डिक्स ने कहा, भरोसा रखें 41 आदमी घर आने वाले हैं, यही हमारा मिशन
Uttarkashi tunnel rescue | The 6-inch food pipeline laid yesterday at the Silkyara Tunnel in Uttarkashi has become fully functional. About 5-10 kgs each of different fruits like apples, oranges, sweet lime etc and 5 dozen bananas was successfully delivered inside. In addition,… pic.twitter.com/GNbh10jxKG
— ANI (@ANI) November 21, 2023
10वें दिन की सुबह बड़ी शुभ
डिक्स ने 10वें दिन की सुबह को शुभ बताया। वजह है मजदूरों तक ड्राई फ्रूट्स के बाद खिचड़ी पहुंची फिर कैमरा पहुंचा। जिन्हें देखने को पूरा भारत तरस गया था, इसमें वो दिखे। सब कुशल मंगल है। परिवार ने भी कहा कि अब उम्मीद जगी है। डिक्स ने आगे कहा-हम अलग-अलग मोर्चों से भिड़े हुए हैं। ये एक अच्छी सुबह है। साइट तैयार होने के बाद वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी। एक्सपर्ट रेस्क्यू टीम के काम से प्रसन्न दिखे। बोले- वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए जरूरी है कि वो सटीक हो… और मुझे लगता है कि यहां टीम ने अद्भुत काम किया है। यह शानदार है…वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए दो स्थानों की पहचान की गई है…विश्वास है कि हम इन लोगों को सकुशल बचा लेंगे। भरोसा रखें 41 आदमी घर आने वाले हैं, बिना किसी दिक्कत के और यही हमारा मिशन है।
सिलक्यारा में रेस्क्यू को पहुंचा डीआरडीओ का रोबोट
उत्तरकाशी की सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए डीआरडीओ का रोबोट पहुंच चुका है। क्योंकि जिस स्थान से ह्यूम पाइप के के लिए श्रमिकों को निकालने के लिए रास्ता बनाया जा रहा वहां भूस्खलन का भारी खतरा है। इसके लिए एक रोबोट की मांग की गई है जिसके लिए आपदा सचिव डा. रणजीत सिन्हा ने रोबोट के लिए प्रयास किया। इसके बाद डीआरडीओ यहां पर रोबोट ले लाया है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue operation | International Tunneling Expert, Arnold Dix says, “It’s fantastic, of course, the news we have had over the last few hours. It is great to see the faces of those men that we are going to bring home. We have food going to… pic.twitter.com/t5f47dPgbu
— ANI (@ANI) November 21, 2023
गौरतलब है कि डीआरडीओ भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का आरएंड डी विंग है, जो अत्यधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों और महत्वपूर्ण रक्षा प्रणालियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए भारत को सशक्त बनाने की दृष्टि के साथ है, जबकि हमारे सशस्त्र बलों को राज्य के साथ देश स्तर पर आधुनिक तकनीक, प्रौद्योगिकी, उपकरणों और तकनीक से लैस करता है। तीनों सेनाओं की निर्धारित आवश्यकताओं के अनुसार हथियार प्रणाली और उपकरण उपलब्ध कराता है।
डीआरडीओ ने आत्मनिर्भरता से देश-दुनिया में अपना लोहा मनवाया है। उसने मिसाइलों की अग्नि और पृथ्वी श्रृंखला जैसे रणनीतिक प्रणालियों और प्लेटफार्मों के सफल स्वदेशी विकास और उत्पादन; हल्के लड़ाकू विमान, तेजस मल्टी बैरल रॉकेट लांचर, पिनाका वायु रक्षा प्रणाली, आकाश; रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली की ; एक विस्तृत श्रृंखला आदि ने भारत की सैन्य ताकत को क्वांटम जम्प दिया है। (एएमएपी)