प्रदीप सिंह।

मैं बात कर रहा था बेनजीर भुट्टो की। राजीव गांधी की हत्या के बाद दुनिया भर से बड़े नेता अलग-अलग देशों के आए और जाने से पहले सभी 10 जनपथ में सोनिया गांधी से मिलने गए। सारी मुलाकातों में सोनिया गांधी के अलावा अगर कोई एक व्यक्ति मौजूद रहा तो वह हैं नटवर सिंह। वह हर मुलाकात में थे।नेताओं से परिचय कराना,उनसे बातचीत करना वही कर रहे थे। सोनिया गांधी ज्यादातर चुप ही रहती थीं।

क्या थी बेनजीर की सलाह

जब पाकिस्तान में पीएम रहते हुए बेनजीर भुट्टो बनी थीं मां, बर्खास्त करने की हुई थी मांग | When Benazir Bhutto became mother being Pakistan Prime minister, there was a demand dismissed -

इसी दौरान बेनजीर भुट्टो से मुलाकात हुई। बेनजीर भुट्टो ने कहा कि इतनी बड़ी हुई घटना हुई है अब आपको राजनीति से दूर रहना चाहिए और अपने बच्चों पर ध्यान दीजिए। सोनिया गांधी ने सुना और चुप रहीं। उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला। लेकिन नटवर सिंह को यह बात बुरी लग गई। अब देखिए कि कांग्रेस का किस तरह का इकोसिस्टम था जहां इस परिवार को एक तरह से राजा-रानी जैसा भाव दिया जाता था।

नटवर सिंह को इसलिए बुरा लगा कि सोनिया गांधी को बेनजीर भुट्टो ने ऐसा क्यों कहा- गांधी परिवार के लिए ऐसा क्यों कहा? इसके जवाब में नटवर ने बेनजीर से कहा कि आपने तो इस सलाह का पालन नहीं किया। पिता की मौत के बाद आप भी राजनीति में आ गईं तो फिर आप सोनिया गांधी को यह सलाह क्यों दे रही है। यह बात महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन इसके बाद नटवर सिंह ने जो कहा उससे आपको समझ में आ जाएगा कि इस परिवार के सदस्यों के मन में जो यह भाव है कि हम तो राज करने के लिए ही पैदा हुए हैं- वह क्यों है।

क्या था नटवर का जवाब

Who is K. Natwar Singh, the man behind Congress's sore spot? - Oneindia News

नटवर सिंह ने कहा कि गांधी परिवार का ट्रेडिशन (परंपरा) और लीगेसी इस देश की सेवा की रही है। लीगेसी का मतलब होता है विरासत। लीगेसी का डिक्शनरी में एक औरअर्थ है जो मुझे इस संदर्भ में ज्यादा सही लगता है। विरासत के अलावा दूसरा जो अर्थ है वह है बपौती। अब आप देखिए कि किस तरह की सोच है। इस परिवार ने देश से ज्यादा अपने परिवार की सेवा की है। इस परिवार ने देश के लिए जितना किया है, देश ने इस परिवार को उससे कई गुना ज्यादा दिया है। लेकिन भाव यह है कि हमने देश को दिया है। आज जो कुछ भारत है, जहां है जैसा है उसमें सबसे बड़ा योगदान हमारा है। इस परिवार का मानना है कि कांग्रेस पार्टी का मतलब वह है जो देवकांत बरुआ ने कहा था कि ‘इंडिया इज इंदिरा, इंदिरा इज इंडिया’। दरअसल, यह परिवार मानता है कि यह परिवार ही कांग्रेस है। इस परिवार के हटने के बाद कांग्रेस का कोई मतलब नहीं है। यह जो सोच है इसमें अभी भी कोई बदलाव नहीं आया है। अभी भी ये लोग जमीनी हकीकत को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। हर साल लग रहा है कि जैसे कांग्रेस अब किसी न किसी राज्य से पूरी तरह से साफ हो जाएगी। 2021 में पश्चिम बंगाल में हुआ और अब उत्तर प्रदेश में। नटवर ने आगे कहा कि देखिए, गांधी परिवार अपने इस धरोहर को नहीं छोड़ सकता है। इसका मतलब क्या हुआ? …यानी यह देश गांधी परिवार की धरोहर है! सोनिया गांधी यह सब सुनती रहीं और चुप रहीं। मेरा यह कहना है कि अगर सोनिया गांधी ने बेनजीर भुट्टो के उस सुझाव को मान लिया होता तो आज देश की दशा और दिशा, भारतीय राजनीति की दिशा, उसकी परिस्थिति अलग होती। सोनिया गांधी की चुप्पी ने कांग्रेस ही नहीं, देश का भी बड़ा नुकसान किया है।

किसी परिवार की धरोहर नहीं यह देश

The Story Behind Nehru & Indira Gandhi's Bharat Ratna | IndiaFactsIndiaFacts

नेहरू और इंदिरा गांधी तक के समय को छोड़ दीजिए तो उसके बाद देखिए कि इस परिवार ने देश को दिया क्या है और इस परिवार के कारण देश की क्या स्थिति बनी है। कांग्रेस के लोगों को इस पर मंथन और चिंतन करना चाहिए। आज भी अगर इनके मन में यह है कि यह देश उनकी धरोहर है तो आप इससे अंदाजा लगा लीजिए कि कम से कम डेमोक्रेसी में तो उनका कोई यकीन नहीं है। यह देश संविधान से चलता है। यह देश किसी भी नेता, प्रधानमंत्री या किसी पद पर बैठा कोई व्यक्ति हो या किसी परिवार का हो, उसकी धरोहर नहीं है- उसकी थाती नहीं है। इस देश की थाती, देश की धरोहर इसकी संस्कृति, सभ्यता और आध्यात्मिक विरासत है। यह गलतफहमी तब तक दूर नहीं होगी, जब तक कांग्रेस के लोग इस पर परिवार को यह अहसास नहीं कराएंगे कि यह देश 140 करोड़ लोगों का है, उनसे बनता है, किसी एक परिवार से नहीं। किसी एक परिवार का अहसानमंद नहीं है। इस देश के लोगों ने इस परिवार को जितना सम्मान, जितना समर्थन, जितनी इज्जत दी है शायद ही किसी परिवार को मिला है। उसके बावजूद आप देखिए कि भ्रष्टाचार, संस्थाओं का सिस्टमैटिक तरीके से खात्मा, देश की सुरक्षा को खतरे में डालना, देश के हितों के साथ समझौता- यह सूची बड़ी लंबी है। आप गिनाते जाइए, इस सूची में आपको तमाम विषय मिल जाएंगे। आज देश में भ्रष्टाचार का जो स्तर है उसमें अगर सबसे बड़ा योगदान किसी का है तो इस पार्टी का- इस परिवार का है।

देश में अगर वंशवाद की राजनीति ने जड़ें जमाईं और फली-फूली तो उसका श्रेय या उसकी जवाबदेही इसी परिवार की है। इस परिवार ने दिखाया कि वंशवाद के जरिये भी डेमोक्रेसी में फला-फूला जा सकता है और डेमोक्रेसी को डायनेस्टिक डेमोक्रेसी में बदला जा सकता है। लेकिन अब लोगों में जागरूकता बढ़ गई है। लोग अब सब समझने लगे हैं। उनको समझ में आने लगा है कि कौन उनके भले के लिए सोच रहा है और कौन उनका भला नहीं चाहता है। यह जो जागरूकता है उसका नतीजा आप देख रहे हैं कि चुनाव दर चुनाव कांग्रेस की दुर्गति हो रही है। दुर्गति का यह सिलसिला रुकने वाला नहीं है। गांधी परिवार के लिए यह अच्छा होगा कि अपने मन से इस बात को निकाल दें कि यह देश उनकी रियासत है और इस देश की जनता उनकी रियाया है। यह भाव, यह सोच छोड़ देना देश के लिए भी अच्छा है, पार्टी के लिए भी अच्छा होगा और परिवार के लिए भी अच्छा होगा। लेकिन मुझे उम्मीद नहीं है कि ऐसा होगा। (समाप्त)