कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति के रंगों में सराबोर दिखी गणतंत्र दिवस परेड
स्वदेशी बंदूक प्रणाली 105-एमएम इंडियन फील्ड गन के साथ 21 तोपों की सलामी दी गई

देश के 75वें गणतंत्र दिवस का मुख्य कार्यक्रम राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर हुआ। परेड में दुनिया ने भारत का शौर्य देखा। साथ ही विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों की झांकी में देश की समृद्ध संस्कृति ने अभिभूत किया। इस बार का गणतंत्र दिवस कई मायनों में खास रहा। हमेशा परेड की शुरुआत सैन्य बैंड के साथ होती आई है, लेकिन इस बार देशभर की 100 महिला सांस्कृतिक कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ परेड का आगाज किया और अंत में भारत ने अपने लड़ाकू विमानों से हवाई ताकत दिखाई। इस बार की परेड विकसित भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, आत्मनिर्भर सैन्य कौशल और बढ़ती नारी शक्ति के रंगों में सराबोर दिखी। परेड के दौरान भारत की नारी शक्ति ने देशवासियों को गर्व करने का मौका दिया। 26 जनवरी वह दिन है जब देश ने संविधान को अपनाया था।

लगभग 13 हजार विशेष अतिथियों ने लिया हिस्सा

इस बार समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों रहे। यह छठा मौका था जब भारत के गणतंत्र दिवस परेड में फ्रांस को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। परेड में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, एकता एवं प्रगति, बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं के दम पर इसकी सैन्य शक्ति और देश में बढ़ती नारी शक्ति को प्रदर्शित किया गया। ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’ विषयों पर आधारित इस वर्ष की परेड में लगभग 13 हजार विशेष अतिथियों ने हिस्सा लिया। सरकार की ओर से यह एक ऐसी पहल थी, जिसमें समाज के सभी वर्ग के लोगों को इस राष्ट्रीय पर्व में शामिल होकर उत्सव मनाने और जन भागीदारी को प्रोत्साहित करने का अवसर मिला।

100 से अधिक महिला कलाकार हुईं शामिल

पहली बार परेड की शुरुआत 100 से अधिक महिला कलाकारों ने भारतीय संगीत वाद्य यंत्र शंख, नादस्वरम, नगाड़ा आदि बजाते हुए मधुर संगीत के साथ की। यह महिला कलाकार कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए तीनों सेनाओं की महिला टुकड़ी की पहली भागीदारी का भी गवाह बनीं। सलामी उड़ान के माध्यम से छह लड़ाकू महिला पायलटों ने भी नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व किया। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की टुकड़ियों में भी केवल महिला कर्मी ही शामिल हुईं। महिला कलाकारों के बैंड ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों का वादन कर माहौल को पूरी  तरह से भारतीयता के रंग में रंग दिया।

पीएम ने की युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित

गणतंत्र दिवस परेड सुबह 10.30 बजे शुरू हुई और लगभग 90 मिनट तक चली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परेड से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद नायकों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर पहुंचे। समारोह स्थल पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों पारंपरिक बग्घी में ‘राष्ट्रपति के अंगरक्षक’ की निगरानी में पहुंचे। परंपरा के अनुसार सबसे पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। इसके बाद स्वदेशी बंदूक प्रणाली 105-एमएम इंडियन फील्ड गन के साथ 21 तोपों की सलामी दी गई। फिर 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 IV हेलीकॉप्टरों ने कर्तव्य पथ पर उपस्थित दर्शकों पर फूलों की वर्षा की।

फ्रांस के राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने एक दूसरे को लगाया गले

इस बीच गणतंत्र दिवस समारोह से फ्रांस के राष्ट्रपति और पीएम मोदी की जुगलबंदी की खास तस्वीरें सामने आई हैं। इस दौरान इमैनुएल मैक्रों ने पीएम मोदी से हाथ मिलाया और एक दूसरे को गले लगाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राजनाथ सिंह ने युद्ध स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी मौजूद रहे। परेड में हिस्सा लेने के लिए इमैनुएल मैक्रों के साथ फ्रांस की 95 सदस्यीय मार्चिंग टीम और 33 सदस्यीय बैंड दल भी भारत आया।

नए लुक में दिखे पीएम मोदी

पीएम मोदी बांधनी साफा या कहें ‘पगड़ी’ पहने हुए नजर आए। ये साफा कई रंगों से बना हुआ है और इसकी लंबाई भी काफी है। पीएम की पगड़ी का रंग मुख्य तौर पर पीला है और ये रंग भगवान राम से जुड़ा हुआ भी माना जाता है। पीएम साफा के अलावा पारंपरिक कुर्ता और चूड़ीदार पायजामा पहनकर पहुंचे। उनके कुर्ते और पायजामे का रंग सफेद है और उसके ऊपर उन्होंने ब्राउन रंग का जैकेट पहना है। पीएम काले रंग के जूते भी पहने हुए थे।

कर्तव्य पथ पर फ्लाईपास्ट

राष्ट्रपति मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर सलामी मंच से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इसके बाद राष्ट्रगान बजा और 21 तोपों की सलामी दी गई। जिसके बाद कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड शुरू हुई। कर्तव्य पथ पर सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर्स ने ध्वज फॉर्मेशन में कर्तव्य पथ पर फ्लाईपास्ट किया। साथ ही भारतीय सेना के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार विजेता परमवीर चक्र और अशोक चक्र से सम्मानित जाबांजों ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया।

भारतीय संस्कृति के अनूठे रंगों का हुआ प्रदर्शन

इस बैंड में पश्चिम बंगाल के ढाक और ढोल बजाने में 16 महिला कलाकार भी शामिल रहीं, साथ ही आठ कलाकार शंख बजा रहीं थी, जो सुनने के अनुभव को और बेहतर बना रहे थे। बैंड के सुरों को बढ़ाते हुए 10 कलाकारों ने केरल के पारंपरिक ड्रम चेंडा का वादन किया और 30 कलाकारों ने कर्नाटक के ऊर्जावान ढोलू कुनिथा का प्रदर्शन किया। नादस्वरम, तुतारी और झांझ को संभालने वाले चार कलाकारों के साथ संगीत समारोह अपने चरम पर पहुंच गया, जिससे कर्तव्य पथ पर भारतीय संस्कृति के अनूठे रंगों का शानदार प्रदर्शन हुआ।

गणतंत्र दिवस की परेड में दिखा प्रभु श्रीराम का बाल स्वरूप

कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में निकलने वाली झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया। इसमें सबसे खास उत्तर प्रदेश की झांकी रही। अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उत्तर प्रदेश की झांकी में भी श्रीरामलला का बाल स्वरूप नजर आया। वहीं, रैपिड रेल मॉडल और ब्रह्मोस मिसाइल को भी इस झांकी में शामिल किया गया था। उत्तर प्रदेश की झांकी विकसित भारत-समृद्ध विरासत की थीम पर आधारित है।

पिनाका रॉकेट हथियारों का प्रदर्शन

वहीं, भारतीय सेना की रॉकेट रेजीमेंट ने कर्तव्य पथ पर पिनाका रॉकेट हथियारों का प्रदर्शन किया। इस रेजीमेंट का नेतृत्व 262 फील्ड रेजीमेंट की लेफ्टिनेंट प्रियंका सेवदा ने किया। इसके अलावा फ्रांस की सैन्य टुकड़ी ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया। फ्रांस की टुकड़ी में म्यूजिक बैंड और मार्चिंग दस्ता शामिल रहा। यह दस्ता फ्रांस की सेना की सेकेंड इंफेंट्री रेजीमेंट का हिस्सा है। (एएमएपी)