चीनी गतिविधियों पर रहती है पैनी नजर
वायु सेना अध्यक्ष ने कहा, हिंद महासागर क्षेत्र में बहुत सारे चीनी जहाज रहते हैं। इसमें 4-6 पीएलए नौसेना के जहाज हैं, फिर कुछ अन्य पोत हैं। उन्होंने कहा, हिंद महासागर क्षेत्र में बड़ी संख्या में चीनी जहाज मछली पकड़ने के लिए संचालित होते हैं। हम सभी घटनाक्रमों पर पैनी नजर रखते हैं। उन्होंने बताया, हिंद महासागर क्षेत्र में लगभग 60 अन्य अतिरिक्त-क्षेत्रीय बल हमेशा मौजूद रहते हैं। यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां बड़ी मात्रा में व्यापार होता है। हमारा काम यह देखना है कि समुद्री क्षेत्र में भारत के हितों की रक्षा हो।
INS-विक्रांत ऐतिहासिक घटना
नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार ने आईएनएस विक्रांत के शामिल होने को को देश और नौसेना के इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना करार दिया है। उन्होंने कहा, INS-विक्रांत आत्मनिर्भरता की मशाल वाहक है। बहुत कम देश ऐसे हैं, जिनके पास विमानवाहक पोत बनाने की क्षमता है और हम उन चुनिंदा देशों में शामिल हैं। यह बातें नौसेना अध्यक्ष ने नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर कहीं। नौसेना अध्यक्ष ने कहा, आईएनएस-विक्रांत हमारी स्वदेशी क्षमता का प्रतीक है यह हमारे आत्मविश्वास को दर्शाता है। उन्होंने कहा, इसने दुनिया में देश को कद को ऊंचा किया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि विक्रांत आने वाले वर्षों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गर्व से तिरंगा फहराएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया था कमीशन
एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोच्चि में कमीशन किया गया था। यह नौसेना के नेतृत्व, योजनाकारों, शिपयार्ड श्रमिकों, उद्योग और अन्य सहायक एजेंसियों के अथक प्रयास का दर्शाता है।
अग्निवीर के पहले बैच में 341 महिलाएं
नौसेना अध्यक्ष ने कहा, अग्निवीरों के पहले बैच में 3000 अग्निवीर नौसेना में शामिल हुए हैं। इसमें 341 महिलाएं हैं। उन्होंने कहा, हम महिला अधिकारियों को सभी ब्रांचों में शामिल करने पर विचार कर रहे हैं। अभी तक केवल सात से आठ ब्रांचों तक ही महिलाएं सीमित हैं। नौसेना अध्यक्ष ने कहा, यह पहली बार है जब महिलाओं को उनके पुरुष समकक्षों की तरह ही शामिल किया जा रहा है। यह चयन का एक समान तरीका है। वे समान परीक्षणों से गुजर रही हैं। नौसेना अध्यक्ष ने आगे कहा, महिलाओं को जहाजों, एयरबेसों और विमानों पर तैनात किया जाएगा। उन्हें हर चीज के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। महिलाओं के प्रशिक्षण में कोई अंतर नहीं आने वाला है। (एएमएपी)