सबसे पहले अलीगढ़ मुस्‍लिम विश्‍वविद्यालय से इजरायल का विरोध और हमास समेत फिलिस्तीन के समर्थन में निकाले गए जुलूस और नारों के बीच अब यह प्रदर्शन भारत के कौने-कौने में होना शुरू हो गए हैं। इस्‍लाम को माननेवाले खुलकर हमास आतंकवादी संगठन के समर्थन में खड़े होकर यह प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही भारत सरकार द्वारा इजरायल को अपना समर्थन देने पर एतराज जता रहे हैं। जबकि नियमानुसार इजरायल के साथ भारत के मैत्री संबंध हैं, ऐसे में मित्र देश में विरोध खड़ा होना खासकर उस देश के नागरिकों को कानून की नजर में विरोधी करार देता है।

दरअसल, इस विरोध प्रदर्शन के बीच भारत में स्‍थ‍िति यहां तक आ गई है कि लोग अपना व्हाट्सऐप स्टेटस भी फिलिस्तीन के समर्थन में लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला कर्नाटक में सामने आया, जहां कर्नाटक के विजयनगर में फिलिस्तीन के समर्थन में व्हाट्सऐप स्टेटस लगाने वाले एक 20 वर्षीय युवक को हिरासत में लिया गया गया है। युवक की पहचान आलम पाशा के रूप में हुई है।  पुलिस को खुफिया जानकारी मिली कि विजयनगर के होसपेट में कुछ लोग इजरायल-हमास संघर्ष के दौरान फिलिस्तीन के लिए समर्थन दिखा रहे हैं।आरोप है कि वे कथित तौर पर राष्ट्र-विरोधी वीडियो प्रसारित कर रहे थे, जिससे कानून-व्यवस्था बाधित होने की संभावना थी।

आतंकवादी संगठन हमास के समर्थन में बनाए जा रहे देश विरोधी पोस्‍टर और वीडियो

पुलिस का कहना है कि वीडियो को आगे प्रसारित होने से रोकने के लिए पाशा को हिरासत में लिया गया है। उसे पूछताछ के बाद कार्यकारी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।पाशा अल्पसंख्यक विभाग में सहायक के तौर पर काम करता है। पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 108 (बहकाना या उकसाना) और 151 (शांतिभंग की आशंका) के तहत केस दर्ज किया है।पुलिस ने इलाके में सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी बढ़ा दी है। इजरायल-हमास युद्ध के बीच माहौल बिगडऩे की आशंका को देखते हुए खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित किया है।

उल्‍लेखनीय है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आठ अक्टूबर को फिलिस्तीन के समर्थन में करीब 400 छात्रों ने रैली निकाली थी और फिलिस्तीन को स्वतंत्र करने की मांग की थी।मामले में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी फिलिस्तीन के समर्थन में लोगों ने आवाज बुलंद की । बेंगलुरु की जामिया मस्जिद के इमाम मौलाना मकसूद इमरान ने कहा कि इजरायली सेना फिलिस्तीन के मुस्लिमों पर अत्याचार कर रही है।  इसी तरह से झारखंड के जमशेदपुर में भी मुस्लिम समुदाय फिलिस्तीन का समर्थन कर रहा है।

‘डाउन विद इजरायल’ और ‘डाउन विद अमेरिका’ के नारे भी लगाए जा रहे

जमशेदपुर के मानगो आजाद नगर में जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन कर इजराइल के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है।  जमशेदपुर में जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हाथों में पोस्टर लेकर फिलिस्तीन के खिलाफ प्रदर्शन किया।  उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ में भी खुलमखुल्‍ला फिलिस्तीन के समर्थन में प्रोटेस्ट किया जा रहा है।  लखनऊ की आसिफी मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद ‘डाउन विद इजरायल’ और ‘डाउन विद अमेरिका’ के नारे लगाए गए। यहां फिलिस्तीन के समर्थन और इजरायल के विरोध में नमाज अदा की जा रही है।

जलाया जा रहा है  इजरायल का राष्‍ट्रीय ध्‍वज

बिहार के किशनगंज में जुमे की नमाज के बाद युवा सड़कों पर निकल आए और फिलिस्तीन के समर्थन में नारेबाजी करते दिखे। इस प्रोटेस्ट में नाबालिग तक शामिल थे। यह पोटेस्ट किशनगंज की मेन मार्केट में हुआ, इस दौरान तेरा मेरा रिश्ता क्या? ला इलाहा इल्लाला की नारेबाजी की गई। इस दौरान इजरायल के झंडे को भी आग लगाई गई। केरल के तिरुवनंतपुरम में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के सदस्यों ने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रोटेस्ट किया है तथा इस्‍लाम को माननेवाले कई लोग हमास एक आतंकवादी संगठन के समर्थन में खुलकर सामने आते हुए दिखाई दे रहे हैं। जम्मू कश्मीर के बडगाम में शिया मुस्लिमों ने फिलिस्तीन पर इजरायल के हमले के खिलाफ प्रोटेस्ट किया है। कोलकाता में माइनॉरिटी यूथ फोरम के सदस्य फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं।

हमास ने इस तरह से छद्म रूप से शुरू किया ये युद्ध

आपको बतादें कि इस युद्ध की शुरूआत बीते सात अक्टूबर को फिलिस्तीनी आर्म्स ग्रुप हमास की ओर से छद्म रूप से की गई थी, जब इजरायली अपने यहां शांति से रोजमर्रा के कार्य में जुटे हुए थे। ऐसे में न सिर्फ हमास के आतंकियों ने गाजा पट्टी से रॉकेट हमलों की झड़ी लगा दी थी, बल्‍कि इजरायल मे घुसकर सैंकड़ों लोगों को हैवानीयत के साथ मौत के घाट उतार दिया था, जबकि कइयों को अपने साथ ये आतंकी बंधक बनाकर भी साथ ले गए।

हमास आतंकियों ने इजरायलियों की हत्‍या गोलियों के साथ चाकू और घरों में आग लगाकर की

हमास ने सात अक्टूबर को इजरायल पर हमले के दौरान यह नहीं देखा कि सामने कोई बच्चा है, बूढ़ा है, अपंग है, महिला है या कोई पुरुष। उसके लिए हर एक इंसान सिर्फ इजरायली और यहूदी था, जिसकी हत्या करना उनके लिए किसी बड़ी उपलब्‍धि से कम नहीं था। हमास के आतंकवादियों के सामने जो कोई आया, उन्होंने उसे मार दिया। इजरायली नागरिकों की हत्या सिर्फ गोलियों से नहीं की गई। बल्कि, कई हत्याओं में चाकूओं और आग का भी इस्तेमाल किया गया। ताकि, उनकी क्रूरता की गूंज दुनिया में सुनाई दे।

जब माता-पिता और बच्चे जल रहे थे, उस दौरान आतंकवादी बैठकर खाना खा रहे थे

इजरायल की वॉलेंटियर सिविल इमरजेंसी सर्विस जका के कमांडर योसी लैंडो ने बताया कि एक घर की तलाशी के दौरान हमने एक गर्भवती महिला को फर्श पर पड़े देखा। जब हमने महिला को पलटा तो उसका पेट खुला हुआ था। गर्भनाल से एक अजन्मा बच्चा जुड़ा हुआ था, जिस पर चाकू से वार किया गया था। मां के सिर में गोली मारी गई थी। योसी लैंडो ने बताया कि एक अलग घटना में दो माता-पिता के हाथ पीछे बंधे हुए थे। उनके सामने दो छोटे बच्चे थे, उनके भी हाथ पीछे बंधे हुए थे। उनमें से प्रत्येक को जला दिया गया था। जब माता-पिता और बच्चे जल रहे थे, उस दौरान आतंकवादी बैठे थे और खाना खा रहे थे।

20 बच्‍चों के एक साथ हाथ बांधकर उन्‍हें गोली मार दी गई

एक अलग घटनाक्रम में जका साउथ के कमांडर योसी लैंडो ने बताया कि मैंने एक मां को अपने बच्चे को पकड़े हुए देखा। एक गोली उन दोनों को एक साथ पार कर गई थी। मैंने 20 बच्चों को एक साथ देखा, जिनके हाथ पीछे की ओर बंधे थे और उन्हें गोली मार दी गई थी। इसके बाद उनको एक साथ जला दिया गया था। हमास के आतंकवादियों ने कफर अजा में एक इजरायली समुदाय पर 70 आतंकवादियों ने हमला किया। इन हमलों का शिकार इस समुदाय में रहने वाले 40 बच्चे बनें, जिनमें से कई की उम्र चंद महीने थी।

इजरायली मेजर जनरल इताई वेरुव ने कहा कि जब हमने अपने घरों में मारे गए निवासियों के शवों को इकट्ठा करने के लिए दरवाजा खोला तो देखा कि माता-पिता, बच्चों और युवाओं को उनके बिस्तरों, प्रोटेक्शन रूम में, डाइनिंग रूम में, उनके बगीचों में मार दिया गया। उन्होंने कहा कि यह युद्ध नहीं है, यह युद्धक्षेत्र भी नहीं है। यह नरसंहार है। उन्‍होंने कहा कि कुछ बच्‍चों का सिर काट दिया गया। मैंने ऐसा कभी नहीं देखा, मैंने 40 साल तक सर्विस की है। दूसरी ओर हमास ने हमलों की जिम्मेदारी ली और इसे इजरायल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बताया है।

हमास ने गाजा पट्टी से करीब 20 मिनट में 5,000 रॉकेट दागे थे।  इतना ही नहीं, इजरायल में घुसपैठ की और कुछ सैन्य वाहनों पर कब्जा कर लिया था ।  इस जंग में दोनों ओर से अब तक सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई है। फिलहाल इजरायल की तरफ से गाजा पट्टी पर लगातार बमबाजी की जा रही है । वहीं, हमास के लड़ाके इजरायल पर अभी भी तीन मोर्चे से अटैक कर रहे हैं । लेबनान, समंदर से सटे इलाके और इजिप्ट से सटे साउथ गाजा से रॉकेट और मिसाइलें दागी जा रही हैं। (एएमएपी)