अब तक मरनेवालों की संख्‍या 11हजार पार हुई

गाजा में छिड़े युद्ध के 38वें दिन सोमवार सुबह ये ही यहां भयंकर घमासान देखा जा रहा है। इजराइल के सुरक्षाबलों ने फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास के गढ़ों को ध्वस्त करते हुए उत्तरी गाजा के दो प्रमुख अस्पतालों अल शिफा और अल कुद्स के आसपास शिकंजा कस दिया है। इन अस्पतालों में हमास के आतंकवादी छुपे हुए हैं। साथ ही इनके नीचे हमास की अभेद्य समझी जाने वाली सुरंगें हैं। इनमें हमास ने हथियार और गोला बारूद का भंडारण किया है। इन अस्पतालों के आसपास इजराइल के सुरक्षाबलों से हमास के आतंकवादियों की रुक-रुक कर लड़ाई चल रही है। ऐसे में गाजा सरकार के मीडिया कार्यालय के निदेशक इस्माइल अल-थवाबतेह सामने आए और कहने लगे कि फिलिस्‍तीनी मारे जा रहे हैं और अब तक कुल मौतों में से 4,609 बच्चे और 3,100 महिलाएं थीं, जबकि 28,000 से अधिक अन्य घायल हुए हैं ।

गाजा में ईंधन की किल्‍लत हुई 22 अस्‍पतालों ने किया संचालन बंद

अल-थवाबतेह ने कहा कि इजरायली हमलों और बिजली जनरेटर संचालित करने के लिए आवश्यक ईंधन की कमी के कारण गाजा में 22 अस्पतालों और 49 स्वास्थ्य केंद्रों ने संचालन बंद कर दिया है। उन्होंने इज़राइल पर गहन देखभाल इकाई, सर्जरी भवन और शिफ़ा मेडिकल कॉम्प्लेक्स के प्रसूति वार्ड पर हमले शुरू करने का आरोप लगाया और गाजा में लड़ाई को रोकने और यहां के लोगों को ईंधन सहित सभी मानवीय आपूर्ति लाने के लिए तत्काल वैश्विक प्रयास का आह्वान किया।

बमबारी से बौखलाया हमास

उधर, इजरायल द्वारा की जा रही चारों ओर से घेराबंदी से हमास के आतंकी पूरी तरह से बौखला उठे हैं। वे कह रहे हैं कोई बातचीत नहीं करेंगे हम इजरायली सेना के खिलाफ एक्‍शन करते रहेंगे।  दूसरी ओर मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि  इजराइल सुरक्षाबलों ने हमास की कमर तोड़ने के लिए जोरदार बमबारी की है। इसके बाद अल शिफा और अल कुद्स अस्पताल रविवार को नए मरीजों के लिए बंद कर दिए गए। यहां के कर्मचारियों ने कहा कि ईंधन और दवाओं की कमी की वजह से ऐसा किया गया है। चिकित्सा कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि अस्पतालों को इजराइली सुरक्षा बलों ने अवरुद्ध कर दिया है।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से थोड़ी राहत, बारिश के कारण वायु गुणवत्ता में सुधार

इस बीच हमास ने कहा है कि अल शिफा अस्पताल पर इजराइल का नियंत्रण हो गया है। इसलिए वह बंधक बनाए गए लोगों की अदला-बदली के लिए अब बातचीत नहीं करेगा। एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-शिफा अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं में शरण लेने वाले रोगी और अन्य लोग भयभीत हैं। चिकित्सा सहायता समूह डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने चेतावनी दी है कि युद्धविराम या निकासी के बिना अस्पताल “मुर्दाघर बन जाएगा”। बमबारी से आश्रय स्थल के रूप में काम करने वाली अन्य इमारतें भी प्रभावित हुई हैं। इनमें गाजा शहर में संयुक्त राष्ट्र परिसर भी है।

तुर्किये ने पूरे मामले में अमेरिका से दखल देने के लिए कहा –

तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने गाजा में इजराइल के आक्रमण को रोकने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका पर दबाव डालने का आह्वान किया है। मगर उसने कहा कि जब तक वाशिंगटन इस क्षेत्र को फिलिस्तीनी भूमि के रूप में स्वीकार नहीं करता तब तक कोई समझौता नहीं होगा। वहं, इजराइल ने दावा किया है कि उसके सैनिकों ने अल शिफा अस्पताल में 300 लीटर ईंधन पहुंचाने के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाली, लेकिन वहां मौजूद हमास के आतंकवादियों ने अस्पताल को इसे लेने से मना कर दिया। इजराइल ने कहा है कि हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय हफ्तों से चेतावनी दे रहा है कि उसके अस्पतालों में ईंधन खत्म हो रहा है। अगर यह सच है तो अस्पताल को ईंधन लेने से क्यों रोका जा रहा है।

आपको बतादें कि इज़राइल-हमास संघर्ष का नवीनतम दौर सात अक्टूबर को शुरू हुआ जब हमास ने इज़राइल पर एक आश्चर्यजनक हमला किया, हजारों रॉकेट दागे और इज़राइली क्षेत्र में घुसपैठ की, जबकि इज़राइल ने गाजा पट्टी पर हवाई हमले, जमीनी कार्रवाई और दंडात्मक उपायों का जवाब दिया जिसमें घेराबंदी शामिल थी। (एएमएपी)