी देश में दशकों से हिंदू समुदाय के खिलाफ उत्पीड़न के परिणामस्वरूप आज इस देश बांग्लादेश में हिंदू आबादी में तेजी से कमी आई है। 1971 में 22 प्रतिशत से घटकर 2022 में 7.9 प्रतिशत ही यह रह गई है। लेकिन अभी भी बांग्लादेश में हिंदू समुदाय द्वारा संघर्ष किए जानेवाले कठोर चुनौतियों का दस्तावेजीकरण करने के लिए कोई यूरोपीय प्रचार मीडिया नहीं है।(एएमएपी)