बुखार होने पर अक्सर लोग पैरासीटामोल खाते हैं ये एक ऐसी दवा है जो शायद सभी के यहां मिलेगी। लेकिन क्या आप जानते हैं पेरासीटामोल की थोड़ी सी भी ज्यादा मात्रा या लगातार पैरासीटामोल खाने से आपका लिवर डैमेज हो सकता है। यूके की एक यूनिवर्सिटी एडिनबर्ग की रिसर्च के मुताबिक लोगों के लिवर डैमेज होने का एक कारण पैरासीटामोल की अधिका मात्रा भी है। रिसर्च के मुताबिक जो लोग ज्यादा पैरासीटामोल खाते हैं उन लोगों को हॉस्पिटल का रास्त जल्दी देखना पड़ सकता है।

हर साल बिकते हैं करीब 200 करोड़ पैकेट

प्रॉफेसर नीलसन का कहना है कि एक निश्चित मात्रा से हालांकि इसका कोई नुकसान नहीं है लेकिन जो लोग पैरासीटामोल ज्यादा खाते हैं उनके लिए ये दवा घातक साबित हो सकता है। पैरासीटामोल एक ऐसी दवा है जो पूरी दुनिया में किसी भी मेडिकल स्टोर पर बहुत की आसानी से मिल जाती है। बता दें कि यूके में हर साल करीब 200 करोड़ पैकेट पैरासीटामोल के बिकते हैं। प्रॉफेसर के मुताबिक लिवर की कम से कम 100 से ज्यादा बीमारियां होती हैं। इसलिए जिन लोगों को भी किडनी या लिवर से जुड़ी कोई परेशानी है उन्हें पैरासीटामोल लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

क्या कहती है रिसर्च

एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट की स्टडी के मुताबिक पैरासिटामाल का असर लीवर की कोशिकाओं पर होता है। 2006 में छपी स्टडी के मुताबिक यूके में पैरासिटामॉल की ओवरडोज पेनकिलर एसिटामिलोफिन के साथ लीवर फेलियर का सबसे कॉमन कारण है। यही नहीं अमेरिका में एक्यूट लीवर फेल होने का अकेला सबसे बड़ा कारण पैरासिटामॉल है। एक रिपोर्ट के मुताबिक डाक्टर का कहना है कि पैरासिटामाल सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली दवा है। जिसे दर्द कम करने से लेकर बुखार उतारने तक के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस दवा से लीवर को खतरा तब है जब इसकी ज्यादा डोज या लंबे समय तक डोज ली जाती है। ये प्रमाणित है कि दवा की वजह से लीवर डैमेज होना और लीवर फेल होना तभी होता है जब लंबे समय तक लीवर में टॉक्सिटी बनी रहती है।

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कब होता है पैरासिटामॉल से नुकसान

डाक्टर का कहना है कि जब पैरासिटामॉल की डोज बताई गई मात्रा से ज्यादा ली जाए, बिना मेडिकल सलाह के ली जाए, एल्कोहल के साथ ली जाए, लीवर की खास तरह की कंडीशन में ली जाए या फिर किसी खास तरह की दवाओं के साथ ली जाए। जिसके साथ लेना मना हो, तब लीवर डैमेज का खतरा बढ़ जाता है। पैरासिटामॉल की वजह से लीवर को नुकसान नहीं होता बल्कि ये पैरासिटामॉल के विघटन से होने वाले एनएपीक्यूआई की वजह से होता है। एनएपीक्यूआई लीवर के ग्लूटाइथिओन को कम कर देता है और सीथे लीवर की कोशिकाओं को डैमेज करता है। इसका पता पैरासिटामॉल खाने के बाद ब्लड लेवल की जांच से हुआ है।

पैरासिटामॉल की कितनी डोज है सुरक्षित

डाक्टरों का कहना है कि 24 घंटे में 8 से ज्यादा टैबलेट नहीं खानी चाहिए। अगर इस दवा को सही तरीके से और संभावित नुकसान को समझकर के साथ खाया जाए तो ये आमतौर पर सुरक्षित है और लीवर के खतरे को कम करती है।(एएमएपी)