पाकिस्‍तान आर्थ‍िक रूप से कमजोर हो रहा है, अब अपनी हालात सुधारने और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से जरूरी ऋण लेने के लिए उसके पास एक ही रास्‍ता बचा है कि वह अधिक महंगाई करे, अधिक से अधिक राजस्‍व संग्रह करे और अपने सरकारी खजाने को भरा बताकर जरूरी राशि अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍थानों से बतौर ऋण लेने में सफल हो जाए। इससे यहां की जनता में हाहाकार मच गया है। गरीबों को दो जून की रोटी मिलना मुश्‍किल में पड़ गया है। पूरे पाकिस्‍तान में इस वक्‍त बिजली बिलों में बेतहाशा वृद्धि किए जाने के बाद प्रदर्शन का दौर चल रहा है। वहीं, दूसरी ओर फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में राजस्व संग्रह प्रदर्शन के साथ-साथ आने वाले महीनों के अनुमानों की समीक्षा करने के लिए सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ आभासी वार्ता फिर से शुरू करेगा।  जिसमें कि आईएमएफ टीम एफबीआर के प्रदर्शन और मार्च में उठाए गए राजस्व उपायों पर चर्चा करेगी, इसके बाद पिछले बजट में आगे के कर उपायों पर चर्चा होगी।

इस संबंध में जानकारी में आया है कि पाकिस्‍तान के एक अधिकारी  ने यहां के डॉन समाचार पत्र को बताया है कि “हम आईएमएफ टीम को पहले दो महीनों – जुलाई और अगस्त – के राजस्व प्रदर्शन के बारे में जानकारी देंगे।” जुलाई 2023 में, ऋणदाता के कार्यकारी बोर्ड ने देश के आर्थिक स्थिरीकरण कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान के लिए 3 बिलियन डॉलर की नौ महीने की स्टैंड-बाय व्यवस्था (एसबीए) को मंजूरी दी थी। इस अधिकारी के मुताबिक, राजस्व प्रदर्शन पर यह बैठक एसबीए का हिस्सा है।

वहीं, आधिकारिक ने इस बात का भी दावा किया है कि बोर्ड ने जुलाई के लिए राजस्व अपेक्षाओं को पार कर लिया है और अगस्त के लक्ष्यों को भी पूरा करने की राह पर है एफबीआर ने जुलाई 2023 महीने के लिए अपने राजस्व लक्ष्य को 4 अरब रुपये से अधिक कर लिया है। महीने का अनुमानित लक्ष्य 434 अरब रुपये था। एफबीआर अगस्त महीने के लिए भी अपने लक्ष्य को पूरा करने की राह पर है, और इस महीने के राजस्व संग्रह के आंकड़े आने वाले दिनों में सार्वजनिक होने की उम्मीद है।

पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि

राजस्व संग्रह में वृद्धि में प्राथमिक योगदान पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि का रहा है। इससे खुदरा कीमतों में वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक राजस्व संग्रह हुआ है। इसका कहना यह भी है कि  “अब तक की सबसे ऊंची मुद्रास्फीति के कारण हमें अधिकतम राजस्व प्राप्त हो रहा है।” जुलाई में राजस्व संग्रह में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 16.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। समीक्षाधीन माह के दौरान एफबीआर ने रिफंड में 49 अरब रुपये का भुगतान किया। इसी प्रकार, चालू माह के दौरान प्रत्यक्ष करों में 30 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि जारी है। सरकार ने FY24 के लिए 9.415टीआर रुपये के राजस्व संग्रह लक्ष्य का अनुमान लगाया है, जबकि FY23 में 7.2टीआर रुपये के संशोधित संग्रह के मुकाबले, 2.219टीआर या 30पीसी की वृद्धि देखी गई है।

उसे चालू वित्त वर्ष के लिए 3.5 प्रतिशत की अनुमानित आर्थिक वृद्धि, 21 प्रतिशत की औसत मुद्रास्फीति और कुछ राजस्व उपायों के आधार पर 30 प्रतिशत अधिक राजस्व लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है। राजस्व में स्वायत्त वृद्धि – जीडीपी वृद्धि और मुद्रास्फीति से आने वाली – 2023-24 में 1.76tr रुपये होने का अनुमान है।वित्तीय वर्ष (FY24) के लिए नए कर उपायों का योग अब 948 बिलियन रुपये है। फरवरी के मध्य में मिनी बजट में पेश किए गए 500 अरब रुपये के सभी करों के अलावा, बजट भाषण में घोषित राजस्व उपाय 223 अरब रुपये थे। 24 जून को बजट भाषण के समापन पर, 215 बिलियन रुपये के नए कर लगाए गए। FY23 में, FBR अपने वार्षिक बजटीय संग्रह लक्ष्य से लगभग रु.522बीएन या 8.83पीसी से चूक गया, जबकि FY23 के लिए अनुमानित लक्ष्य रु.7.64टीआर था।(एएमएपी)