इसके अलावा इस गठबंधन से जुड़े कई इनपुट भी साझा किए गए हैं. विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी और कहा कि भारत ने पूरे मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। कमेटी की जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Hindus are not safe in Canada 🇨🇦.
Khalistani Sikhs blocked the entrance of Kalibari Hindu temple, Toronto and raised inflammatory slogans. This proves that the viol€nt campaign of Khalistanis is against Hindus not only just India. Canadian govt needs to stop supporting radicals. pic.twitter.com/Kb3ENmW3Ff— PunFact (@pun_fact) November 26, 2023
यह बयान पन्नू की हत्या की साजिश की खबरों के बाद आया
केंद्र सरकार का बयान उस मीडिया रिपोर्ट के कुछ दिनों बाद आया है जिसमें फाइनेंशियल टाइम्स ने अज्ञात अधिकारियों का हवाला देते हुए दावा किया था कि अमेरिका ने अपनी धरती पर खालिस्तान आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश को नाकाम कर दिया है। ब्रिटिश अखबार ने यह भी दावा किया कि अमेरिकी सरकार ने नई दिल्ली को साजिश के बारे में चेतावनी दी थी। इस बात को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई है कि क्या पन्नू की हत्या की साजिश के पीछे भारत सरकार का हाथ है. पन्नू एक अमेरिकी और कनाडाई नागरिक है जो सिख फॉर जस्टिस का नेता है, जो भारत में एक आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध है और अमेरिका में रहता है। अखबार ने यह भी लिखा कि पन्नू ने इस बात का जवाब देने से इनकार कर दिया कि क्या अमेरिकी प्रशासन ने उन्हें कथित हत्या की साजिश के बारे में चेतावनी दी थी. पन्नू ने कहा कि अमेरिकी धरती पर भारतीय एजेंटों द्वारा उनके जीवन को खतरे के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने की जिम्मेदारी उन्होंने अमेरिकी सरकार पर छोड़ी है।
पिछले हफ़्ते विदेश मंत्रालय ने माना था कि उसे ‘इनपुट’ मिले
पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय (MEA) ने अमेरिका को बताया था. से कनेक्शन पर ‘इनपुट’ प्राप्त होने की बात स्वीकार की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ये इनपुट इस समय दोनों देशों के लिए चिंता का कारण हैं और दोनों देश आवश्यक कार्रवाई पर निर्णय लेंगे। हालांकि, उन्होंने बयान में पन्नू या फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट का जिक्र नहीं किया। बागची ने आगे कहा कि भारत अपनी तरफ से ऐसे इनपुट को गंभीरता से लेता है, क्योंकि इससे हमारे अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर भी असर पड़ता है. अमेरिकी इनपुट से जुड़े मुद्दों की जांच पहले से ही संबंधित विभागों द्वारा की जा रही है। अमेरिका ने कहा कि यह मुद्दा भारत के ‘उच्चतम स्तर’ पर उठाया गया है।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता एड्रियन वॉटसन ने भी इस मुद्दे पर मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार ने इस मुद्दे को भारत सरकार के ‘उच्चतम स्तर’ पर उठाया है और इसे बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है। वॉटसन ने कहा कि गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में उनकी कथित संलिप्तता के बारे में जानकर भारत बेहद ‘स्तब्ध और चिंतित’ था। भारत ने साफ कहा है कि ऐसी कार्रवाई हमारी नीति का हिस्सा नहीं है. वॉटसन ने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत सरकार इस मामले की आगे जांच करेगी और आने वाले दिनों में हमें इसके बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलेगा. हमने उन्हें अपनी अपेक्षा से अवगत करा दिया है कि इस मामले में जो भी जिम्मेदार है, उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
I strongly condemn the threat made by Khalistani rascals regarding Shri Lakshmi Narayan Mandir Surrey in Canada.
I urge Mr. Justin Pierre James Trudeau @JustinTrudeau the @CanadianPM & Govt of Canada, RCMP @rcmpgrcpolice & CSIS @csiscanada to take preventive steps to stop these… pic.twitter.com/Ai4FWkC5MN
— Sukhminderpal Singh Grewal (@sukhgrewalbjp) November 22, 2023
आपको बता दें कि SFJ चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू की प्रॉपर्टी जब्त होने के बाद उन भगोड़े खालिस्तानी आतंकियों की नई लिस्ट तैयार की गई है, जो विदेशों में रहकर भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा चला रहे हैं. जो अलग-अलग देशों में बैठकर भारत के खिलाफ साजिश रचने में जुटे हुए हैं. एनआईए सूत्रों के मुताबिक ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, दुबई, पाकिस्तान सहित दूसरे देशों में रह रहे भगोड़े खालिस्तानियों की भारत में तमाम संपत्तियां जब्त होंगी. UAPA के सेक्शन के तहत ये संपत्तियां जब्त की जाएंगी।कनाडा के आरोपों के जवाब में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने डोजियर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि निज्जर ने कनाडा की धरती पर अपने संगठन में लोगों की ट्रेनिंग, वित्तपोषण और संचालन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. भारत सरकार कनाडा की सरकार से खालिस्तानी तत्वों पर कार्रवाई के लिए पहले भी कई बार आग्रह कर चुकी है।
निज्जर की मौत के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जिस तरह से बगैर किसी सबूत के भारत पर इल्जाम लगाया, उसे लेकर वो दुनिया भर में नहीं बल्कि खुद अपने देश में घिरते नजर आ रहे हैं. खुद भारत ने ट्रूडो के इस रवैये पर करारा जवाब दिया है, जिसके बाद अब ट्रूडो को समझ में नहीं आ रहा कि आखिर वो करें तो क्या करें। भारत ने तो ट्रूडो के लगाए तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. और कनाडा के फैसले पर पलटवार करते हुए उसके राजनायिक को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है. भारत ने कनाडा में रह रहे भारतीयों को सावधान रहने की एडवायजरी जारी की है. और कनाडाई नागरिकों के लिए फिलहाल वीजा सेवा पर रोक लगा दी है।
NIA ने बनाई भगोड़े खालिस्तानी आतंकियों की नई लिस्ट
SFJ चीफ़ गुरपतवंत सिंह पन्नू की प्रॉपर्टी जब्त होने के बाद भगोड़े खालिस्तानी आतंकियों की ये नई लिस्ट तैयार की गई है. एनआईए सूत्रों के मुताबिक ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, दुबई, पाकिस्तान सहित दूसरे देशों में रह रहे भगोड़े खालिस्तानियों की भारत में तमाम संपत्तियां जब्त होंगी. UAPA के सेक्शन 33(5) के तहत ये संपत्तियां जब्त की जाएंगी।NIA सूत्रों के मुताबिक 19 ऐसे खालिस्तानी आतंकियों की ये लिस्ट तैयार की गई है जो विदेशों में रहकर भारत के खिलाफ एंटी इंडिया प्रोपेगैंडा चला रहे हैं. इस लिस्ट में इन खालिस्तानी आतंकियों के नाम शामिल हैं।
1.परमजीत सिंह पम्मा- UK
2.वाधवा सिंह (बब्बर चाचा) – पाकिस्तान
3.कुलवंत सिंह मुठड़ा- UK
4.जे इस धालीवाल -USA
5.सुखपाल सिंह-UK
6-हरप्रीत सिंह (राना सिंह) – US
7.सरबजीत सिंह बेनूर- UK
8.कुलवंत सिंह (कांता) – UK
9. हारजप सिंह (जप्पी सिंह) US
10.रणजीत सिंह नीता- पाकिस्तान
11.गुरमीत सिंह (बग्गा बाबा)
12.गुरप्रीत सिंह (बागी) – UK
13.जसमीत सिंह हक़ीमजादा- दुबई (ड्रग स्मगलर)
14.गुरजंत सिंह ढिल्लन- ऑस्ट्रेलिया
15- लखबीर सिंह रोड़े- कनाडा
16.अमरदीप सिंह पूरेवाल- US
17.जतिंदर सिंह ग्रेवाल- कनाडा
18- दुपिंदर जीत – ब्रिटेन
19- एस. हिम्मत सिंह- US
कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसमें भारत सरकार की भूमिका का आरोप लगाया था जिसके बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है।
राममंदिर : देवीदीन पाण्डेय ने अकेले सात सौ मुगल सैनिकों को उतारा था मौत के घाट
इसके बाद भारतीय खुफिया एजेंसियों ने डोजियर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि निज्जर ने कनाडा की धरती पर अपने संगठन में लोगों की ट्रेनिंग, वित्तपोषण और संचालन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. भारत सरकार कनाडा की सरकार से खालिस्तानी तत्वों पर कार्रवाई के लिए पहले भी कई बार आग्रह कर चुकी है।(एएमएपी)