अरिंदम बागची ने कही ये बात
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि चीनी अधिकारियों ने लक्षित और पूर्व-निर्धारित तरीके से अरुणाचल प्रदेश के कुछ खिलाड़ियों को हांगझू में होने वाले 19वें एशियाई खेलों में मान्यता और प्रवेश से वंचित करके उनके साथ भेदभाव किया है। भारत प्रदेश या जातीयता के आधार पर भारतीय नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार को दृढ़ता से अस्वीकार करता है। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और रहेगा।

चीन ने किया नियमों का उल्लंघन
प्रवक्ता ने कहा, “चीन द्वारा हमारे कुछ खिलाड़ियों को जानबूझकर और चुनकर खेलने से रोकने के खिलाफ नई दिल्ली और बीजिंग में कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है। चीन की कार्रवाई एशियाई खेलों की भावना और खेल आयोजनों से जुड़े नियमों का उल्लंघन करती है। नियमों में स्पष्ट रूप से सदस्य देशों के प्रतिभागियों के खिलाफ भेदभाव पर प्रतिबंध है।”
बागची ने कहा कि इसके अलावा चीनी कार्रवाई के खिलाफ विरोध स्वरूप सूचना एवं प्रसारण तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने खेलों के लिए चीन की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है। भारत सरकार देश के हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखती है।
पूर्व खेल मंत्री रिजीजू ने भी की कड़ी आलोचना
पूर्व खेल मंत्री किरेन रिजीजू ने भी इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा- मैं चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के हमारे वूशु एथलीटों को वीजा देने से इनकार करने के इस कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं, जिन्हें हांगझोऊ में 19वें एशियाई खेलों में भाग लेना था। यह खेल की भावना और एशियाई खेलों के संचालन को नियंत्रित करने वाले नियमों दोनों का उल्लंघन करता है। अरुणाचल प्रदेश कोई विवादित क्षेत्र नहीं बल्कि भारत का अभिन्न अंग है। अरुणाचल प्रदेश के संपूर्ण लोग अपनी भूमि और लोगों पर चीन के किसी भी अवैध दावे का दृढ़ता से विरोध करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को चीन की नाजायज कार्रवाई पर लगाम लगानी चाहिए।(एएमएपी)



