भारत ने दुनिया में फहराई योग की पताका।
भारत में प्राचीन काल से योग की परंपरा रही है। स्वस्थ रहने के लिए नियमित योग को बेहद फायदेमंद बताया गया है। योग की महत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्जा दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 14 सितंबर 2014 को प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव पर 195 में से 175 देशों ने अपनी सहमति जताई। उसके बाद 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने घोषणा की कि हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को तीन महीने से भी कम समय में पास किया। यह पहला प्रस्ताव है जिसे महासभा ने इतनी जल्दी पास किया। इसके बाद 21 जून, 2015 को दिल्ली में हजारों लोगों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग कर दुनिया को निरोग रहने का संदेश दिया। 84 देशों से लोग इस समारोह को देखने ऑनलाइन जुटे थे। ये पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस था। तबसे हर साल 21 जून को पूरी दुनिया योग दिवस मनाती है।
शरीर से लेकर मस्तिष्क तक के लिए फायदेमंद योग

योग हमारी लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा है। यह आज से नहीं बल्कि कई सालों से भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा बना हुआ है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए और योग को लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। योग शरीर से लेकर मस्तिष्क तक के लिए भी फायदेमंद है। यह आपके शरीर को लचीलापन रखने के साथ-साथ मांसपेशियों में ताकत और बॉडी टोन करने के लिए में भी फायदेमंद है। योग आपके जीवन में एक नई उर्जा का प्रवाह करता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की थीम
‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ का उद्देश्य दुनिया के लोगों को योग के जरिए कई भौतिक और आध्यात्मिक लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस बार की थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग’ है। वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ है- धरती ही परिवार है। इस थीम से तात्पर्य धरती पर सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिए योग की उपयोगिता से है।(एएमएपी)



