कंबोज ने यूक्रेन की स्थिति के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत देश के हालात को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि संघर्ष के परिणामस्वरूप कई लोगों की जान चली गई। विशेषकर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग निशाने पर आए, लाखों लोग बेघर हो गए और पड़ोसी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए। हाल के सप्ताहों में नागरिकों और असैन्य बुनियादी ढांचे पर हमलों की रिपोर्टें बेहद चिंताजनक हैं। यूक्रेन और अन्य कम आय वाले देशों को मानवीय सहायता प्रदान करने में भारत के प्रयासों को याद करते हुए कंबोज ने कहा कि हम यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान कर रहे हैं और अपने कुछ पड़ोसियों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रहे हैं।
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि कम आय वाले देशों को मूल्य वृद्धि और खाद्य पदार्थों की कमी से लड़ने में मदद करने के लिए भारत ने अफगानिस्तान, म्यांमार, सूडान और यमन सहित जरूरतमंद देशों को 18 लाख टन से अधिक गेहूं का निर्यात किया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष का असर सिर्फ यूरोप तक ही सीमित नहीं है। संघर्ष विशेष रूप से विकासशील देशों में भोजन, उर्वरक और ईंधन सुरक्षा पर चिंता को बढ़ा रहा है। (एएमएपी)