आपका अख़बार ब्यूरो।
पाकिस्तान ने हाल ही में भारतीय जासूसों के बारे में अमेरिकी मीडिया के दावों के प्रतिक्रिया स्वरूप भारत पर अप्रिय टिप्पणियाँ की हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि मुमताज जहरा बलूच ने दावा किया है कि भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या की है।

बलूच के अनुसार, पाकिस्तान को भारतीय संलिप्तता से जुड़े प्रमाण मिले हैं, जो कि आतंकवादी हमलों और पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या से संबंधित हैं। ये आरोप उस समय लगाए गए जब ऑस्ट्रेलिया में भारतीय जासूसी गतिविधियों और अमेरिकी मीडिया में उल्लिखित खालिस्तान से जुड़ी हत्या की साजिश के सवाल उठे थे।

बलोच ने इसे संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर का उल्लंघन बताया है और यह भी कहा, “पाकिस्तान पहले भी कह चुका है कि भारत का जासूसी तंत्र, जो दक्षिण एशिया में कई दशक से सक्रिय है, अब अन्य महाद्वीपों तक फैल चुका है और यह वैश्विक समाज के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है।” बलूच ने कहा कि इन क्रियाकलापों को मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के रूप में देखा जाना चाहिए।

इस मामले पर बलूच ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गुहार लगाई है। उनका कथन था, “हम विश्व समुदाय से मांग करते हैं कि वे भारत को उसके नियम विरुद्ध कार्यों और अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन न करके किए गए विदेशी अभियानों के लिए उत्तरदायी बनाएं।” उल्लेखनीय है कि एक महीने पहले ब्रिटैन के गार्डियन अखबार ने खबर दी थी कि पिछले तीन वर्षों में पाकिस्तान में कम से कम बीस भारत-विरोधी आतंकवादियों की जानें गई हैं। इस रिपोर्ट में इन हत्याओं के लिए भारतीय जासूसी संगठनों के एजेंटों का हाथ बताया गया था, हालांकि इस दावे के समर्थन में कोई प्रमाण पेश नहीं किया गया था।

इस खुलासे के बाद पाकिस्तान की छवि को भारी धक्का लगा। पाकिस्तानी जनता ने ही अपनी सरकार और जासूसी संस्थाओं की कड़ी निंदा की, जिससे पाकिस्तान परेशानी में पड़ गया। और अब, अमेरिकी मीडिया की खबरें और ऑस्ट्रेलिया में संभावित भारतीय जासूसी नेटवर्क की चर्चा से पाकिस्तान को भारत के विरुद्ध प्रचार करने का और अवसर मिल गया है। अमेरिकी समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू की हत्या के कथित षड्यंत्र और उसमें रॉ के एक अधिकारी के संलिप्तता का जिक्र किया था, जिसे भारत ने गलत बताकर स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया था।