देश में इन्फलुएंजा (H3N2 Virus) के मामले में अचानक तेजी देखी गई है। इस बीच वायरस के चलते दो मरीजों की मौत हुई है जिसने चिंता बढ़ा दी है। लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या इन्फ्लुएंजा जानलेवा है। इसके साथ ही एक डर यह भी लोगों के मन में है कि क्या ये कोरोना महामारी की तरह खतरनाक तो नहीं होने वाला है।
एक्सपर्ट की माने तो इन्फ्लुएंजा के मामलों में बढ़ोतरी सामान्य सी बात है। दिल्ली स्थित गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर धीरेन गुप्ता ने एएनआई को बताया कि कोरोना के चलते लॉकडाउन का ही नतीजा है कि पिछले दो सालों में बच्चों में इन्फ्लुएंजा के मामले सामने नहीं आए। उन्होंने यह भी कहा कि सामान्य परिस्थितियों में यह वायरस जानलेवा नहीं है।
इस वजह से बढ़ रहे मामले
डॉ गुप्ता ने कहा, ”कोरोना (लॉकडाउन) के चलते दो सालों में बच्चों में इन्फ्लुएंजा के मामले नहीं हुए। अब एक बार फिर से गतिविधि सामान्य हो गई है। यही वजह है कि H3N2 वायरस, जो कि इन्फ्लुएंजा का नॉर्मल वेरिएंट है, के मामले बच्चों में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, ”H3N2 एंटीजेनिक ड्रिफ्ट और एक हल्का म्यूटेशन है, लेकिन यह जानलेवा नहीं है। वायरस कोई भी हो, अगर साथ में कोई और बीमारी है तो मौत की आशंका अधिक हो जाती है। एच3एन2 के खिलाफ वैक्सीन का असर कम है और इस साल हमारा टीकाकरण भी कम है।”
क्या कोरोना की तरह होगा हाल?
बहुत लोग बढ़ते मामलों से डर रहे हैं कि कहीं ये स्थितियां कोरोना काल की तरह ही न हो जाएं। पीटीआई ने अपोलो अस्पताल के इंटर्नल मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ सलाहकार, तरुण साहनी के हवाले से कहा है कि अस्पताल में भर्ती होने के मामले बहुत कम हैं। केवल 5 प्रतिशत मामलों में भर्ती होने की सूचना मिली है।
डॉक्टर साहनी ने लोगों को न घबराने की सलाह दी है और कहा कि हमें उसी तरह से बचाव के उपाय करने चाहिए जैसे कोरोना के समय में किए गए थे।(एएमएपी)