डॉ. मांडविया ने कहा, “वैश्विक जैव प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र में, भारत जल्द ही शीर्ष दस देशों में से एक होगा।” केंद्रीय मंत्री ने कहा, “राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी विकास रणनीति 2020-25 सरकार को ज्ञान साझा करने के लिए कौशल विकास, संसाधन और नवाचार को एक सुदृढ़ पारिस्थितिकी तंत्र में परिवर्तित करने के लिए एक मंच प्रदान करती है।”
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डॉ. मांडविया ने जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र के विकास में योगदान के लिए देश भर के स्टार्टअप, उद्योगों, उद्योग संघों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों की भागीदारी की सराहना की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दो दशकों में जैव प्रौद्योगिकी पर समर्पित गुजरात के प्रयासों और योगदान की सराहना की और भारत को स्वास्थ्य देखभाल और नवाचार के लिए तैयार देश बनाने में इसके सुदृढ़ योगदान की सराहना की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गुजरात 15-20 साल पहले बायोटेक मिशन स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य था।(एएमएपी)