आपका अखबार ब्यूरो।
बिना लाग-लपेट के अपनी बात कहने के लिए मशहूर पूर्व भारतीय कप्तान और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली का कहना है कि भारतीय क्रिकेटर मानसिक रूप से ज्यादा मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि जब मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों से निपटने की बात आती है, तो विदेशी खिलाड़ियों के मुकाबले भारतीय क्रिकेटर ज्यादा सहनशक्ति का प्रदर्शन करते हैं। कुछ हफ्ते पहले ही पूर्व भारतीय कप्तान को दिल का हल्का दौरा पड़ा था. जिसके बाद उनकी दो बार एंजियोप्लास्टी हुई थी। गांगुली अब एक बार फिर सक्रिय हैं।
बायो बबल खिलाड़ियों के चुनौतीपूर्ण
वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा रखी है। इसकी वजह से 2020 में बहुत कम क्रिकेट खेली गई। इसके बाद जब क्रिकेट को शुरू किया गया, तो खिलाड़ियों के लिए बायो बबल का कॉन्सेप्ट शुरू किया गया और उनके लिए बायो बबल में रहना अनिवार्य कर दिया। बायो बबल के बाहर जाने वाले कई खिलाड़ियों पर कार्रवाई भी हुई। बायो बबल में खिलाड़ियों को बस होटल में कुछ निश्चित दायरे में आने-जाने और प्रैक्टिस के लिए स्टेडियम में जाने की अनुमति है। उन्हें गिनती के लोगों से मिलने की इजाजत होती है। इस दौरान वे बाहर के लोगों और अपने परिवार वालों से भी नहीं मिल सकते हैं।
टीम इंडिया ने दिखाई है मानसिक मजबूती
गांगुली ने बायो-बबल को खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण करार देते हुए हुए कहा कि कोरोना की वजह से एक लंबे ब्रेक के बाद फिर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू हुआ है और खिलाड़ियों को बायो-बबल में रहना पड़ रहा है। उनका जीवन होटलों और स्टेडियमों तक ही सिमट कर रह गया है। इस परिस्थिति की वजह से खिलाड़ियों के लिए खुद को तरोताजा और प्रेरित रख पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि कई विदेशी खिलाड़ियों ने बायो बबल के बारे में बात की है और कहा है कि यह उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए कितना मुश्किल साबित हो रहा है। उन्होंने कहा, “टीम इंडिया ने 2020 के आईपीएल के बाद लगातार क्रिकेट खेला है। इस टी-20 टूर्नामेंट के बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई, फिर उसके बाद इंग्लैंड के साथ तीनों फॉर्मेट की लंबी सीरीज खेली। अब वे आईपीएल 2021 के लिए तैयार हैं। वे भी बायो बबल में महीनों से रह रहे हैं।”
मानसिक परेशानियों से विदेशी क्रिकेटर मान लेते हैं हार
मंगलवार को एक ऑनलाइन प्रोमोशनल इवेंट में उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम भारतीय विदेशी क्रिकेटरों से थोड़ा अधिक सहनशील हैं। मैंने बहुत सारे इंग्लिश, आस्ट्रेलियाई और वेस्ट इंडियन क्रिकेटरों के साथ खेला है, वे मानसिक स्वास्थ्य के मसले पर तुरंत हार मान लेते हैं।” बीसीसीआई प्रमुख गांगुली ने इस संदर्भ में ऑस्ट्रेलियाई टीम का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत से सीरीज के बाद ऑस्ट्रेलिया ने खिलाड़ियों, सपोर्ट स्टाफ के स्वास्थ्य को जोखिम का हवाला देते हुए दक्षिण अफ्रीका का अपना दौरा रद्द कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया को इस वर्ष मार्च-अप्रैल में दक्षिण अफ्रीका में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी थी। उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलियाई टीम को देखिए, उन्हें भारत के साथ टेस्ट सीरीज के बाद दक्षिण अफ्रीका जाना था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।”
सकारात्मकता है बहुत जरूरी
गांगुली का कहना था कि कोविड का खतरा अभी रहने वाला है। आपको पूरी तरह सकारात्मक रहना पड़ेगा। आपको खुद को मानसिक रूप से तैयार करना होगा। हम सबको मानसिक रूप से तैयार रहना पड़ेगा, जिसकी वजह से चीजें अच्छी होंगी। मानसिक तैयारी से ही इसका सामना किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आपको ऐसी स्थितियों का सामना करना सीखना होगा। यह आपकी मानसिक दृढ़ता की परीक्षा है। खेल हो, व्यवसाय हो, या कुछ और, जीवन अनिश्चितता से भरा होता है। अपको हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा।’’