हमास के हमले का मुंहतोड़ जवाब इजरायल दे रहा है। आंकड़े बता रहे हैं कि इस संघर्ष में लगभग 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच इजरायल ने भारत के समर्थन की भी इच्छा जताई है। इजरायल का कहना है कि भारत आतंकवाद की चुनौती को समझता है। फिलहाल, अमेरिका द्वारा सीधे तौर पर इजरायल की मदद की जा रही  है।

इजरायल इस चुनौती से खुद निपटेगा, लेकिन भारत भी है उसके लिए महत्‍वपूर्ण

इजरायल पर हमास के चरमपंथियों के हमलों के बीच, भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने एक बार फिर दोहराया है कि उनके देश को भारत से बहुत मजबूत समर्थन की आवश्यकता होगी, क्योंकि वह (भारत) एक प्रभावशाली देश है और आतंकवाद की चुनौती को जानता है। गिलोन ने हमास चरमपंथियों के हमलों को बेवजह किया गया हमला और अस्वीकार्य बताया। उन्होंने कहा कि इजरायल इस चुनौती से खुद निपटेगा और अपराधियों को दंडित करेगा।

अब मध्यस्थता का समय नहीं आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का समय

इजरायली राजदूत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अब मध्यस्थता का समय नहीं है और अब आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का समय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमास चरमपंथियों के हमले के मद्देनजर शनिवार को इजरायल के प्रति एकजुटता व्यक्त की थी। मोदी ने इजरायल पर हुए हमास के हमले को आतंकवादी हमला करार देते हुए इसकी निंदा की थी। मोदी ने कहा था, इजरायल में आतंकवादी हमलों की खबर से स्तब्ध हूं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ित परिवारों के साथ हैं। इस कठिन घड़ी में हम इजरायल के साथ एकजुटता से खड़े हैं।

अब तक  सबसे अधिक नुकसान इजरायल का हुआ

इजरायल में किए गए हमास चरमपंथियों के हमलों में अब तक दोनों ओर से लगभग 1500 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 2,000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। अब तक के आंकड़ों में आया है कि सबसे अधिक नुकसान इजरायल का हुआ है, क्‍योंकि जब छह और सात तारीख को हमास की ओर से अटैक किया गया, तब इजरायल युद्ध के लिए बिल्‍कुल भी तैयार नहीं था। जब तक इजरायल को कुछ समझ आता और वह एक्‍शन मोड में आता, तब तक तो उसका बहुत अधिक नुकसान हो चुका था ।

गाजा पट्टी में लगभग 500 लोगों की मौत हुई

इसके साथ ही फिलिस्तीनी अधिकारियों ने बताया कि इजरायल के जवाबी हमलों में गाजा पट्टी में लगभग 500 लोगों की मौत हो गई है। फिलहाल इजरायल की ओर से यह आरोप लगाया जा रहा है कि इन हमलों के पीछे ईरान का हाथ है और उसने ही हमास को हथियारों की आपूर्ति की। भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि उनके देश को हमारे भारतीय मित्रों के बहुत मजबूत समर्थन की आवश्यकता होगी।

भारत दुनिया का एक बहुत प्रभावशाली देश

उन्होंने कहा, भारत दुनिया का एक बहुत प्रभावशाली देश है। यह एक ऐसा देश है, जो आतंकवाद (के दर्द) से परिचित है और इस संकट को समझता है।उन्होंने कहा कि इस समय इजरायल के प्रति भारत का समर्थन अनभिज्ञता के बजाय आतंकवाद की गहरी समझ पर आधारित है। उन्होंने कहा, हमें भारत से बड़ा समर्थन मिला है। गिलोन ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि सबसे पहले, दुनिया के सभी देश सैकड़ों इजरायली नागरिकों, महिलाओं, पुरुषों, बुजुर्गों और बच्चों की अकारण की गई हत्या और अपहरण की घटनाओं की निंदा करेंगे। यह अस्वीकार्य है।

इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच वर्षों से सुलग रही आग एक बार फिर भड़क उठी है। फिलिस्तीन मिलिटेंट ग्रुप हमास ने गाजा इलाके से इजरायल पर रॉकेटों की बौछार कर दी। इसके बाद इजरायल ने युद्ध का एलान करते हुए जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है। अमेरिका और भारत सहित कई देशों ने इस हमले की निंदा की है। इस पूरी तस्वीर के बारे में जानकारी देने के लिए हमारे साथ हैं हर्ष वी. पंत जो लंदन के किंग्स कॉलेज में प्रफेसर हैं और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट भी हैं।

जरायल-फिलिस्तीन विवाद और संयुक्त राष्ट्र संघ की एंट्री

पंत जी, इजरायल पर हमास के हमले की कई देशों ने निंदा की है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इजरायल पर आतंकवादी हमले से भारत चिंतित है और हम इजरायल के लोगों के साथ खड़े हैं। इजरायल और फिलिस्तीन के मामले में तो भारत पहले खुलकर फिलिस्तीन के साथ रहा करता था। बाद में बीच का रास्ता अपनाया गया लेकिन अब जो प्रधानमंत्री ने कहा है, इसे आप किस तरह देखते हैं? क्या यह बिलकुल नया रुख है?

कौन है हमास, जिसने इजरायल पर किया सबसे बड़ा हमला?

देखिए, इस रुख को पूरी तरह से नया नहीं कहा जा सकता है क्योंकि भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि किसी किस्म का आतंकवाद भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। और जिस तरह का ये अटैक हुआ है, एक नॉन स्टेट एक्टर टेरर ग्रुप हमास जिसको टेटर ग्रुप की लिस्ट में डाला जाता है जिसके साथ दुनिया का कोई भी देश रेकग्नाइज नहीं करता है। और उसने इस अटैक की जिम्मेदारी ली है और जिस तरह से यह अटैक हुआ है, वह अपने आप में अप्रत्याशित है। लैंड से लेकर एयर तक एक नॉन स्टेट एक्टर के पास इस किस्म की कैपेबिलिटी आ गई है जो उसने इस तरह का इतना बड़ा अटैक लॉन्च किया। इसलिए यह दुनिया के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए और इसीलिए भारत के प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत इसकी निंदा ही नहीं करता है, बल्कि स्पष्ट तरीके से इजरायल के साथ खड़ा है कि किसी भी तरह से इस तरह से इस अटैक को लिजिटिमेसी दी जाएगी तो इसके बड़े दूरगामी परिणाम सभी देशों के लिए होंगे। मुझे लगता है उस विषय को इसीलिए भारत ने प्रखरता से बात उठाया है। (एएमएपी)