Bharat’s monumental stride in the space.
Congratulations to our @isro scientists on the historic launch of specialized astronomy observatory satellite XPoSat to study black holes and neutron stars in our galaxy. Brightening up the cosmos in pursuit of knowledge on the very first… pic.twitter.com/jrI3hBpxOX
— Amit Shah (@AmitShah) January 1, 2024
इसरो ने किया उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण
इसरो प्रमुख ने कहा- एक और सफल अभियान पूरा
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने सफल प्रक्षेपण पर कहा कि आज एक और सफल अभियान पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि यह खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है। उन्होंने कहा कि सबसे भरोसेमंद ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) ने अपने सी 58 मिशन में मुख्य एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह को पृथ्वी की 650 किलोमीटर निचली कक्षा में स्थापित किया। पीएसएलवी ने यहां पहले अंतरिक्ष तल से सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर उड़ान भरी थी।
#WATCH | ISRO Chairman S Somnath visited and offered prayers at Shri Chengalamma Parameswari Temple in Sullurpeta, Andhra Pradesh. pic.twitter.com/exLG9zdiWd
— ANI (@ANI) December 31, 2023
सफल मिशन के बाद मीडिया से बातचीत में इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि एक जनवरी 2024 को पीएसएलवी का एक और सफल अभियान पूरा हुआ। पीएसएलवी-सी58 ने प्रमुख उपग्रह एक्सपोसैट को निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया है। इस बिंदु से पीएसएलवी के चौथे चरण की कक्षा सिमट कर निचली कक्षा में बदल जाएगी, जहां पीएसएलवी का ऊपरी चरण जिसे ‘पोअम’ बताया गया है वह पेलोड के साथ प्रयोग करेगा और उसमें थोड़ा वक्त लगेगा।
क्यों खास है ये मिशन?
इसरो ने बताया कि इस उपग्रह का लक्ष्य सुदूर अंतरिक्ष से आने वाली गहन एक्स-रे का पोलराइजेशन यानी ध्रुवीकरण पता लगाना है। यह किस आकाशीय पिंड से आ रही हैं, यह रहस्य इन किरणों के बारे में काफी जानकारी देते हैं। पूरी दुनिया में एक्स-रे ध्रुवीकरण को जानने का महत्व बढ़ा है। यह पिंड या संरचनाएं ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे (तारे में विस्फोट के बाद उसके बचे अत्यधिक द्रव्यमान वाले हिस्से), आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद नाभिक आदि को समझने में मदद करता है। इससे आकाशीय पिंडों के आकार और विकिरण बनाने की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलेगी। (एएमएपी)