इस संबंध में ताजा जारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों में बताया गया है कि देश में डेढ़ लाख स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्र सरकार द्वारा शुरू किये जा चुके हैं। इन केंद्रों से अभी तक 134 करोड़ लोग लाभान्वित हो चुके हैं। इनमें से 86.90 करोड़ से अधिक लाभार्थियों की गैर-संक्रमणकारी बीमारी के लिए परीक्षण किया गया है। इनमें से 29.95 करोड़ से अधिक उच्च रक्तचाप, 25.56 करोड़ से अधिक मधुमेह और 17 .44 करोड़ से अधिक मुख कैंसर और 8.27 करोड़ से अधिक स्तन कैंसर तथा 5.66 करोड़ से अधिक सर्वाइकल कैंसर से संबंधित जांच शामिल हैं।
ई-संजीवनी के माध्यम से प्रतिदिन किए जा रहे चार लाख टेली परामर्श
मंत्रालय ने कहा है कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) से आठ करोड़ 50 लाख से अधिक टेली परामर्श किए गए हैं। ई-संजीवनी के माध्यम से प्रतिदिन तकरीबन चार लाख टेली परामर्श किए जा रहे हैं। इन केंद्रों ने 1.60 करोड़ से अधिक सत्र आयोजित किए हैं। स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्रों में 127 आवश्यक दवा और 105 रोगों का निदान उपलब्ध है। इसके अलावा एबी-एचडब्ल्यूसी ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (यूपीएचसी-एचडब्ल्यूसी) के तहत शहरी क्षेत्र में 2-3 केंद्रों का संचालन किया है, बाहरी रोगी देखभाल सेवा को मजबूत किया और 15,000 से 20,000 की जनसंख्या को कवर किया है।
अब तक इन केंद्रों पर हुए 1.60 करोड़ से अधिक वेलनेस सत्र आयोजित
एबी-एचडब्ल्यूसी के विस्तार की बात करें तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों- स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों (पीएचसी-एचडब्ल्यूसी) में जरूरी नैदानिकी (डायग्नोस्टिक) की संख्या को भी पीएचसी-एचडब्ल्यूसी में 63 और एसएचसी- एचडब्ल्यूसी में 14 तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा एबी-एचडब्ल्यूसी में योग, जुम्बा, साइक्लोथॉन, वॉकथॉन पर वेलनेस सत्र भी आयोजित किया जाता है। वहीं, ये केंद्र सामुदायिक कल्याण की सोच को अपनाने के लिए अन्य पहलुओं के साथ-साथ आहार, शारीरिक गतिविधि, सकारात्मक पालन-पोषण, तंबाकू, शराबबंदी पर दिशानिर्देश प्रदान करते हैं। अब तक इन केंद्रों पर 1.60 करोड़ से अधिक वेलनेस सत्र आयोजित किए जा चुके हैं।
पीएम मोदी ने यह कहकर की राष्ट्र के प्रयासों की सराहना
इस संबंध में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि निर्धारित समय सीमा से पहले ही इस उपलब्धि को पूरा कर हमने स्वास्थ्य सुविधा के लिए एक कदम ओर आगे बढ़ाने में सफलता हासिल की है, उन्होंने इस कार्य के पूरा होने पर राष्ट्र के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि पूरे देश में ये केंद्र नागरिकों को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं तक सुगमता से पहुंचने और उनका लाभ उठाने में सहायता करेंगे।
भारत बना विश्व में स्वास्थ्य सुविधाओं का वैश्विक मॉडल
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया इस सफलता को लेकर कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सोच को साकार करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्र सरकार की एकजुट व सहयोगात्मक प्रयासों ने भारत को विश्वसनीय व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के लिए एक वैश्विक मॉडल में रूपांतरित कर दिया है। देश में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्रों की संख्या एक लाख 50 हजार के पार हो गई है। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध करा रहे हैं। ये सेवाएं सभी को निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने निर्धारित लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है।
हर देशवासी के लिए हैं एबी-एचडब्ल्यूसी की सभी सेवाएं निशुल्क
उल्लेखनीय है कि “अंत्योदय” के सिद्धांत – किसी को पीछे नहीं छोड़ने को पूरा करने के लिए 1,50,000 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के वितरण को रूपांतरित कर रहे हैं। यह सभी के लिए नि:शुल्क है और निरंतर देखभाल की सोच के माध्यम से जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी आयु समूहों को सेवा प्रदान करता है। एबी-एचडब्ल्यूसी ने विभिन्न पहलों के माध्यम से देश के अंदरूनी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करते हुए ई-संजीवनी के जरिए 8.5 करोड़ से अधिक टेली-परामर्श किए हैं। ई-संजीवनी के माध्यम से हर दिन लगभग चार लाख टेली-परामर्श किए जाते हैं।(एएमएपी)