ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन ने बेरूत में कहा कि लेबनान के हिजबुल्लाह समूह लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है. इजरायल को जल्द से जल्द गाजा पर अपने हमले को रोक देना चाहिए. ईरान यूनाइटेड नेशन और अंतरर्राष्ट्रीय कम्युनिटी से लगातार इजरायल को रोकने का प्रयास कर रहा है. ईरान का कहना है कि अगर इजराइल अगर युद्ध अपराध पर लगाम नहीं लगाता है तो हालात बिगड़ सकते है। ईरान का कहना है कि इस महाविनाश को रोकने जिम्मेदारी अंतर्राष्ट्रीय की कम्युनिटी की है. ईरान के मंत्री के अनुसार, इसके दूरगामी परिणाम सामने आ सकते हैं. इसकी जिम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र, सुरक्षा परिषद और राज्यों की है. विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने लेबनान में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने बहुत देर पहले इजरायल को रुकने की चेतावनी दी थी।
हिजबुल्लाह से क्यों खौफ खाता है इजरायल?
इजरायल हिजबुल्लाह को सबसे बड़ा खतरा मानता रहा है. एक अनुमान है कि उसके पास करीब 150,000 रॉकेट और मिसाइलें मौजूद हैं. ये मिसाइलें लेजर गाइडेड हैं. ये इजराइल में कहीं भी मार करने की क्षमता रखती हैं. इस समूह ने सीरिया में चले 12 साल के संघर्ष में हिस्सा लिया था. इनके पास आधुनिक सैन्य ड्रोन भी शामिल हैं.अंतरर्राष्ट्रीय कम्युनिटी से लगातार इजरायल को रोकने का प्रयास कर रहा। ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन ने बेरूत में कहा कि लेबनान के हिजबुल्लाह समूह लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है. इजरायल को जल्द से जल्द गाजा पर अपने हमले को रोक देना चाहिए. ईरान यूनाइटेड नेशन और अंतरर्राष्ट्रीय कम्युनिटी से लगातार इजरायल को रोकने का प्रयास कर रहा है. ईरान का कहना है कि अगर इजराइल अगर युद्ध अपराध पर लगाम नहीं लगाता है तो हालात बिगड़ सकते हैं।
ईरान का कहना है कि इस महाविनाश को रोकने जिम्मेदारी अंतर्राष्ट्रीय की कम्युनिटी की है. ईरान के मंत्री के अनुसार, इसके दूरगामी परिणाम सामने आ सकते हैं. इसकी जिम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र, सुरक्षा परिषद और राज्यों की है. विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने लेबनान में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने बहुत देर पहले इजरायल को रुकने की चेतावनी दी थी।
हिजबुल्लाह से क्यों खौफ खाता है इजरायल?
इजरायल हिजबुल्लाह को सबसे बड़ा खतरा मानता रहा है. एक अनुमान है कि उसके पास करीब 150,000 रॉकेट और मिसाइलें मौजूद हैं. ये मिसाइलें लेजर गाइडेड हैं. ये इजराइल में कहीं भी मार करने की क्षमता रखती हैं. इस समूह ने सीरिया में चले 12 साल के संघर्ष में हिस्सा लिया था. इनके पास आधुनिक सैन्य ड्रोन भी शामिल हैं।
हिजबुल्लाह और इजरायल में क्या है दुश्मनी’
वैसे इजराइल हिजबुल्लाह को अपना सबसे गंभीर खतरा मानता है। अनुमान है कि उसके पास लगभग 150,000 रॉकेट और मिसाइलें हैं, जिनमें सटीक-निर्देशित मिसाइलें भी शामिल हैं जो इजराइल में कहीं भी मार कर सकती हैं। हिजबुल्लाह में सीरिया के 12 साल के संघर्ष में भाग लेने वाले हजारों लड़ाके हैं और इनके पास अलग-अलग तरह के सैन्य ड्रोन भी हैं। पिछले शनिवार को उग्रवादी फिलिस्तीनी समूह हमास के हमले के बाद इजराइल के साथ लेबनान की सीमाओं पर हिजबुल्लाह लड़ाके पूरी तरह से अलर्ट पर हैं, जिसमें सैकड़ों इजराइली नागरिक और सैनिक मारे गए थे। शनिवार को इजरायली सेना ने कहा कि लेबनान की सीमा पर एक इजरायली ड्रोन हमले में एक ‘सेल’ मारा गया, जो इजरायल में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा था। शुक्रवार को हिजबुल्लाह ने कहा कि उसके लड़ाकों ने सीमा पर चार इजराइली ठिकानों पर कई रॉकेट दागे। लेबनान में एक नए मोर्चे की संभावना ने 2006 में हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच एक महीने तक चले भयानक युद्ध की कड़वी यादें ताजा कर दीं, जो दोनों पक्षों के बीच गतिरोध और तनावपूर्ण तनाव में समाप्त हुआ था।
हमास-हिजबुल्लाह के साथ आया ईरान
हालांकि हमास के साथ-साथ ईरान लेबनान का साथ भी दे रहा है। ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन इसी कोशिश में लेबनान पहुंचे हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, होसैन अमीराब्दुल्लाहियन ने बेरूत में कहा कि लेबनान के हिजबुल्लाह समूह ने युद्ध के सभी परिदृश्यों को ध्यान में रखा है। इजराइल को जल्द से जल्द गाजा पर अपने हमले बंद करने चाहिए। अमीरबदोल्लाहियन ने कहा कि उन्होंने हिजबुल्लाह नेता सैय्यद हसन नसरल्लाह से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें लेबनान में समूह की स्थितियों के बारे में जानकारी दी। अमीरबदोल्लाहियान ने कहा, ‘मैं उन परिदृश्यों के बारे में जानता हूं जो हिजबुल्लाह ने पेश किए हैं। हिजबुल्लाह द्वारा उठाया गया कोई भी कदम जायोनी इकाई में एक बड़ा भूकंप लाएगा। (एएमएपी)