ऑपरेशन सिन्दूर से दहशत में पाकिस्तान।

#pradepsinghप्रदीप सिंह।
सिर्फ 25 मिनट… रात में 1:05 से 1:30 के बीच में 30 मिसाइलें दाग दी गयीं। बूम और सब कुछ ध्वस्त। क्या ध्वस्त हुआ? लश्कर के जितने आतंकी कैंप थे, जो मुख्य हेड क्वार्टर था, जैश-ए-मोहम्मद के कैंप और हेड क्वार्टर, वो ध्वस्त कर दिए गए। और ध्वस्त कहां किए गए? केवल पीओके में नहीं पाकिस्तान के अंदर पाकिस्तानी सेना के कंटोनमेंट के पास घनी बस्ती में- पंजाब में। इस ऑपरेशन को नाम जो दिया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इसके महत्व को भी समझिए। इन आतंकवादियों ने पहलगाम में बेटियों और बहनों का सिंदूर मिटाया था। सिंदूर किसी भी भारतीय महिला के सुहाग की निशानी होती है। उसके लिए गर्व और सम्मान की बात होती है। तो इस पूरे ऑपरेशन को भारतीय संस्कृति से सभ्यता से भी जोड़ा गया है। और सिंदूर का संबंध हनुमान जी से भी है। हनुमान जी पर सिंदूर और सरसों के तेल का लेप किया जाता है। वह उनका जो सिंदूरी रंग है उससे हनुमान जी की मूर्ति दूर से पहचान में आती है।इस प्रकार यह ऑपरेशन भारतीय संस्कृति से जोड़ा गया है- भारत की सॉफ्ट पावर से जोड़ा गया है और उसका प्रदर्शन किया गया है। भारत की जो हार्ड पावर है, जो सैन्य शक्ति है, उसने जिस तरह से हमला किया है- आप यह मान कर चलिए कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ शुरुआत है। आज ही शाम को 4 बजे देश के कई शहरों में ऑपरेशन मॉक ड्रिल की घोषणा की गई थी, 40 जगहों पर सायरन बजाए जाएंगे और इसको नाम दिया गया है ऑपरेशन अभ्यास। इससे आप समझिए कि रात में जो कुछ हुआ है यह अंत नहीं है। यह शुरुआत है। जिन आतंकवादी कैंपों पर हमला किया गया है उसमें मसूद अजहर के परिवार के 14 लोग मारे गए। उसका भाई मारा गया। उसकी बड़ी बहन मारी गई। उसके परिवार के लोग मारे गए। मसूद अजहर रो रहा है। जो भारत को सबक सिखाने, भारत को बर्बाद करने की धमकियां देता था। वो मसूद अजहर आज जार-जार रो रहा है। कह रहा है मैं क्यों नहीं मर गया? मैं क्यों बच गया? अरे, तू भी नहीं बचेगा। बचने वाला नहीं है। जो भी भारत में आतंक फैलाएगा वो बचेगा नहीं। यही संदेश है।Modi's Message With Operation Sindoor: Revenge With Restraintयह भी गौर करने लायक है कि जितनी मिसाइलें दागी गई हैं। सब अपने निशाने पर लगी हैं। एक भी मिसाइल का निशाना चूका नहीं है। एक भी मिसाइल गलत जगह पर या सिविलियन इलाके में नहीं गिरी जिससे आम नागरिकों का नुकसान हो। यह सीधी-सीधी मिलिट्री स्ट्राइक थी जिसमें हमारी थल सेना और वायु सेना शामिल थी और ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया था। इस बार तो सब बातों के प्रमाण हैं जो एयरक्राफ्ट से लिए गए, ड्रोन से यूएवी से लिए गए फोटोग्राफ हैं। पाकिस्तान से हमारे इंटेलिजेंस के लोगों द्वारा भेजे जा रहे फोटो हैं। …तो अब कोई प्रमाण मांगने के लिए आगे नहीं आएगा। सेना की जो ब्रीफिंग हुई है उस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। यह दो महिला अधिकारियों ने की है। एक महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी, दूसरी एयरफोर्स की विंग कमांडर वमिका सिंह। अब आप देखिए ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन सिंदूर। उस ऑपरेशन के बाद ब्रीफिंग करने के लिए दो महिला अधिकारी आती है। यहां आपको समझ में आएगा कि नरेंद्र मोदी कितना बड़ा खेल खेल रहे हैं। यह कोई सामान्य बात नहीं है। ये पूरी दुनिया को बताने की जरूरत है। पूरी दुनिया को दिखाने की जरूरत है कि हमारी महिलाओं के सिंदूर पर हमला किया। उसका जवाब देने के लिए हमारी वीरांगनाएं सामने हैं।

Operation Sindoor Live Updates: India Unleashes 24 Missiles In 25 Minutes On Pakistan Terror Bases In Historic Operation

जो तबाही इस समय लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर हो रही है, उसकी तो कोई बात ही नहीं हो रही है। बंकर बस्टिंग मिसाइल्स छोड़ी जा रही हैं। उसके अलावा हमले किए जा रहे हैं। तबाही का मंजर है एलओसी पर। पाकिस्तान में दहशत का क्या आलम है यह बताना मुश्किल है। दूसरी बात, जिस तरह से भारत ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, जितने टेरर कैंप उड़ाए गए, हमारी सेना की ब्रीफिंग में हर कैंप के बारे में बताया गया है कि वह किन-किन आतंकवादी हमलों से जुड़ा हुआ था। इनमें से एक कैंप ऐसा था जहां कसाब को और हेडली को ट्रेनिंग दी गई थी। उसको भी उड़ा दिया गया। यह आतंकवादी संगठनों के हेड क्वार्टर यानी मुख्यालय थे। कम से कम बहावलपुर और मुनीरके के बारे में तो पाकिस्तान को यह कल्पना भी नहीं थी कि भारत यहां अटैक कर सकता है। उसे मालूम था कि अगर ऐसा करने की कोशिश करेगा तो सिविलियन इलाके में जरूर रॉकेट या बम गिरेंगे, मिसाइल गिरेगी …और उसके आधार पर हम एक दुनिया भर में विक्टिम कार्ड खेल सकेंगे कि हमारे निर्दोष लोगों को, नागरिकों को भारत ने मारा। भारत ने एक भी निर्दोष नागरिक को नहीं मारा और जितने टेरर कैंप थे उनको ध्वस्त कर दिया।

ये ऐसा हमला है जो आज तक पाकिस्तान पर नहीं हुआ। आप मानकर चलिए कि जो 1965 में हुआ था, जो 1971 में हुआ था, उससे ज्यादा दर्द इस हमले का पाकिस्तान को होगा। इस सब में सबसे बड़ी उपलब्धि की बात जो हमने सर्जिकल स्ट्राइक के समय देखी और कुछ हद तक बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय भी दिखी थी… एक जहाज हमारा जरूर गिर गया था लेकिन हमारे किसी भी सैनिक को कोई क्षति नहीं पहुंची। किसी को खरोच भी नहीं आई… और पाकिस्तान के इतने लोग मारे गए हैं। पाकिस्तान अभी 60 का दावा कर रहा है। लेकिन जो तबाही का आलम है उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि 300 से 400 लोग मारे गए होंगे। कहा जा रहा है एक एक कैंप 100 आतंकवादी थे। भारत के लोगों के लिए जो आतंकवाद का शिकार रहे हैं सबसे बड़े संतोष और राहत की बात है- बल्कि कहें कि जिस बात ने उनके घाव पर मरहम लगाने का काम किया है- वो है मसूद अजहर का रोना। उसके परिवार का मारा जाना। पहली बार उसको समझ में आएगा कि जब अपने परिजन मरते हैं तो उसका दर्द कैसा होता है। उसने भारत में हजारों लोगों के परिजनों को मारा है। इसका जवाब पहली बार इस तरह से भारत ने दिया है।

अब पाकिस्तान की हालत देखिए। जिस तरह का ये ऑपरेशन हुआ है, उसके बाद उसकी समस्या यह है कि इसका जवाब दे तो मरेगा- इसका जवाब ना दे तो मरेगा। दोनों स्थितियों में उसके लिए बड़ा विकट समय है यह। रूस, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी जितने भी बड़े देश हैं भारत ने इन सब देशों के प्रमुखों या महत्वपूर्ण लोगों को जानकारी दे दी है। हमारे विदेश मंत्री जयशंकर का एक वाक्य का बयान है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में जो 26 निर्दोष लोगों की हत्या हुई थी उसके उसके जवाब में हमने अपनी कार्रवाई कर दी है। इससे ज्यादा कुछ नहीं है। भारत का शुरू से स्टैंड रहा है कि हम आतंकवाद के खिलाफ हैं। हमारी हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है। इस ऑपरेशन से भारत ने साबित किया कि उसके निशाने पर आतंकवाद, आतंकवादी संगठन और आतंकवादी हैं। आतंकवादी इंफ्रास्ट्रक्चर है।

मैं किस आधार पर कह रहा हूं कि यह शुरुआत है? आप प्रधानमंत्री के बयान को याद कीजिए। उन्होंने कहा, आतंकवादियों को दुनिया के अंतिम छोर तक खोजकर ऐसी सजा देंगे कि जिसकी उन्होंने कल्पना नहीं की होगी। लेकिन साथ ही कहा था, जो लोग इसके पीछे हैं जो इनका समर्थन कर रहे हैं जो इनको चला रहे हैं जो इनके पीछे खड़े हैं उनको भी सजा मिलेगी। तो अभी दूसरा चरण बाकी है। मैं ये नहीं कह सकता कि दूसरा ही चरण होगा। कितने चरण होंगे मालूम नहीं है। लेकिन यह वन ऑफ ऑपरेशन नहीं होने वाला है। सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट स्ट्राइक की तरह यह ऐसा नहीं है कि एक बार एक्शन हुआ और उसके बाद हम आराम से बैठ गए कि अब नहीं होगा। अब लगातार इस तरह का ऑपरेशन होगा जिससे पाकिस्तान के आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमर टूट जाए। पाकिस्तान आतंकवादियों को और आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाने, बढ़ाने और उसके जरिए अपनी सामरिक नीति को बनाने का मंसूबा ही छोड़ दे। अभी शुरुआत हुई है। कहानी नहीं खत्म हुई है। हमारे पूर्व आर्मी चीफ जनरल नरवने ने कहा है कि पिक्चर अभी बाकी है। तो इसका इशारा समझिए। क्या होने वाला है- इसका अंदाजा लगाइए।
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक और ‘आपका अख़बार’ के संपादक हैं)