पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान सोमवार को जमानत के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय पहुंचे। उच्च न्यायालय ने सात मुकदमों में इमरान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर घमासान चल रहा है। बीते शुक्रवार को इमरान खान की अग्रिम जमानत की अवधि सोमवार, 27 मार्च तक के लिए बढ़ा दी गयी थी। जिन मामलों में इमरान की अग्रिम जमानत की अवधि बढ़ी थी उनमें से एक इस्लामाबाद में एक न्यायिक परिसर में कथित हमले से संबंधित है। पाकिस्तान सरकार की ओर से इस मामले में इमरान की अग्रिम जमानत अवधि बढ़ाने का यह कहते हुए विरोध किया गया था कि उन्हें इस्लामाबाद की अदालत से जमानत हासिल करनी चाहिए। इमरान की ओर से लाहौर उच्च न्यायालय में कहा गया था कि इस्लामाबाद की एक अदालत में पेशी के दौरान इस्लामाबाद पुलिस और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के जवानों ने उनकी कार पर आंसू गैस के गोले दागे थे, जिसके बाद उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी। इमरान ने दावा किया था कि इस्लामाबाद में उनकी हत्या की साजिश रची गई थी और यही कारण है कि वह लाहौर लौट आए।

इमरान खान ने अदालत से कहा है कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वह उस वीडियो को देखे जिसमें वे न्यायिक परिसर के बाहर 40 मिनट तक इंतजार करते रहे। इमरान ने कहा कि वह कुल 140 मुकदमों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से 40 मुकदमे आतंकवाद से जुड़े हैं। हर मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश होना संभव नहीं है। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से इमरान को राहत भी मिल गयी है। उन्हें सात मामलों में गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।(एएमएपी)