भारत और ब्रिटेन के बीज में लंबे वक्त से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत हो रही है। पहले यह फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर दोनों देशों के बीच दिवाली तक समझौते की डेडलाइन रखी गई थी, लेकिन ब्रिटेन राजनीतिक संकट के कारण यह समझौता पूरा नहीं हो सका। ऐसे में अब इस मामले पर दोनों पक्ष जल्द से जल्द बातचीत को आखिरी रूप देकर एग्रीमेंट को पूरा करना चाहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता मार्च 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। साल 2022 के जनवरी महीने में दोनों देशों ने इस एफटीए के लिए बातचीत शुरू की थी जिसका यह उद्देश्य था कि यह समझौता अक्टूबर तक पूरा हो जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब दोनों देश इसे जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं।

मार्च 2023 तक पूरा हो सकता है समझौता

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों देशों के बीच एक द्विपक्षीय समझौते होने के बाद व्यापार में दोगुने से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। अभी इस समझौते को लेकर सेक्रेटरी और मिनिस्ट्री लेवल पर बातचीत होनी है। पहले इसे दिवाली तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन ब्रिटेन के राजनीतिक संकट के कारण इस डील को तब नहीं पूरा किया जा सका। ऋषि सुनक के ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इस समझौते को जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने कही यह बात

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के जरिए 26 मुद्दो पर समझौता करने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें से करीब 14 पर दोनों देशों के बीच सहमति बन चुकी है। ब्रिटेन का प्रतिनिधिमंडल भारत के लगातार दौरे करके इस समझौते को पूरा करने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में इस बात की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ गई है कि मार्च 2023 तक इस डील को पूरी कर लिया जाएगा। इससे पहले G20 सब्मिट में पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक की मुलाकात हुई है। G20 सब्मिट में ऋषि सुनक ने कहा कि उनकी सरकार सभी देशों से मुक्त व्यापार समझौते के लिए किसी तरह की हड़बड़ी नहीं दिखाएंगी और क्वालिटी के साथ ही इस एग्रीमेंट को पूरा करेगी।

लेबर इंसेंटिव सेक्टर को मिलेगा फायदा

एक्सपर्ट्स के मुताबिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर में ग्रोथ दर्ज की जाएगी। इसके साथ ही देश की लेबर इंसेंटिव सेक्टर जैसे प्रोसेस्ड एग्रो, लेदर, टेक्सटाइल और ज्वेलरी प्रोडक्ट्स जैसे सेक्टर में भी ग्रोथ दर्ज की जाएगी। इससे देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।ध्यान देने वाली बात ये है एफटीए एक इंटरनेशनल कानून है जिसके मुताबिक दो या दो से अधिक देश एक दूसरे के बीच व्यापार को बढ़ाने के लिए इंपोर्ट-एक्सपोर्ट की दिक्कतों को दूर करने की कोशिश करते हैं जिससे दोनों देशों के बीच ज्यादा से ज्यादा व्यापार को बढ़ावा मिल सके। इसके लिए उनके बीच में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन होता है।  (एएमएपी)