केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम केंद्रीय बजट पेश किया। इस अंतरिम बजट में किसी लोकलुभावन स्कीम का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन बजट में रक्षा क्षेत्र को सबसे ज्यादा 6.2 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। माना जा रहा है कि चीन, पाकिस्तान जैसे देशों से बढ़ते सुरक्षा खतरों के मद्देनजर यह साहसिक फैसला लिया गया है। हालांकि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को सबसे कम 1.27 लाख करोड़ रुपये का ही फंड मिला है।रक्षा मंत्रालय को मिली बड़ी पूंजी की एक वजह मेक इन इंडिया स्कीम के तहत हथियारों का निर्माण भी है। भारत ने बीते कुछ सालों में बड़े पैमाने पर स्वदेशी तकनीक से हथियार तैयार किए हैं और कई देशों को इनका आयात भी किया है। ऐसे में रक्षा क्षेत्र में और ऊंची छलांग के इरादे से यह फैसला लिया गया है। सरकार ने अंतरिम बजट में भी पूर्ण बजट की तरह ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया है। अंतरिम बजट में दूसरे नंबर पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को रखा गया है। इस मिनिस्ट्री को 2.78 लाख करोड़ का बजट मिला है, जबकि तीसरे नंबर पर रेलवे हैं, जिसे 2.55 लाख करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं।

अंतरिम बजट में क्या रहा खास

रक्षा बजट पिछले साल 5.94 लाख करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर अब 6.2 लाख करोड़ रुपये किया गया है। इसी के साथ ही डीप टेक तकनीकी को सुदृढ़ करने पर फोकस किया गया है। साथ ही आत्मनिर्भरता में तेजी लाने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी। पिछले साल के रक्षा बजट के मुकाबले ये सिर्फ 27 हजार करोड़ ज्यादा है।

बजट में किसानों के लिए क्या?

इस बजट के केंद्र में गरीब, युवा, महिला और अन्नदाता रहे। अन्य क्षेत्रों की तरह कृषि के लिए भी इस बजट में कई एलान हुए। बजट में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए 1.27 लाख करोड़ का आबंटन किया गया है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि किसान हमारे ‘अन्नदाता’ हैं। पीएम-किसान सम्मान योजना के अंतर्गत हर वर्ष सीमांत और छोटे किसानों सहित 11.8 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत 4 करोड़ किसानों को फसल बीमा प्रदान किया गया है। अनेक दूसरे कार्यक्रमों के अलावा इन उपायों से ‘अन्नदाता’ को देश और पूरी दुनिया के लिए अन्न पैदा करने में सहायता दी जा रही है।

कैट को अंतरिम बजट से लाभकारी व्यापारिक नीतियों की घोषणा की उम्मीद

उन्‍होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट ने 1361 मंडियों को एकीकृत कर दिया है और इसमें 3 लाख करोड़ रुपये मूल्य का कारोबार हो रहा है और 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं मिल रही हैं। कृषि-क्षेत्र समावेशी, संतुलित, उच्चतर संवृद्धि और उत्पादकता की ओर अग्रसर है। इन्हें कृषक-केंद्रित नीतियां लाकर, किसानों को उनके आय अर्जन में सहायता देकर, कीमत और बीमा के माध्यम से जोखिम कवरेज देकर, स्टार्ट-अप के माध्यम से प्रौद्योगिकी और नवाचारों को बढ़ावा देकर सुगम किया गया है।

कृषि क्षेत्र के लिए अहम घोषणाएं

सरकार फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देगी। सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में नैनो-डीएपी के इस्तेमाल का विस्तार किया जाएगा। तिलहनों के लिए आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए ‘आत्मनिर्भर तिलहन अभियान’ शुरू किया जाएगा। डेयरी विकास के लिए व्यापक कार्यक्रम बनाया जाएगा। जलीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने, निर्यात दोगुना करने और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाया जाएगा। पांच एकीकृत एक्वा पार्क स्थापित किए जाएंगे।(एएमएपी)