नई दिल्ली । भारत हमेशा ने आतंकवाद के मुद्दे को दुनिया के सामने मजबूती से उठा रहा है. एक बार फिर भारत को इसके लिए एक बड़ा मौका मिलने वाला है. दरअसल भारत इस महीने के आखिर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद विरोधी समिति की दो बैठकों की मेजबानी करेगा. इसमें ताज पैलेस होटल में एक अनौपचारिक लेकिन प्रतीकात्मक बैठक शामिल है. यह वही ताज पैलेस होटल है जिसे साल 2008 में आतंकवादियों ने अपना निशाना बनाया था.

 

 

इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि ये सांतवी बार होगा जब आतंकवाद-रोधी समिति की बैठक न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर किसी अन्य देश में हो रही है. ये 2015 के बाद से संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से दूर होने वाली पहली बैठक भी होगी. जानकारी के मुताबिक आतंकवाद विरोधी समिति में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 स्थायी और गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं और भारत 2022 के लिए समिति का अध्यक्ष है. मामले से परिचित लोगों ने कहा कि समिति का भारत में मिलने के लिए सहमत होना भारत द्वारा आतंकवाद विरोधी प्रयासों से जुड़े महत्व को दर्शाता है.

ताज पैलेस में होने वाली बैठक से जाएगा बड़ा संदेश

काउंटर टेररिज्म कमेटी का ज्यादातर औपचारिक काम नई दिल्ली में होने वाली बैठक में किया जाएगा. इसमें सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों और संयुक्त राष्ट्र के अन्य सदस्य देशों के बीच विचार-विमर्श शामिल होगा जिसमें विशेष सदस्य आमंत्रित होंगे और आतंकवाद और सुरक्षा पर एक्सपर्ट्स ब्रीफिंग भी देंगे. ताज पैलेस होटल में बैठक – जहां पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों ने नवंबर 2008 में मुंबई की तीन दिवसीय घेराबंदी के दौरान 30 से अधिक लोगों की हत्या कर दी थी – औपचारिक बैठक से पहले होगी. यह भारतीय पक्ष के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों को यह दिखाने का अवसर होगा कि कैसे देश सालों से सीमा पार आतंकवाद का शिकार रहा है.

आतंकवाद-रोधी समिति के सदस्य बैठक की शुरुआत आतंकवादी हमले में मारे गए 166 लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कर सकते हैं. इस हमले में मरने वालों में लगभग 30 विदेशी शामिल थे, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य भी शामिल थे.