रियल एस्टेट फर्मों के मंच क्रेडाई और परामर्श फर्म कोलियर्स और लियासेस फोरस के एक ताजा सर्वे के अनुसार देश में औसतन 100 में 58 डेवलपर कंपनियों का मानना है कि 2023 में देश में आवास की कीमतों में और वृद्धि होगी। कीमतों में वृद्धि का यह अनुमान बाजार में घरों की मजबूत मांग और साधनों की लागतों में उतार-चढ़ाव के कारण है।

देश के 58 फीसद बिल्‍डर्स मानते हैं इस साल मिलेगी अच्‍छी कीमत

इस सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 58 फीसदी बिल्डरों ने इस साल (2023) में आवास की कीमतों में इजाफा होने पर उम्मीद जताई है. साथ ही 32 फीसदी बिल्डरों का मानना है कि ये कीमतें स्थिर ही रहेंगी. यह रियल एस्टेट डेवलपर्स सेंटीमेंट सर्वे है. इसमें रियल्टी क्षेत्र के रियल्टर्स एपेक्स बॉडी क्रेडाई, रियल एस्टेट कंसल्टेंट कोलियर्स इंडिया और प्रॉपर्टी रिसर्च फर्म लियासेस फोरास को भी शामिल किया है.

मोदी सरकार के राज में बढ़ी है व्‍यापार की सुगमता

क्रेडाई नेशनल के प्रेसिडेंट हर्ष वर्द्धन पटोडिया ने कहा, ‘पिछले वर्ष काफी मजबूत गति मिली, जिसने पिछले दशक में रिकॉर्ड तोड़ बिक्री का नेतृत्व किया। इसलिए 70 फीसदी से अधिक बिल्डरों का मानना है कि 2023 में घरों की मांग या तो 25 फीसदी बढ़ जाएगी या स्थिर रहेगी। इसी रुझान के साथ अधिकांश बिल्डर (87 फीसदी) अपनी पेशकश का विस्तार करना चाहते हैं। जिससे इस साल निर्माणाधीन मौजूदा आपूर्ति के बराबर नए लॉन्चिंग में इजाफा होने की उम्मीद है। बढ़ती जनसंख्या, धन वृद्धि, और तेजी से शहरीकरण क्षेत्र के विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं। इसलिए गति को बनाए रखने में मदद करने के लिए लगभग 40 फीसदी बिल्डरों ने 2023 में सरकार से कारोबार में सुगम का अनुमान लगाया, जबकि अन्य 31 फीसदी ने युक्तिकरण/आयकर क्रेडिट जीएसटी का अनुमान जाहिर किया।

बिल्डर बाजार को लेकर आशावादी

एशिया कोलियर्स के चीफ एक्‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर व इंडिया मैनेजिंग डायरेक्टर मार्केट डेवलपमेंट रमेश नायर ने कहा कि सर्वेक्षण से पता चलता है कि बिल्डर बाजार को लेकर आशावादी बने हुए हैं। लगभग 43 फीसदी को लगता है कि आवासीय मांग 2023 में स्थिर रहेगी। बढ़ती ब्याज दरों के बावजूद घर खरीदार घर खरीदने को लेकर उत्साहित हैं। बिल्डर भी उन परियोजनाओं को लॉन्च करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो घर खरीदारों की जरूरतों के अनुरूप हैं और अपनी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने और मांग के आधार पर आपूर्ति लाने के लिए रणनीति तैयार कर रहे है।

कीमतें स्‍थिर रहने की बात करनेवाले बिल्‍डर्स भी 32 प्रतिशत

देश के 58 फीसदी बिल्डरों का मानना है कि 2023 में लागत बढ़ने, आर्थिक उतार-चढ़ाव  के कारण आवास की कीमतों में वृद्धि देखी गई है. सर्वेक्षण से यह पता चला कि लगभग 32 प्रतिशत डेवलपर का मानना है कि कीमतें स्थिर रह सकती है. वही दूसरी ओर 31 फीसदी का मानना है कि इसमें 25 फीसदी किराया में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. पिछले 2 महीनों में कराए गए संयुक्त सर्वेक्षण में देश के विभिन्न हिस्सों के 341 रियल एस्टेट डेवलपर ने भाग लिया है. साथ ही अपनी राय और मांग भी रखी है.

उच्च खर्च योग्य आय और सर्वोत्तम सुविधाओं से हुआ है मांग में इजाफा

सर्व के अनुसार ब्रांडेड आवास बिल्डरों के बीच एक स्पष्ट पसंदीदा विकल्प के रूप में उभरे हैं क्योंकि लगभग 31 फीसदी बिल्डर वैकल्पिक व्यवसाय मॉडल के रूप में प्लॉट आधारित डेवलपमेंट का पता लगाने के इच्छुक हैं। इसके बाद ब्रांडेड निवासों को 19 फीसदी बिल्डरों द्वारा पसंद किया गया। प्राय: सभी बिल्‍डर्स इस बात पर एक मत हैं कि उच्च खर्च योग्य आय और सर्वोत्तम सुविधाओं और खुली जगहों की बढ़ती आवश्यकता ने स्व-निहित आवासीय परिसरों की मांग को बढ़ा दिया है। भूमि की कम दरों और घर खरीदारों को दिए जाने वाले लचीलेपन के कारण प्लॉटेड डेवलपमेंट भी विशेष रूप से टियर-2 शहरों में लोकप्रिय हो रहे हैं।

87 फीसदी बिल्डर साल 2023 में नई आवासीय परियोजनाओं को लॉन्च करने के इच्छुक

सर्वे के मुताबिक इस साल नए लॉन्च में तेजी देखने को मिल सकता है। लगभग 87 फीसदी बिल्डर साल 2023 में नई आवासीय परियोजनाओं को लॉन्च करने के इच्छुक हैं। यह महंगाई के दबाव और किसी भी संकट के बावजूद बिल्डरों के बीच आशावाद को मजबूत करता है। हालांकि अगले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था, नियुक्तियों में स्थगन, और छंटनी की क्या स्थिति रहती है। इसको लेकर बिल्डरों के देखो और इंतजार करो के दृष्टिकोण को अपनाने की संभावना है।

बतादें कि बीते दो सालों में बिल्डर्स को मार्केट बंद होने के कारण कुछ खास हासिल नहीं हुआ था, लेकिन पिछले साल 2022 में इस सेक्टर ने अचानक तेजी पकड़ी, और अब 2023 में अच्छी ग्रोथ की उम्मीद जताई जा रही है। रियल एस्टेट में काम करने वाली कई कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट से मार्केट में जनता के बीच अच्छी पकड़ बनाई, साथ ही शानदार कारोबार भी किया।  आवास की कीमतों की बात करें तो पिछली कुछ तिमाहियों में अच्छी वृद्धि हुई है।  (एएमएपी)