भारत में अभी हैं 88 हजार से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप
‘स्टार्टअप इंडिया’ ने देश में युवाओं के भीतर नवोन्मेषण का उत्साह भरने का जबरदस्त कार्य किया है। इसी के बलबूते आज भारत 88,000 से अधिक स्टार्टअप का केंद्र बन चुका है। इस दिशा में पीएम मोदी का विशेष फोकस साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर रहा है ताकि देश के यंगस्टर्स में नए विचारों के साथ समस्याओं को हल करने और नवाचार करने की कल्पना को जागृत किया जा सके।
भारत में हैं 107 यूनिकॉर्न
भारत आज 107 यूनिकॉर्न का घर बन चुका है यानि भारत के पास वर्तमान समय में 107 यूनिकॉर्न हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार इनमें से 2022 में 21 यूनिकॉर्न का उदय हुआ है। यदि इनका मूल्यांकन किया जाए तो यह करीब 340.79 बिलियन डॉलर के करीब बैठता है। आज के समय में भारत के स्टार्टअप केवल महानगरों या बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि 52% स्टार्टअप टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं। हमारे पास आईटी, कृषि, विमानन, शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य और अंतरिक्ष क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप उभर रहे हैं।
महिलाएं आईं सबसे अधिक आगे
वहीं बीते 7 साल में नारी शक्ति के नेतृत्व में देश में तेजी से स्टार्टअप उभरे हैं। देश में करीब 45% स्टार्टअप का प्रतिनिधित्व महिला उद्यमी ही कर रही हैं। भारत की इस नारी शक्ति को आज पूरा विश्व पहचानता है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बनी केंद्र सरकार के प्रयासों से ही यह सब संभव हुआ है। देशभर में बीते 8 साल में महिला सशक्तिकरण को लेकर जितने कार्य हुए हैं, उनका ही परिणाम आज धरातल पर नजर आने लगा है। यही वजह है कि महिला सशक्तिकरण भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। हम उन्हें राष्ट्र निर्माता के रूप में देखते हैं।
सरकार देश में नौ लाख बेरोजगारों को नौकरियां देने में सफल रही
केवल इतना ही नहीं स्टार्टअप ने देशभर में करीब 9 लाख नौकरियां सृजित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। आज स्टार्टअप प्रेमी इस सेक्टर में अपने हुनर को आजमा रहे हैं। कई युवा व स्टार्टअप तो सरकार के साथ मिलकर इस सेक्टर में काम कर रहे हैं। आज 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अपनी स्टार्टअप नीतियां हैं जो इन्हें हेल्दी माहौल प्रदान कर रही है। इससे स्टार्टअप को उभरने में काफी मदद मिल रही है।
इसके साथ ही कहना होगा कि स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल बन गई है जिसका लक्ष्य स्टार्टअप संस्कृति को उत्प्रेरित करना तथा भारत में नवोन्मेषण एवं उद्यमिता के लिए एक मजबूत और समावेशी इकोसिस्टम का निर्माण करना है। 2016 में अपनी शुरुआत के बाद से, स्टार्टअप इंडिया पहल ने उद्यमियों की सहायता करने, एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण करने एवं भारत को रोजगार चाहने वालों के बजाय रोजगार देने वालों के देश के रूप में रूपांतरित करने के लिए कई कार्यक्रम आरंभ किए हैं। इन कार्यक्रमों का प्रबंधन एक समर्पित स्टार्टअप इंडिया टीम द्वारा किया जाता है जो केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ( डीपीआईआईटी ) को रिपोर्ट करती है।
‘स्टार्टअप इंडिया’ के बारे में यह भी जानना है जरूरी
‘स्टार्टअप इंडिया’ की शुरुआत 16 जनवरी 2016 को हुई थी। इसलिए इसी दिन को ‘राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। भारत में स्टार्टअप्स की सफलता की सराहना करने के लिए राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के युवाओं के नवाचारों और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान पर चर्चा करने के लिए स्टार्टअप उद्यमियों को एक मंच प्रदान करने के लिए भी याद किया जाता है। यह स्टार्टअप पहलों के महत्व को बढ़ावा देने और उन्हें मुख्यधारा के हिस्से के रूप में बनाए रखने के लिए भी जाना जाता है। युवाओं को शुरुआती करियर विकल्प के रूप में उद्यमिता अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना भी इस पहल के पीछे का एजेंडा है।
भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की भावना को मनाने तथा इस ऐतिहासिक दिवस का समारोह मनाने के लिए इस बार 10 जनवरी 2023 से 16 जनवरी 2023 को स्टार्टअप इंडिया नवोन्मेषण सप्ताह भी मनाया जा रहा है। आज इसका अंतिम दिन है। इसी संदर्भ में स्टार्टअप इंडिया द्वारा पूरे सप्ताह विभिन्न कार्यशालाओं, क्षमता निर्माण सत्रों तथा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिनमें से प्रत्येक सत्र भारत में उद्यमशीलता इकोसिस्टम से संबंधित एक विशेष विषय वस्तु को समर्पित रहे। इसी के साथ भारत सरकार उन सभी स्टार्टअप प्रेमियों से MAARG (मार्ग ) नामक प्लेटफॉर्म में प्रवेश करने की अपील कर रही है जो उद्यमशीलता तथा उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने के राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करते हैं। यह देश में आगामी व्यवसायों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने पर ध्यान देने के साथ अपनाया गया है। (एएमएपी)