
भारत दुनिया का एक मामले में पहला देश बन गया है। इससे पहले अब तक क्या हुआ है इसकी बात कर लें। भारत ने पाकिस्तान के चार एयर डिफेंस सिस्टम- जिसमें लाहौर का एयर डिफेंस सिस्टम भी शामिल है- नष्ट कर दिए हैं। यानी इन चार एयर डिफेंस सिस्टम से पाकिस्तान को भारत की मिसाइल्स के बारे में, भारत के फाइटर जेट के बारे में, या द्रोण के बारे में, जो सूचना मिल सकती थी वो सब अब नहीं मिलेगी। जो बचाव कर सकता था वह अब नहीं कर पाएगा।एक तरह से पाकिस्तान का आधे से ज्यादा एयर डिफेंस सिस्टम भारत ने नष्ट कर दिया है। यह बताता है कि पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम कितना कमजोर था। उसके पास जो एयर डिफेंस सिस्टम है वो ज्यादातर चीन का दिया हुआ है। दूसरी बात, उसके पास सबसे ज्यादा ड्रोन हैं जो उसको तुर्की से मिले हैं। कुछ गिफ्ट में मिले हैं। कुछ खरीद कर मिले हैं। तुर्की मजहब के नाम पर पूरी तरह से पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है। आर्थिक रूप से भी और हथियारों के साथ भी। लेकिन इन तुर्की के ड्रोन को भारतीय सेना इस तरह से गिरा रही है जैसे पका हुआ आम पेड़ से गिरता है। पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल से 15 शहरों पर अटैक करने की कोशिश की। और यह दुनिया में शायद पहला उदाहरण होगा जब एक भी मिसाइल या ड्रोन या कोई भी ऑब्जेक्ट जो हमला करने के लिए आया था, वो भारत की धरती पर हमला नहीं कर पाया। कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाया। भारतीय सेना का कोई नुकसान नहीं हुआ है। कल एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर के किनारे बसे कुछ गांव में जरूर आर्टिलरी फायर की वजह से कुछ नागरिकों की मौत हुई है।
भारतीय सेना ने कल शाम के बाद जिस बंकर से निर्दोष नागरिकों पर लगातार आर्टिलरी फायर हो रहा था, उस बंकर को उड़ा दिया। भारत की ओर से आर्टिलरी फायर भी तेज कर दी गई है। मुंहतोड़ जवाब पाकिस्तान को दिया जा रहा है। दूसरी बात, भारत ने जो वादा किया था पाकिस्तान के किसी मिलिट्री इंस्टॉलेशन पर अटैक नहीं किया गया है। तो पाकिस्तान को निकलने का भारत अब भी मौका दे रहा है। पीछे हट जाओ। हम जो कार्रवाई कर रहे हैं वो आतंकवादियों की गतिविधियों के खिलाफ, आतंकवादी संगठनों के खिलाफ, आतंकवादियों के खिलाफ और आतंकवादियों के जो ठिकाने हैं उनके खिलाफ कर रहे हैं। आप जो कार्रवाई करने की कोशिश कर रहे हैं उसमें भारत की मिलिट्री इंस्टलेशंस को टारगेट कर रहे हैं। भारत की आम जनता को टारगेट कर रहे हैं।
यह एक तरह का युद्ध है। युद्ध की घोषणा है। जो एस्केलेशन लेडर है वह लगातार ऊपर जा रहा है और भारत के पास उसको फॉलो करने या उसका जवाब देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। इसीलिए दुनिया में कोई कुछ बोल नहीं रहा है। अमेरिका ने हाथ खड़े कर दिए हैं। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने कहा कि हम ना तो भारत को रोक सकते हैं और कह सकते हैं कि हथियार छोड़ दो, ना पाकिस्तान को कह सकते हैं। वो दोनों देश आपस में निपटें। तो इस एक तरह से अमेरिका ने पल्ला झाड़ लिया। अमेरिका जो 1947 के बाद से लगातार हर युद्ध के समय या हर ऐसे संकट के समय या हर आतंकवादी हमले के समय यह बयान तो जरूर देता था कि हम आतंकवाद के खिलाफ हैं लेकिन पाकिस्तान का साथ देता था, उसको हथियार और पैसे भी देता था। इस बार पाकिस्तान को अमेरिका से न तो आर्थिक मदद मिल रही है और ना सैनिक मदद मिल रही है। कुल मदद जो पाकिस्तान को मिल रही है वो दो देशों टर्की और चीन से मिल रही है। इसके अलावा दो-तीन और देश हैं जो मजहब के नाम पर पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति दिखा रहे हैं। उनकी ओर से किसी तरह की मदद का कोई आश्वासन या मदद मिली हो, इसके अभी तक कोई प्रमाण, सबूत सामने नहीं आए हैं।
पाकिस्तान लगातार इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी पर सीज फायर का उल्लंघन कर रहा है। यह भी एक तरह से युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। तो भारत के पास रिटालिएशन का अधिकार है। चूंकि पाकिस्तान ने हमारे मिलिट्री इंस्टालेशंस को निशाना बनाया तो भारत के पास भी अब यह आधार है कि वह पाकिस्तान के मिलिट्री इंस्टालेशंस को निशाना बनाए। दूसरी बात अभी तक एयरफोर्स और आर्मी का इस्तेमाल हम कर रहे थे। अब इस बात की संभावना बढ़ गई है कि नेवी भी इस कारवाई या ऑपरेशन सिंदूर में शामिल हो। उसका कारण यह है कि जो कराची का पोर्ट है वहां पर इस समय हार्बर के अंदर आठ शिप्स हैं, जिनमें से एक चीन का कारगो शिप (सामान ढोने वाला शिप) है। उसके अलावा हार्बर के बाहर तीन क्लियर वाटर ज़ोन्स हैं। नेवल अटैक के लिए यह आइडियल माना जाता है। भारत नेवल अटैक के लिए कराची पोर्ट पर तैयार है। करेगा, नहीं करेगा, यह हमें आगे पता चलेगा। जब भारत कोई ऐसा एक्शन लेगा तब मालूम होगा। लेकिन भारत की तैयारी पूरी है। परिस्थितियां पूरी भारत के पक्ष में हैं। इस समय कराची पोर्ट पर जो स्थिति है ऐसा लगता है ज्यादातर देशों ने अपने शिप्स हटा लिए हैं। ऐसे में भारत को अगर लगेगा कि इसके जरिए पाकिस्तान को और ज्यादा सबक सिखाया जा सकता है तो वो उसे समझाने के लिए ये एक्शन ले सकता है।
मैंने शुरू में कहा था कि भारत पहला देश बन गया है दुनिया का। दुनिया में जो एयर अटैक होता है वो फाइटर जेट से हो, मिसाइल्स से हो या ड्रोन से- उसके इंटरसेप्शन का जो रिकॉर्ड है, उसमें रूस का रिकॉर्ड है 80% का है। रूस ऐसे 80% हमलों को इंटरसेप्ट कर लेता है। उसको बढ़ाया इजराइल ने। वो 98 से 99% तक ले गया। उस पर हमास की ओर से और ईरान की ओर से जितने हमले हुए उनमें 98 से 99% को उसने न्यूट्रलाइज किया। भारत ने कल 100% इंटरसेप्शन का रिकॉर्ड बनाया है। एक भी मिसाइल, एक भी ड्रोन, एक भी फाइटर जेट भारत की धरती पर कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाया। पाकिस्तान का कोई हमला कामयाब नहीं हुआ। हर हमले को नाकाम किया गया। भारत की सेना की तरफ कोई कैजुअल्टी नहीं हुई है। यह अपने आप में अभूतपूर्व है। तो भारत इस तरह के इंटरसेप्शन में दुनिया का पहला देश बन गया है। पूरी दुनिया के लिए एक नया उदाहरण उसने पेश किया है कि हमारी शक्ति क्या है? हमारी सेनाओं की शक्ति क्या है? हमारी योजना किस तरह की है? और सबसे बड़ी बात यह कि हमारे पास किस तरह के उपकरण हैं। किस तरह के सैनिक साजो सामान हैं जो भारत की सुरक्षा के लिए पर्याप्त हैं। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए उनकी इफेक्टिवनेस का टेस्ट भी हो गया है। उधर पाकिस्तान के पास जो उपकरण हैं उनकी इफेक्टिवनेस भी टेस्ट हो गई। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए मालूम हो गया कि पाकिस्तान के पास कुछ नहीं है। आर्थिक रूप से वो कंगाल हो रहा है।
आज आईएमएफ की बैठक है। पाकिस्तान ने कर्ज मांगा है उस पर बैठक होनी है। भारत उसका विरोध कर रहा है। वह अमेरिका पर भी दबाव डाल रहा है कि पाकिस्तान को लोन ना मिले। पाकिस्तान का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व लगातार घटता जा रहा है। दो दिन पहले यानी ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले उसके पास 8 बिलियन डॉलर का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व था जो और कम हो गया होगा और आने वाले दिनों में और कम होगा। मिलिट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान के पास जो ताकत बची है उससे वो सात से आठ दिन तक लड़ाई में बना रह सकता है, इससे ज्यादा की उसके पास ताकत नहीं है। उसका सैनिक साजो सामान गोला बारूद सब धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है और नई सप्लाई के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं।
हालांकि युद्ध के बारे में आप कुछ नहीं कह सकते कि कितने दिन चलेगा, कितना लंबा चलेगा। रूस, यूक्रेन का युद्ध सामने है। इजराइल और हमास का युद्ध सामने है। लेकिन अभी जो स्थिति है उसमें लग रहा है कि ऑपरेशन सिन्दूर हफ्ते, दस दिन से ज्यादा चलने वाली कारवाई नहीं है। लेकिन यह सब इस पर निर्भर करता है कि पाकिस्तान अपने को बचाने की कोशिश करता है या अपने को बर्बाद करने की कोशिश करता है। पाकिस्तान लगातार हर दिन के हिसाब से नहीं हर घंटे और हर मिनट के हिसाब से बड़े से बड़े संकट की ओर बढ़ रहा है। उसके यहां अंदरूनी संकट और ज्यादा बढ़ रहा है। उसका एयर डिफेंस सिस्टम भारत ने जिस तरह से बर्बाद किया उसके कारण पाकिस्तान की आम जनता में अपनी सेना के प्रति विश्वास सबसे निचली पायदान पर जा पहुंचा है। भारत जो निशाना लगा रहा है वो सटीक बैठ रहा है और पाकिस्तान का एक भी निशाना नहीं लग रहा है- पाकिस्तान के लोगों के मन में ये सवाल उठ रहे हैं।
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक और आपका अख़बार के संपादक हैं)