भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज वैल्यू रिटेल स्पेस में बड़ा धमाका करने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक कंपनी ब्रिटेन की दिग्गज फैशन रिटेलर प्राइमार्क को भारत लाने के लिए बातचीत कर रही है। 55 साल पुराना यह ब्रांड सस्ते कपड़ों और जूतों के लिए जाना जाता है और पिछले कुछ समय से भारत में एंट्री मारने का मौका खोज रहा है। इस ब्रांड का मालिकाना हक लंदन की लिस्टेड कंपनी एसोसिएट्स ब्रिटिश फूड्स के पास है और दुनियाभर में इसके 400 से अधिक स्टोर हैं। प्राइमार्क के भारत आने से टाटा के जूडियो, लैंडमार्क ग्रुप के मैक्स और शॉपर्स स्टॉप के इनट्यून को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है।रिलायंस इंडस्ट्रीज ब्रिटेन के रिटेलर प्राइमार्क के जरिए भारत के रिटेल मार्केट में दबदबा बढ़ाने का प्रयास करेगी। अगर यह डील फाइनल होती है तो भारत में टाटा के जूडियो, लैंडमार्क समूह के स्वामित्व वाले मैक्स और शॉपर्स स्टॉप के इनट्यून के सामने एक नई चुनौती होगी। बता दें कि ये सभी रिटेल मार्केट में सस्ती कीमत पर फैशन, गारमेंट्स आदि से जुड़े आइटम्स उपलब्ध कराते हैं।

55 साल पुरानी कंपनी

ब्रिटेन की दिग्गज रिटेल कंपनी प्राइमार्क का स्वामित्व एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड्स के पास है। 55 साल पुरानी यह कंपनी लंदन के स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड है और इसके ग्लोबली 400 से अधिक स्टोर हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी पिछले कुछ वर्षों से भारतीय बाजार पर नजर रख रही है और ज्वाइंट वेंचर या लाइसेंसिंग रूट के जरिए रिलायंस के साथ साझेदारी कर सकती है। बता दें कि चीन में प्राइमार्क का ज्यादा दबदबा है। इसके बाद भारत का स्थान आता है।

मॉल में नहीं होंगे स्टोर

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अधिकांश स्टोर हाई स्ट्रीट पर होने की उम्मीद है, जो ग्लोबल रिटेल सेलर्स से अलग है। ग्लोबल रिटेल सेलर्स आमतौर पर मॉल को प्राथमिकता देते हैं। मतलब ये कि अगर रिलायंस और प्राइमार्क के बीच डील होती है तो इसके स्टोर मॉल में नहीं होंगे बल्कि हाई स्ट्रीट पर होने की उम्मीद है।

फैशन मार्केट पर फोकस

प्राइमार्क के साथ मिलकर रिलायंस, फैशन सेग्मेंट में ना सिर्फ दबदबा बढ़ाने के प्रयास में है बल्कि भारत के मार्केट में स्थापित खिलाड़ियों को चुनौती देना चाह रही है। रिलायंस के पोर्टफोलियो में 18,774 से अधिक स्टोर हैं। यह भारत में जारा और H&M जैसे फास्ट-फैशन ब्रांडों के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा करता है।

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आर्थिक सेहत है दमदार

प्राइमार्क और रिलायंस के बीच साझेदारी एक संयुक्त उद्यम या लाइसेंसिंग समझौते के माध्यम से हो सकती है। बता दें कि कोरोना महामारी के प्रभाव के बावजूद, इस ब्रिटिश ब्रैंड के रिवेन्यु में हाल के वर्षों में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है। इसका एक प्रमुख कारण ये है कि प्राइमार्क के कपड़े और जूतों की औसत कीमत दूसरे प्रमुख रिटेलर्स से कम है। प्राइमार्क के सोर्स की बात करें, तो ब्रिटेन की ये कंपनी चीन पर काफी हद तक निर्भर है। इसके बाद दूसरा नंबर भारत का आता है। हमारे देश की कई छोटी-बड़ी कंपनियां इसके लिए सप्लाई करती हैं।

इस पर निर्भर है सफलता

प्राइमार्क ग्लोबल लेवल पर काफी मजबूत ब्रैंड है, लेकिन भारत में उसकी सफलता कई बातों पर निर्भर है। मसलन, वो भारतीय उपभोक्ताओं की जरूरतों को किस तरह पूरा करता है, उसकी प्रोडक्ट रेंज देश में मौजूद दूसरे ब्रैंड की तुलना में कितनी कम है, आदि। टाटा ग्रुप का जूडियो और लैंडमार्क ग्रुप का मैक्‍स इसलिए अपनी पकड़ बना पाए हैं, क्योंकि यहां मिलने वाले उत्पाद सस्ते और अच्छे होते हैं। किफायती फैशन सेगमेंट में इन दोनों ने ही अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर ली हो। वैसे, इस कैटेगरी में रिलायंस के ट्रेंड्स और यूस्टा भी आते हैं। बता दें कि प्राइमार्क की मौजूदगी कई देशों में है और इसे 1969 में आर्थर रयान ने स्थापित किया था। पिछले साल तक इसमें करीब 76,000 कर्मचारी काम करते थे।(एएमएपी)