सर्व आदिवासी समाज (एसएएस) ने आरक्षित सीट सहित कम से कम 50 सीट पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। एसएएस के संरक्षक अरविंद नेताम ने ऐलान किया है कि समाज सभी 29 आरक्षित सीट के साथ 20 सामान्य सीट पर चुनाव लड़ेगा। एसएएस मैदान में उतरती है, तो आरक्षित सीट पर समीकरण बदल सकता है। क्योंकि, अधिकतर आदिवासी सीट पर जीत का अंतर दस हजार से कम था।

यही वजह है कि पिछले साढ़े चार वर्षों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार आदिवासियों को भरोसा बरकरार रखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। एक तरफ जहां आदिवासी संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए अभियान चला रही है, वही रानी दुर्गावती की प्रतिमाएं स्थापित कर रही है। रानी दुर्गावती को आदिवासी समाज कई दशकों से देवी के तौर पर पूजा करता रहा है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, सर्व आदिवासी समाज के नेता अरविंद नेताम ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, इस मुद्दे पर समाज में मतभेद हैं। उन्होंने कहा कि समाज चुनाव लड़ेगा या नहीं, वह उनका मामला है, पर कांग्रेस इसके लिए तैयार है। पार्टी अपना पुराना प्रदर्शन दोहराने की पूरी कोशिश करेगी। इसके साथ पार्टी एसटी आरक्षित सीट पर जीत दर्ज करेगी। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के लिए 29 और अनुसूचित जाति के लिए दस सीट आरक्षित हैं।(एएमएपी)



