वैश्विक वित्तीय संकट की आशंकाओं के बीच इक्विटी के लिहाज से निवेशकों के सबसे बुरा साल गुजरने वाला है, हालांकि आने वाला साल भी कुछ खास नहीं रहने वाला है। दिग्गज वैश्विक रणीनीतिकारों ने यही संकेत दिए हैं।  उनका मानना है कि वर्ष 2023 में निवेशकों को और अधिक नुकसान के लिए तैयार रहना चाहिए। इन रणीनीतिकारों में मॉर्गन स्टेनली, गोल्डमैन सैक्स ग्रुप और अन्य के शीर्ष रणनीतिकार समूह शामिल हैं। इन राणीनीतिकारों के अनुसार आने वाले वर्ष की पहली छमाही में शेयरों के भाव और गिर सकते हैं। यह मंदी कॉर्पोरेट आय के कमजोर रहने, आर्थिक विकास के धीमा पड़ने, आसमान छूती महंगाई और केंद्रीय बैंकों के कड़े रुख के कारण सामने आ सकती है।हालांकि इन एजेंसियों का मानना है कि फेडरल रिजर्व की ओर से दरों में वृद्धि बंद करने के बाद दूसरी छमाही में बाजार की हालत सुधर सकती है पर  वह सुधार भी 2022 के अंत की तुलना में मामूली हाेगा। जेपी मॉर्गन के वैश्विक इक्विटी रणनीतिकार मिस्लाव मातेजका ने एक साक्षात्कार में कहा, “इस साल शेयर बाजारों में जो जोखिम थे, वे खत्म नहीं हुए हैं और इससे मुझे विशेष रूप से वर्ष 2023 की पहली छमाही में बाजार के आउटलुक के बारे में कुछ बोलने में घबराहट होती है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार 22 रणनीतिकारों के अनुमानों को औसत रूप से देखें तो वर्ष 2023 में S&P 500  4,078 अंक तक पहुंच सकता है, अगर ऐसा होता है तो यह – वर्तमान स्तर से लगभग 7% अधिक होगा। बाजार के संबंध में सबसे आशावादी पूर्वानुमान 24% की वृद्धि का है, जबकि मंदी के की स्थिति में अनुमानों के मुताबिक बाजार 11% तक टूट सकता है। यूरोप के बाजारों की बात करें तो 14 रणनीतिकारों के एक संयुक्त  सर्वेक्षण में यह अनुमान लगाया है कि स्टॉक्स 600 में नए वर्ष के दौरान लगभग 5% की औसत वृद्धि दिख सकती है।

बाजार के रणनीतिकारों के मुताबिक केंद्रीय बैंकों की चिंता के केंद्र में मुख्य रूप से यूक्रेन में जारी लड़ाई और यूरोप में ऊर्जा संकट के कारण उत्पन्न मौद्रिक तंगी व अन्य चुनौतियों की गंभीरता है। उनके कारण महंगाई काबू पाने के केंद्रीय बैंकों की  सख्ती के कारण हाल ही में बाजार में कमजोरी दिखी है।

हाल ही में अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़ों में राहत दिखी पर केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों पर नियंत्रण करने पर ध्यान केंद्रित नहीं किया है। पिछले हफ्ते फेड और यूरोपीय सेंट्रल बैंक दोनों के ब्याज दरों में वृद्धि करने के कारण इक्विटी मार्केट में बड़ी गिरावट देखने को मिली। केंद्रीय बैंकों के रुख ने निवेशकों को याद दिलाया कि लंबे समय से प्रतीक्षित नीति बदलाव बहुत आसान नहीं होगा। इस बात का संदेश बैंक ऑफ जापान ने मंगलवार को अपनी बॉन्ड-यील्ड पॉलिसी में एक झटके में बढ़ोतरी के फैसले से लिया है।

वैश्विक रणनीतिकारों के अनुसार अमेरिकी शेयरों बाजारों में लगातार दूसरे पर बहुत कम ही गिरावट देखे गए हैं ऐसे में इस बात की उम्मीद बंधती है कि 2023 बाजार सकारात्मक रहेगा। 1928 के बाद से S&P 500 सिर्फ चार मौकों पर लगातार दो वर्षों में लुढ़के हैं।   ऐसा केवल द ग्रेट डिप्रेशन (1929), द्वितीय विश्व युद्ध, 1970 का तेल संकट और इस सदी की शुरुआत में डॉट-कॉम बुलबुले के फटने के दौरान हुआ था। (एएमएपी)