H-1B वीजा प्रक्रिया बदलने से भारतीयों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, जानें सारें सवालों का जवाब
अमेरिकी के होमलैंड सुरक्षा विभाग का कहना है कि प्रस्तावित H-1B वीजा में परिवर्तनों का उद्देश्य पात्रता आवश्यकताओं को सुव्यवस्थित करना, दक्षता में सुधार करना, नियोक्ताओं और श्रमिकों को अधिक लाभ और लचीलापन प्रदान करना है। नई दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) एच-1बी वीजा (H-1B Visa) आवेदन प्रणाली में बदलाव की योजना बना रहा है. मौजूदा एच-1बी वीजा प्रणाली के कारण हजारों भारतीय को अमेरिका में नौकरी करने का सुनहरा मौका मिला. अब अमेरिका में नौकरी के इच्छुक लाखों लोग इसे लेकर चिंतित हैं कि एच-1बी वीजा में क्या बदलाव होगा… क्या प्रकिया बदलने के बाद उन्हें अमेरिका में नौकरी करने का मौका मिल पाएगा…? आइए जानने की कोशिश करते हैं ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब…
क्या है H-1B वीजा
अमेरिका कई प्रकार के वीजा ऑफर करता है, जिसमें से एक है H-1B वीजा. यह एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जो अमेरिका में कंपनियों को सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता वाले विशेष व्यवसायों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है. आमतौर पर नियोक्ता तीन से छह साल के लिए अमेरिकी नौकरी की भूमिका के लिए विदेशी नागरिकों को नियुक्त करने के लिए एच-1बी वीजा प्रणाली का उपयोग करते हैं. एच-1बी वीजा धारक जिन्होंने अमेरिका में स्थायी निवासी दर्जे के लिए ग्रीन कार्ड प्रक्रिया शुरू कर दी है, वे आमतौर पर अनिश्चित काल के लिए कार्य वीजा को नवीनीकृत कर सकते हैं।
H-1B वीजा के लिए कैसे करते हैं आवेदन?
हर साल, अमेरिका 65,000 एच-1बी वीजा और उन आवेदकों को 20,000 से अधिक वीजा देता है, जिनके पास अमेरिकी संस्थान से मास्टर डिग्री या उससे अधिक की डिग्री है. प्रत्येक आवेदक को अमेरिकी नागरिकता और इमिग्रेशन सर्विस वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा और एच-1बी वीजा के लिए चुने जाने के लिए लॉटरी सिस्टम से गुजरना होगा. यदि किसी आवेदक का चयन हो जाता है, तो नियोक्ता उसकी ओर से याचिका दायर करके प्रक्रिया शुरू कर सकता है. टेक कंपनियां वर्तमान में सालाना हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा प्रक्रिया का उपयोग करती हैं।
H-1B वीजा प्रक्रिया में परिवर्तन क्यों?
अमेरिकी के होमलैंड सुरक्षा विभाग का कहना है कि प्रस्तावित परिवर्तनों का उद्देश्य पात्रता आवश्यकताओं को सुव्यवस्थित करना, दक्षता में सुधार करना, नियोक्ताओं और श्रमिकों को अधिक लाभ और लचीलापन प्रदान करना है. होमलैंड सिक्योरिटी के सचिव एलेजांद्रो एन मयोरकास ने कहा कि बाइडेन-हैरिस प्रशासन की प्राथमिकता वैश्विक प्रतिभा को आकर्षित करना, नियोक्ताओं पर अनुचित बोझ को कम करना और आव्रजन प्रणाली में धोखाधड़ी और दुरुपयोग को रोकना है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ…
एनडीटीवी ने एच-1बी वीजा प्रक्रिया में प्रस्तावित बदलावों पर अमेरिका स्थित लेखिका सौंदर्या बालासुब्रमणि से बात की. बालासुब्रमणि मास्टर डिग्री करने के लिए अमेरिका गई थीं. इसके बाद उन्होंने एच-1बी वीजा और फिर ग्रीन कार्ड प्राप्त करने की जटिल प्रक्रियाओं को पार कर लिया है. अब उनकी अपनी कंपनी है और उनकी किताबें कानूनी आप्रवासन के चक्रव्यूह से बचने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करती हैं।
प्रस्तावित परिवर्तनों के बारे में बालासुब्रमणि ने कहा कि एक कर्मचारी अब कई आवेदन जमा नहीं कर सकता है, जैसा अब करता रहा है. इसका मतलब है कि हर किसी को एच-1बी में लॉटरी सिस्टम के जरिए बराबर अवसर प्रदान होगा. यह एक बड़ा बदलाव है. वहीं, संस्थापकों के लिए एक अच्छी खबर है. अब आप अपनी कंपनी के माध्यम से एच-1बी वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं. वे इस दिशा में ढील देने जा रहे हैं कि नियोक्ता-कर्मचारी संबंध के रूप में क्या योग्यता है. इससे अधिक संस्थापकों को अमेरिका में अपनी कंपनियां बनाने के लिए एच-1बी का उपयोग करने की अनुमति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि तीसरा प्रस्तावित परिवर्तन एक कैप-मुक्त संगठन के रूप में अर्हता प्राप्त करने वाले संगठन का आधुनिकीकरण है. इसका अर्थ है कि ऐसे संस्थानों को कर्मचारियों को लॉटरी प्रणाली के माध्यम से रखने की आवश्यकता नहीं है. बालासुब्रमणि ने कहा, “वे इस प्रक्रिया का आधुनिकीकरण कर रहे हैं, इसलिए उम्मीद है कि एक कर्मचारी के रूप में आपके पास काम करने के लिए अधिक विकल्प होंगे, जहां आपको लॉटरी के माध्यम से जाने की ज़रूरत नहीं होगी।
नियोक्ताओं के लिए क्या परिवर्तन?
बालासुब्रमणि ने बताया कि नियोक्ताओं के लिए बड़ा बदलाव यह है कि एक ही व्यक्ति के लिए कई आवेदन डालने का प्रयास करके “आप सिस्टम से खिलवाड़ नहीं कर सकते”. उन्होंने कहा कि एक प्रस्ताव यह भी है कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा साइट का दौरा करने की प्रक्रिया को ठोस बनाया जाए. उन्होंने कहा, “वे आ सकते हैं और जांच कर सकते हैं कि आप एक वैध नियोक्ता हैं और आप केवल एच-1बी पर कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए एक दिखावटी कंपनी स्थापित नहीं कर रहे हैं.” बालासुब्रमणि ने कहा कि अधिकारी विशिष्ट व्यवसाय के रूप में क्या योग्यता रखते हैं, इसकी परिभाषा को भी कड़ा कर रहे हैं. उन्होंने बताया, “उदाहरण के लिए, आपके पास एक नौकरी है, एक ऐसी भूमिका जिसके लिए केवल सामान्य डिग्री की आवश्यकता होती है, लेकिन विशेष प्रशिक्षण की नहीं. तब आप उस नौकरी की भूमिका का उपयोग एच-1बी वीजा पर किसी कर्मचारी को नियुक्त करने के लिए नहीं कर सकते।
H-1B वीजा प्रक्रिया में कब शुरू होंगे बदलाव?
बालासुब्रमणि ने बताया कि ये सभी बदलाव सिर्फ प्रस्ताव हैं. अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है. यह प्रस्तावित होने के शुरुआती चरण में है. प्रस्तावित नियम बाद में फीडबैक के लिए सार्वजनिक किए जाएंगे. उन्होंने कहा, “जनता अपने विचार व्यक्त करेगी, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग सभी इनपुट एकत्र करेगा और अंतिम फैसले पर पहुंचेगा. उम्मीद है कि 2024 के अंत में जब तक यह लागू नहीं बन जाता, यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा।
क्या नहीं बदल रहा है?
क्या नहीं बदल रहा है… इस सवाल का जवाब देते हुए बालासुब्रमणि ने कहा, “जो नहीं बदल रहा, वो एच-1बी वीजा पर मौलिक सीमा है. 85,000 एच-1बी वीजा हैं जिन्हें हर साल अलग रखा जाता है और जारी किया जाता है. और यह नहीं बदला है पिछले दो दशकों में. यह (इस बार भी) बदलने वाला नहीं है, लेकिन लॉटरी में आपकी संभावना बढ़ सकती हैं, क्योंकि हर किसी को उचित मौका मिलते और कोई दुरुपयोग नहीं होगा। (एएमएपी)