पंजाब में दीपावली के मौके पर लोगों ने जमकर पटाखे चलाए, लेकिन किसानों ने दीपावली का फायदा उठाकर खेतों में जमकर पराली जलाई। पंजाब में दीपावली तथा उससे अगले दिन 48 घंटों के भीतर पराली जलाने के 2611 मामले सामने आए हैं।सोमवार शाम को पंजाब में 1,624 मामले सामने आए। पिछले दो दिनों में राज्य भर से खेतों में आग लगने की कुल 2611 घटनाएं सामने आई हैं। इसमें धान के अवशेष जलाने की 987 घटनाएं दिवाली के दिन की शामिल हैं। हालांकि, पंजाब में नौ नवंबर से लेकर 11 नवंबर के बीच पराली जलाने की घटनाओं में कमी देखी गई थी। नौ नवंबर को राज्य भर से खेतों में आग लगने की 639 घटनाएं सामने आईं। इसी तरह 10 नवंबर को पराली जलाने के महज छह मामले और 11 नवंबर को 104 मामले सामने आए थे।

बठिंडा में सबसे अधिक 272 खेतों में आग लगने की घटनाएं रिपोर्ट हुईं, जबकि दूसरे नंबर पर संगरूर है, जहां 216 केस सामने आए हैं। इसी तरह मुक्तसर में 191, फाजिका में 171, मोगा में 164, बरनाला में 132, फरीदकोट में 129, मनसा में 110, फिरोजपुर में 98, पटियाला में 41, लुधियाना में 36, मलेरकोटला में 25, अमृतसर में 12, फतेहगढ़ साहिब में 9, होशियारपुर और तरनतारन में दो-दो मामले सामने आए हैं।

राज्य में एक अक्टूबर से 13 नवंबर तक खेत में आग लगने के कुल 26 हजार 341 मामले सामने आ गए हैं, जिनमें 22 हजार 555 मामले 29 अक्टूबर से 13 नवंबर के बीच महज 16 दिनों में सामने आए। यह इस सीजन की घटनाओं का तकरीबन 85 प्रतिशत है।

दिल्‍ली की हवा में घुला पटाखों का जहर, प्रदूषण स्‍तर गंभीर श्रेणी में

पंजाब पुलिस महानिदेशक के अनुसार दो दिन के भीतर 245 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पराली जलाने पर निगरानी रखने के लिए बनी पुलिस व जिला स्तरीय टीमों और फ्लाइंग स्क्वाड की 638 टीमों ने 3836 व्यक्तियों पर कुल 88.23 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। (एएमएपी)