प्रमोद जोशी।
ईरान के खुफिया परमाणु बम कार्यक्रम के अगुआ शीर्ष वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह की शुक्रवार को तेहरान के निकट घात लगाकर हत्या कर दी गई। इस घटना से नाराज़ ईरान के सुप्रीम नेता आयतुल्ला अली खामनेई के सैन्य सलाहकार और कमांडर होसेन देहग़ान ने फ़ख़रीज़ादेह के हत्यारों पर कहर बरपाने की धमकी दी है। इससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के आखिरी कुछ सप्ताह में ईरान और उसके शत्रुओं के बीच टकराव बढ़ने के आसार बनते दिख रहे हैं।
बड़ा मानसिक आघात
ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जावेद जरीफ ने एक ट्वीट में हत्या में इसरायल का हाथ होने का शक जताया है। लेकिन इसरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय तथा अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अलबत्ता ट्रंप ने इसरायली खुफिया एजेंसी मोसाद की जानकारी रखने वाले पत्रकार योसी मेलमैन के एक ट्वीट को रिट्वीट किया है, जिसमें इस हत्या को ईरान के लिए बड़ा मानसिक तथा पेशेवर आघात बताया गया है। 1958 में जन्मे फ़ख़रीज़ादेह पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तथा अमेरिका ने ‘अमाद’ कार्यक्रम के लिए प्रतिबंध लगाया था।
Terrorists murdered an eminent Iranian scientist today. This cowardice—with serious indications of Israeli role—shows desperate warmongering of perpetrators
Iran calls on int’l community—and especially EU—to end their shameful double standards & condemn this act of state terror.
— Javad Zarif (@JZarif) November 27, 2020
सरकारी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि हत्यारों ने परमाणु वैज्ञानिक की कार पर गोलियां बरसा दीं, जिसमें घायल होने के बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई। एक अर्ध सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि आतंकियों ने फ़ख़रीज़ादेह की कार पर गोलियां बरसाने से पहले एक अन्य कार को विस्फोट से उड़ा दिया।
ईरानी परमाणु ठिकानों की निगरानी
परमाणु वैज्ञानिक ने ईरान के ‘अमाद’ या ‘होप’ कार्यक्रम की अगुआई की थी। इसरायल तथा पश्चिमी देशों ने इसे सैन्य कार्यक्रम बताते हुए आरोप लगाया था कि यह ईरान में परमाणु हथियार बनाने की व्यवहार्यता परखने का कार्यक्रम था। हालांकि तेहरान हमेशा कहता रहा कि यह उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का कहना है कि ‘अमाद’ कार्यक्रम पूरा हो चुका है और उसके निरीक्षक ईरानी परमाणु ठिकानों की निगरानी कर रहे हैं। इसरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 2018 में कहा था कि ईरान अभी भी परमाणु हथियार बनाने की दिशा में काम कर रहा है, क्योंकि परमाणु वैज्ञानिक ईरानी रक्षा मंत्रालय के साथ स्पेशल प्रोजेक्ट पर काम पर रहे हैं। उन्होंने उस समय यह भी कहा था कि फ़ख़रीज़ादेह का नाम याद रखें।
ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या
शुक्रवार को परमाणु वैज्ञानिक पर हमले की खबर आने से पहले एक इसरायली अधिकारी ने कहा था कि ईरान से निपटने के लिए अरब देशों से इसरायल चर्चा कर रहा है। बता दें कि इसके पहले 12 जनवरी, 2010 को भी एक परमाणु वैज्ञानिक मसूद अली मुहम्मदी की रिमोट बम से हत्या कर दी गई थी।
ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को विशेष रूप से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए जोर देता है। 2010 और 2012 के बीच चार ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या कर दी गई और ईरान ने हत्याओं में इसरायल पर मिलीभगत का आरोप लगाया। मई 2018 में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में इसरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की प्रस्तुति में फ़ख़रीज़ादेह का नाम विशेष रूप से लिया गया था।
सुरक्षा परिषद से हत्या की निंदा करने की अपील
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव और सुरक्षा परिषद से अपने शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह की हत्या की निंदा करने की अपील की है। ईरान ने इसे ‘राज्य प्रायोजित हत्या’ क़रार दिया है। ईरान के संयुक्त राष्ट्र स्थित राजदूत माजिद तख्त रवांची ने कहा कि मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह की हत्या अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसे क्षेत्र में अशांति फैलाने के मक़सद से अंजाम दिया गया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने इस मामले में संयम बरतने की अपील की है।
(लेखक डिफेंस मॉनिटर पत्रिका के प्रधान संपादक हैं। यह लेख उनके ब्लॉग जिज्ञासा से लिया गया है)