ध्रुव गुप्त ।
दुनिया में कई रहस्यमय द्वीप हैं जो रोमांच पसंद करने वाले पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र हैं। इन दिनों उनमें सबसे चर्चित है मेक्सिको का डॉल्स आइलैंड।
इस द्वीप का शुमार दुनिया के कुछ सबसे डरावने द्वीपों में होता है। यह पहली बार चर्चा में तब आया जब तीस साल पहले कुछ पर्यटकों ने यहां पेड़ों से लटक रही हज़ारों गुड़ियों को देखा। ज्यादातर की बनावट विचित्र और खौफ़ पैदा करने वाली थी। अखबारों में उनके यात्रा-विवरणों के प्रकाशित होने के बाद दुनिया भर के पर्यटकों की इस द्वीप में भीड़ लगने लगी।
गुड़िया में उस बच्ची की आत्मा
खोजबीन से पता चला कि सैन्टाना नाम का एक व्यक्ति वर्ष 1950 के आसपास इस द्वीप पर आया और यहीं का होकर रह गया। उसके आने के कुछ साल बाद एक परिवार वहां घूमने आया जिसकी एक छोटी बच्ची की द्वीप के किनारे डूबने से मौत हो गई। उसके मरने के बाद सैन्टाना को उस जगह पर एक विचित्र गुड़िया तैरती हुई दिखी। उसे लगा कि उस गुड़िया में मरी हुई उस बच्ची की आत्मा है। उसने उसे को एक पेड़ पर टांग दिया।
शाम के बाद कोई नहीं रुकता
अजीब यह हुआ कि उसके बाद द्वीप के किनारे डरावनी गुड़ियों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया। सालों तक यह सिलसिला चलता रहा और सैन्टाना उन्हें पेड़ों पर लटकाता चला गया। अन्ततः वर्ष 2001 में ठीक उसी जगह सैन्टाना की लाश तैरती हुई मिली जहां से उसने हज़ारों गुड़ियों को पानी से निकाला था। सैन्टाना के मरने के बाद इस द्वीप की रहस्यमयता की चर्चा फैली तो वहां पर्यटकों का जमघट लगना शुरू हो गया। हर दिन सुबह से शाम तक सैकड़ों लोग पेड़ों से लटके डरावने डॉल्स को देखकर रोमांचित होते हैं, लेकिन शाम के बाद डर के मारे वहां रुकने की हिम्मत कोई नहीं करता।
पता नहीं क्यों, इस द्वीप के बारे में पढ़ते हुए अपना ही देश याद आता रहा। क्या चौतरफ़ा हिंसा, दरिंदगी, अमानवीयता के बीच हम सब अपने-अपने घरों की दीवारों में लटके बेजान पुतलों में तब्दील नहीं होते जा रहे हैं ? आइलैंड ऑफ इंसेंसिटिव डॉल्स !
(लेखक भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी और जाने माने साहित्यकार हैं । यह उनकी फेसबुक वॉल से लिया गया है)