भारत सरकार ने हिंद महासागर में अपनी समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लक्षद्वीप के अगाती और मिनिकॉय द्वीपों पर नए नौसेना ठिकाने बनाने का फैसला किया है। यह कदम सरकार की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी समुद्री क्षमता बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है। नई नौसेना सुविधाओं से समुद्री लुटेरों से लड़ने और महत्वपूर्ण समुद्री गलियारों की सुरक्षा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, सरकार मिनीकॉय में एक नए हवाई पट्टी और अगाती में हवाई पट्टी के उन्नयन की भी योजना बना रही है।
🚨 India has decided to build naval bases at Agatti and Minicoy Island in Lakshadweep, India.
Defence minister to inaugurate a naval base in Minicoy on March 4-5. pic.twitter.com/ATopeSAFS4
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) February 14, 2024
मालदीव और चीन लगेगा करारा झटका
गौरतलब है कि भारत और मालदीव के बीच पिछले कई महीनों से रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के चुनाव जीतने के बाद से ही वह चीन के करीब जा रहे हैं, जिससे भारत से टेंशन और बढ़ गई। वहीं, जब पिछले दिनों पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया और कई तस्वीरें साझा कीं तो उसके बाद तनाव चरम पर पहुंच गया। अब भारत का लक्षद्वीप के अगाती और मिनिकॉय आयलैंड पर नौसैनिक अड्डे बनाने का फैसला से न सिर्फ मालदीव को बल्कि चीन को भी करारा झटका लगने वाला है।
4-5 मार्च को नौसेना बेस आईएनएस जटायु का उद्घाटन
बता दें कि लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप नौ डिग्री चैनल पर स्थित हैं, जिसके माध्यम से दक्षिण-पूर्व एशिया और उत्तरी एशिया के रास्ते में अरबों डॉलर का वाणिज्यिक व्यापार गुजरता है। मिनिकॉय द्वीप मालदीव से मात्र 524 किलोमीटर दूर है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत वाहक टास्क फोर्स पर सवार होकर, जिसमें लगभग 15 युद्धपोत शामिल हैं, 4-5 मार्च को नौसेना बेस आईएनएस जटायु का उद्घाटन करने के लिए नौसेना के अधिकारियों के साथ मिनिकॉय द्वीप समूह की यात्रा भी करने वाले हैं।
#India to build naval & air bases in Agatti and Minicoy Islands
Defence Minister Rajnath Singh will be on board INS Vikramaditya and INS Vikrant task forces to inaugurate a naval base in Minicoy on March 4-5
After Prime Minister Narendra Modi’s visit to Lakshadweep, India has… pic.twitter.com/WEIY45zsbo
— Indo-Pacific News – Geo-Politics & Defense News (@IndoPac_Info) February 15, 2024
संयुक्त कमांडर सम्मेलन की योजना
भारतीय नौसेना ने गोवा से कारवार से मिनिकॉय द्वीप से कोच्चि तक यात्रा करने वाले दो युद्धपोतों के साथ भारतीय विमान वाहक पर संयुक्त कमांडर सम्मेलन के पहले फेज को आयोजित करने की योजना बनाई है। कमांडर्स कॉन्फ्रेंस का दूसरा फेज 6-7 मार्च को होगा। मोदी सरकार ने मिनिकॉय द्वीप समूह में नई हवाई पट्टी बनाने और आईएनएस जटायु में नौसैनिकों को तैनात करने की योजना के साथ अगाती द्वीप समूह में हवाई पट्टी को अपग्रेड करने का फैसला किया है। यह फैसला क्षेत्र की समुद्री सुरक्षा के समर्थन में भारत-प्रशांत में शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए अपने द्वीप क्षेत्रों का उपयोग करने की मोदी सरकार की रणनीति से मेल खाता है।
नई सुविधाओं के साथ बल क्षमता विकसित कर रहा भारत
मालूम हो कि भारत पहले से ही ग्रेट निकोबार की कैंपबेल खाड़ी में नई सुविधाओं के साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपनी बल क्षमता विकसित कर रहा है, लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप समूह को अपग्रेड करने का कदम न केवल वाणिज्यिक शिपिंग की रक्षा करेगा बल्कि द्वीप क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के उन्नयन और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप समूह और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि भारत हिंद महासागर में तेजी से बढ़ती चीनी नौसेना और उनके समर्थकों की चुनौती का मुकाबला करते हुए समुद्री व्यापार मार्गों की सुरक्षा कर सकता है।
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भारत का दबदबा
स्वेज नहर या फारस की खाड़ी से दक्षिण पूर्व एशिया और उससे आगे तक मुख्य वाणिज्यिक शिपिंग मार्ग नौ डिग्री चैनल (लक्षद्वीप और मिनिकॉय के बीच) और दस डिग्री चैनल (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बीच) से होकर जाता है। इंडोनेशिया के सुंडा और लोम्बोक जलडमरूमध्य से होकर जाने वाले व्यापार मार्ग पर भी भारत का दबदबा है। वहीं, मिनिकॉय द्वीप समूह के रास्ते में आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत के वाहक कार्यबल देखने लायक होंगे क्योंकि उनके साथ विध्वंसक, फ्रिगेट और पनडुब्बियां होंगी। इस स्तर का बल प्रक्षेपण पहले कभी नहीं देखा गया है और यह प्रतिद्वंद्वी और उसके समर्थकों को हिंद महासागर क्षेत्र में शरारत करने से पहले दो बार सोचने पर मजबूर कर देगा।(एएमएपी)