गाजा पट्टी इलाके में किबुत्ज निर एम एक ऐसा गांव है, जिसका हमास के आतंकी कुछ नहीं बिगाड़ पाए, जितने भी आतंकियों ने गांव में घुसने की कोशिश की। उन्हें चुन-चुनकर मार गिराया। ये काम किया उस महिला ने, जिसकी सूझबूझ हमास के आतंकियों पर भारी पड़ गई। हमास के आतंतकी गांव में दाखिल होते उससे पहले ही इनबिल राबिन लिबरमैन नाम की इस महिला ने गांव के अन्य लोगों के साथ मिलकर करीब 25 हमास आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। अब इस महिला की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है।

ऐसे किया आतंकियों से मुकाबला

7 अक्टूबर की सुबह इनबल को ये अंदाजा हो गया था कि इजराइल पर हमला हुआ है। अब आतंकी गांव को निशाना बना सकते हैं। इसके बाद वह घर-घर भागी और बस्ती के लोगों के साथ एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैयार की। उस टीम में सभी को हथियार बांट दिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इनबल ने साफ तौर पर ये कहा कि जो भी गांव की बाड़ के करीब आए उसे छोड़ा न जाए। निर्दोष नागरिकों की हत्या करने के लिए जब आतंकी गांव की ओर बढ़े तो गांव की ओर से उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। इसके लिए शायद आतंकी भी तैयार नहीं थे। इसलिए इनबल और उसकी टीम का सामना नहीं कर पाए। गांव में जितने भी आतंकियों ने घुसने की कोशिश की। सबको वहीं ढेर कर दिया गया। बाद में जब इनकी गिनती हुई तो सामने आया कि मरने वाले 25 आतंकी थे।

इनबल राबिन की बहादुरी को सलाम

25 वर्षीय इनबल राबिन लिबरमैन की बहादुरी की वजह से ही गाजा पट्टी पर यह एक मात्र गांव ऐसा है जिस पर हमास के आतंकी कब्जा नहीं कर पाए। 7 अक्टूबर को जब हमास के हमले से पूरे देश में अफरा तफरी का माहौल था, तब इनबल राबिन यह योजना बना रही थीं कि गांव की सुरक्षा कैसे की जाए। दरअसल इनबल किबुत्ज निर एम गांव की सुरक्षा प्रमुख हैं, जो सामान्य और आपातकालीन हालात में गांव की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होता है, सुरक्षा प्रमुख काम काम ही पुलिस, सुरक्षा बलों और गांव के लोगों के बीच संपर्क स्थापित करना होता है। किबुत्ज गांव में इनबल को पिछले साल दिसंबर में ही नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपने चाचा अमी राबिन की जगह ये पद पाया था। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया।

अब तेल अवीव में हैं इनबल

आतंकियों का सफाया करने के बाद IDF की टीम ने गांव को खाली करा लिया, अब इनबल तेल अवीव के एक होटल में रुकी हैं, 9 अक्टूबर को उन्होंने अपना जन्मदिन भी मनाया। यहां मेयर रॉन हुल्दाई ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी इनबल की तारीफ की है और दर्जनों लोगों की जान बचाने के लिए आभार जताया है। इजराइल के विदेश मंत्रालय की ओर से इनबल की तारीफ की गई है।
गाजा पट्टी इलाके में किबुत्ज निर एम एक ऐसा गांव है, जिसका हमास के आतंकी कुछ नहीं बिगाड़ पाए, जितने भी आतंकियों ने गांव में घुसने की कोशिश की। उन्हें चुन-चुनकर मार गिराया। ये काम किया उस महिला ने, जिसकी सूझबूझ हमास के आतंकियों पर भारी पड़ गई। हमास के आतंतकी गांव में दाखिल होते उससे पहले ही इनबिल राबिन लिबरमैन नाम की इस महिला ने गांव के अन्य लोगों के साथ मिलकर करीब 25 हमास आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। अब इस महिला की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है।

लेडी डॉन की दुनियाभर में हो रही तारीफ

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमला के दौरान एक इजरायली महिला ने हौंसले से मोर्चा संभाला और चुन-चुनकर 25 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। हमले के वक्त वह घर-घर जाकर लोगों को हथियार दे रही थी। इस लड़की ने गांव के लोगों के एक ग्रुप का नेतृत्व करके दो दर्जन से ज्‍यादा आतंकियों को ढेर कर किबुत्‍ज के करीब एक गांव को ढहने से बचा लिया। बता दें कि इजरायल पर अचानक हुए हमास के हमले में सैकड़ों लोग मारे गए। गाजा पट्टी के पास किबुज में कम से कम 100 लोगों की लाशें मिली हैं जबकि यहां की आबादी 1000 के करीब ही है। आतंकियों ने यहां जमकर कहर बरपाया। दुनिया भर में इस लेडी डॉन की जमकर तारीफ हो रही है। दक्षिणी इजरायल के क्षेत्र में किबुत्ज निर एम नाम का एक गांव हैं।

इस गांव में आतंकी घुसे जरूर लेकिन वापस लौट नहीं पाए। यहां एक महिला के हौंसले से आतंकी मात खा गए। आतंकियों के गांव में घुसते ही इनबिल राबिन लिबरमैन नामक महिला ने गांव के अन्य लोगों के साथ मिलकर 25 हमास आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। महिला की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है।

लेडी डॉन ने कैसे किया आतंकियों का सफाया

7 अक्टूबर की सुबह इनबिल जैसे ही पता चला कि इजरायल पर हमास ने अटैक कर दिया है। उसके बाद उसे अंदाजा हो गया था कि आगे क्या होने वाला है? इसके बाद वह घर-घर गई लोगों को इकट्ठा किया। इसके बाद उसने सभी को हथियार दिए। इस दौरान उसने गांव के लोगों से कहा कि जो भी आतंकी गांव की तारबंदी के निकट आए उसे मार दिया जाए। इसके बाद जब हमास के आतंकी गांव की ओर बढ़े तो लोगों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी। ऐसे में गांव वालों ने एक-एक कर 25 आतंकियों को मौत की नींद सुला दी। (एएमएपी)