नौसेना ने दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत के लिए केंद्र सरकार के
पास भेजा है प्रस्ताव
Indigenous Aircraft Carrier INS Vikrant achieved “Fully Operational” status, ready to be deployed now. #INSVikrant
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— Defence Squad (@Defence_Squad_) November 16, 2023
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 02 सितम्बर को भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ राष्ट्र को सौंपा था, जिसे समुद्री जंग के लिहाज से तैयार किया जा रहा था। एडमिरल आर हरि कुमार ने हाल ही में कहा था कि आईएनएस विक्रांत को इसी साल नवंबर तक पूरी तरह से चालू करने के लिए सभी प्रयास जारी हैं। तमाम तरह के परीक्षणों के दौर से गुजरने के बाद आखिरकार आईएनएस विक्रांत को पूर्ण परिचालन का दर्जा मिल गया है। फिलहाल पोत पर 30 विमानों के बेड़े में 18 मिग-29 और 12 कामोव हेलीकॉप्टर होंगे। अमेरिका से खरीदे गए एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर भी शक्तिशाली पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं के साथ बोर्ड पर होंगे। भारतीय नौसेना को आईएनएस विक्रांत के लिए 26 नए राफेल लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रही है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा था कि विक्रांत का संचालन शुरू होने के बाद ही 2023 में नए विमानवाहक पोत पर निर्णय लिया जाएगा। इसी के मद्देनजर नौसेना ने आखिरकार अपने दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘आईएसी-2’ की मेगा डील को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेज दिया है।
Indigenous Aircraft Carrier INS Vikrant achieved Fully Operational status
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— Indian Defence News (@IndianDefence3) November 17, 2023
भारत के लिए इस तरह के तीन विमानवाहक पोतों की जरूरत बताई जा रही है, ताकि भारतीय नौसेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात सभी नौसेनाओं के साथ तालमेल बनाया जा सके। दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत को ‘आईएसी-2’ के नाम से जाना जाएगा। सरकार से आईएसी-2 की मंजूरी मिलने के बाद यह कार्यक्रम केरल में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के माध्यम से कई हजार प्रत्यक्ष और कई गुना अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा करेगा। (एएमएपी)