इनकम टैक्स स्लैब में फिर नहीं हुआ बदलाव, कॉरपोरेट टैक्स घटा 

आपका अखबार ब्यूरो। 

कोरोना और महंगाई की वजह से पहले से परेशान वेतनभोगियों को एक बार फिर बजट से निराशा हाथ लगी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव न कर करोड़ों सैलरीड क्लास को झटका दे दिया है। उन्हें किसी अन्य तरीके से भी टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है। जबकि कॉरपोरेट को टैक्स में तीन फीसदी की छूट दी गई है। यानी वेतनभोगियों की जेब तो खाली रह गई जबकि कॉरपोरेट को कुछ राहत जरूर मिल गई।

नहीं बदला इनकम टैक्स स्लैब

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2022 के आम बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लगातार बढ़ती महंगाई और पिछले दो साल से कोरोना से हलकान नौकरीपेशा वर्ग इसबार इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद कर रहा था। लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। आखिरी बार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव 2014 में किया गया था। उस वक्त टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया था। यानी2.5 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है। जबकि2.5 लाख से 5लाख रुपये तक की आमदनी पर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगता है। इसी साल 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए इनकम टैक्स स्लैब को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया था।

हालांकि लोग अब दो साल तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इनकम टैक्स रिटर्न में अगर गलती से कुछ छूट जाता है तो उसमें सुधार भी किया जा सकता है।इसकी वजह बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि हम विश्वास आधारित टैक्स व्यवस्था बनाने चाहते हैं। गलतियों को दूर करने के लिए टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त भुगतान की सुविधा के साथ रिटर्न को अपडेट करने की सुविधा मिलेगी।

सरकारी कर्मचारियों का एनपीएस टैक्स छूट बढ़ा

हालांकि केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों को जरूर थोड़ी सुविधा मिली है। सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में अब 10% की जगह 14% योगदान होगा। यानी इन कर्मचारियों के एनपीएस में केंद्र और राज्य सरकारों का योगदान अब 14% होगा।

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कॉरपोरेट टैक्स घटा

कोरोना से हलकान कंपनियों ने भी वित्त मंत्री से टैक्स में राहत की उम्मीद की थी। वेतनभोगियों की उम्मीदों पर भले ही पानी फिर गया लेकिन कंपनियों को निराश नहीं होना पड़ा। सुस्त अर्थव्यस्था को मजबूती देने के इरादे से वित्त मंत्री ने कॉरपोरेट टैक्स को 18 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने का प्रस्ताव किया है। टैक्स में तीन फीसदी की राहत कॉरपोरेट के लिए अच्छा माना जा रहा है। साथ ही सहकारी संस्थाओं को बढ़ावा देने के लिएउन पर लगने वाले सरचार्ज को 12 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी करने का प्रस्ताव किया गया है।

क्रिप्टो करेंसी पर 30% टैक्स

वित्त मंत्री ने बिटकॉइन और इस जैसी दूसरी क्रिप्टो करेंसियों से होने वाली आमदनी को भी अब टैक्स के दायरे में लाने का ऐलान किया है। मंगलवार को संसद में आम बजट पेश करते हुए उन्होंने बताया कि अब क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आमदनी पर 30% टैक्स लगेगा।यानी अब निवेशकों को क्रिप्टो से कमाई पर टैक्स देना होगा।यही नहीं, बजट में यह भी ऐलान किया गया कि एक सीमा से ऊपर की डिजिटल संपत्ति के ट्रांसफर पर एक प्रतिशत टीडीएस लगेगा।जबकिगिफ्ट के तौर पर मिलने वाली डिजिटल संपत्तियों पर भी टैक्स लगेगा।