पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़, जो अब पंजाब भाजपा के अध्यक्ष हैं, को चुनौती देते हुए बाजवा ने उनसे यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि क्या उनके भतीजे और कांग्रेस विधायक संदीप जाखड़ कांग्रेस में रहेंगे या भाजपा में शामिल होंगे।

बता दें कि कई राज्य इकाई खासकर पंजाब और दिल्ली कांग्रेस इकाई के विरोध के बावजूद कांग्रेस ने दिल्ली सर्विस बिल के मुद्दे पर आप को समर्थन देने का फैसला राष्ट्रीय स्तर पर किया था ताकि विपक्षी एकता में दरार न आ सके। लेकिन बाजवा के बयान से साफ होता है कि विपक्षी गठबंधन INDIA में विभिन्न दलों के बीच जमीनी स्तर पर अभी भी अंदरूनी गांठ बरकरार है, जो 2024 के लोकसभा चुनावों में उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
विपक्षी गठबंधन एक तरफ एक सीट एक उम्मीदवार की बात कर रहा है और देशव्यापी महागठबंधन की कोशिशों में जुटा है लेकिन राज्यों में ये दल एक-दूसरे के खिलाफ तलवार खींचे हुए हैं। अभी हाल ही में सीपीएम ने भी ऐलान किया था कि वह पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस से कोई समझौता नहीं करेगी।(एएमएपी)



