सैन्य प्रतिष्ठानों पर पीटीआई कार्यकर्ताओं के हमलों के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के सितारे गर्दिश में आ गए हैं। उनसे जुड़े तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पाकिस्तान सरकार कड़ी कार्रवाई कर रही है। एक के बाद एक बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। कइयों के खिलाफ आर्मी ऐक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी है।

इस बीच, पीटीआई के कई वरिष्ठ नेता और इमरान खान के करीबी पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। लगभग रोजाना ही इस्तीफा देने वालों की संख्या बढ़ रही है। पूर्व सिंध गवर्नर इमरान इस्माइल ने भी शनिवार को पीटीआई से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही, सिंध के पीटीआई अध्यक्ष अली जैदी ने भी पार्टी छोड़ दी। पीटीआई से लगातार वरिष्ठ नेताओं के इस्तीफे के बीच सवाल खड़ा हो रहा है कि अब अकेले पड़े इमरान खान क्या करेंगे? हालांकि, उन्होंने बैकफुट पर आते हुए तत्काल सरकार के साथ बातचीत की अपील भी की है।

सिंध के पूर्व गवर्नर इमरान इस्माइल ने घोषणा की है कि वह पीटीआई छोड़ रहे हैं और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ”मैंने फैसला किया है कि मैं पीटीआई के पदों से इस्तीफा दे रहा हूं, मैं अतिरिक्त महासचिव और कोर कमेटी का सदस्य था। मैं भी पीटीआई छोड़ रहा हूं…खान साहब मैं आपको और पीटीआई को अलविदा कहता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने 9 मई के दंगों और रैलियों में भाग नहीं लिया था और उन्होंने पीटीआई छोड़ने का फैसला बहुत सोच-विचार के बाद लिया है।

वहीं, एक वीडियो संदेश में जैदी ने कहा कि वह पाकिस्तान के लिए राजनीति में आए थे और नौ मई की घटना की पहले ही निंदा कर चुके हैं। उन्होंने कहा, ”पाकिस्तान की सेना हमारी शान है और उनकी वजह से हम चैन की नींद सोते हैं क्योंकि वे हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं। जो हुआ (9 मई को) वह बहुत गलत था और हर किसी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए जो इसमें शामिल हो सकता है।” उन्होंने ने कहा कि काफी सोचने के बाद उन्होंने राजनीति छोड़ने का मुश्किल फैसला लिया। जैदी ने कहा कि वह पाकिस्तान के लिए काम करना और विदेश से निवेश लाना जारी रखेंगे, जो वह राजनीति में आने से पहले किया करते थे।

पाकिस्तान में नौ मई को कोर्ट से इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसा भड़क उठी थी। देशभर में पीटीआई के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने आर्मी से जुड़ी जगहों पर हमला बोल दिया था। इससे काफी नुकसान पहुंचा था। बाद में इमरान खान को तो जमानत मिल गई, लेकिन उनसे जुड़े कार्यकर्ताओं और नेताओं की धड़पकड़ तेज कर दी गई। पाकिस्तान सरकार और आर्मी के दबाव के चलते हिंसा के बाद से पीटीआई के अब तक 70 से अधिक वकीलों और नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। पार्टी के महासचिव असद उमर, पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी और पूर्व मानवाधिकारी मंत्री शिरीन मजारी समेत पीटीआई के शीर्ष नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, बड़ी संख्या में नेताओं के पार्टी छोड़ने पर पीटीआई पर निशाना साधते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मरियम ने कहा कि पार्टी छोड़ने वालों की कतार लग गई है और इमरान खान का खेल खत्म हो गया है।(एएमएपी)