जिला अदालतों में शौचालयों की स्थिति सुधारने के लिए हाई कोर्ट ने दिया आदेश।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्वच्छता एवं सुरक्षा के पहलुओं पर सभी जिला अदालतों में प्रसाधन कक्ष सुविधाओं में निरीक्षण करने का आदेश दिया है। न्यायलय ने कहा है कि साफ-सुथरा और सुरक्षित शौचालय विशेष रूप से महिलाओं के लिए एक मूलभूत आवश्यकता है। हाई कोर्ट ने यह आदेश एक महिला वकील की याचिका पर पारित किया। महिला वकील ने साकेत कोर्ट के वकीलों के चैम्बर ब्लॉक में प्रसाधन कक्षों की दयनीय दशा और अस्वच्छ स्थिति की तस्वीरें भी प्रस्तुत की थीं।

उच्च न्यायालय ने शहर के सभी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को यह सुनिश्चित करने के लिए विषय का संज्ञान लेने का निर्देश दिया कि पुरुषों और महिलाओं के लिए सभी प्रसाधन कक्ष सुविधाओं का निरीक्षण सुनिश्चित हो और यह उनके अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में किया जाए। अदालत ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को यह सुनिश्चित करने के लिए सुधारात्मक उपाय करने का निर्देश दिया कि जिला अदालतों में सभी पुरुष और महिला प्रसाधन कक्ष सुविधाएं चालू हालत में हों और स्वच्छ वातावरण हो।

न्यायमूर्ति संजीव नरुला ने कहा, ‘‘इस अदालत का फिर से यह कहना है कि स्वच्छ, चालू हालत में और सुरक्षित प्रसाधन कक्ष सुविधाएं मुख्य रूप से बार की महिला सदस्यों के लिए मूलभूत आवश्यकता है।” उच्च न्यायालय ने कहा कि महिला वकीलों की सुरक्षा, निजता और स्वास्थ्य का अवश्य ही ध्यान रखा जाना चाहिए और प्रतिवादियों से इस विषय को गंभीरता से लेने की उम्मीद की जाती है।

26% of court complexes don't have separate ladies' toilets: Govt tells  Parliament

 

न्यायमूर्ति नरुला ने कहा, ‘‘पीडब्ल्यूडी और अन्य नगर निकाय एजेंसियां इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अन्य हितधारकों के साथ पूर्ण सहयोग और समन्वय करेंगी। इन निरीक्षणों में प्रसाधन कक्षों में स्वच्छता और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए तथा किसी तरह की मरम्मत या सुधार का संकेत देने वाली अनुपालन रिपोर्ट दो हफ्तों के अंदर अदालत में दाखिल की जाए।”

उच्च न्यायालय एक महिला वकील की याचिका पर सुनवाई कर रही है जिन्होंने यहां साकेत जिला अदालत में वकीलों के चैम्बर ब्लॉक में प्रसाधन कक्षों की दयनीय दशा और अस्वच्छ स्थिति को रेखांकित किया है। अदालत ने वकील द्वारा प्रस्तुत की गई तस्वीरों का अवलोकन किया और कहा कि ये प्रसाधन कक्षों में अस्वच्छ स्थिति और उनकी अनदेखी किये जाने को प्रदर्शित करती हैं।

अदालत ने कहा कि स्थिति महिला वकीलों के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है जिनके लिए निजता व सुरक्षा सर्वोच्च है। स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए न्यायाधीश ने सभी जिला अदालतों में महिलाओं के प्रसाधन कक्षों का गहन निरीक्षण करने के लिए एक अदालत आयुक्त नियुक्त किया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि अदालत आयुक्त को प्रसाधन कक्षों की दशा पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करें जिसमें कमियों को रेखांकित किया जाए। अदालत ने पीडब्ल्यूडी को प्रसाधन कक्षों का नियमित रूप से रखरखाव करने का भी निर्देश दिया।