राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में क्वाड देशों- ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने बिना नाम लिए चीन पर निशाना साधा। पिछले कई सालों से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में चीन द्वारा पाकिस्तानी आतंकियों की ढाल बनने को लेकर जयशंकर ने विरोध जताया। उन्होंने साफ कहा कि आतंकवादियों को घोषित किए जाने को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। दरअसल, चीन ने यूनाइटेड नेशन में कई बार पाकिस्तान के आतंकवादियों को बचाने का प्रयास किया है। उधर, क्वाड देशों की बैठक पर चीन भड़क गया है। उसने बैठक की आलोचना करते हुए कहा है कि देशों को क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान देना चाहिए।जानकारी के अनुसार, हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को सूचीबद्ध किया गया था। तीन साल से लगातार ऐसा किया जा रहा है, लेकिन चीन हर बार इसे रोक देता है। एक सुरक्षित इंडो-पैसिफिक के अलावा, क्वाड ने आतंक से निपटने के लिए अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए आतंकवाद-विरोधी कार्य समूह की स्थापना की भी घोषणा की गई। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हम एक आतंकवाद विरोधी कार्य समूह पर सहमत हुए। हम हिंद महासागर रिम एसोसिएशन के साथ अधिक निकटता से सहयोग करने पर सहमत हुए।”

जारी किए गए संयुक्त बयान में आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद की निंदा की गई और भारत के संदर्भ में, सीमा पार आतंकवाद, मुंबई 26/11 आतंकवादी हमलों और पठानकोट हमलों का जिक्र किया गया। क्वाड ने हमलों की भी निंदा की और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की। विदेश मंत्रियों ने स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए इस चार सदस्यीय समूह की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि यह कानून के शासन, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का पुरजोर समर्थन करता है। चारों देश लोकतांत्रिक हैं और निर्बाध समुद्री व्यापार तथा सुरक्षा के साझा हित का समर्थन करते हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, उनके जापानी समकक्ष योशिमासा हयाशी और आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने मुलाकात की।

रायसीना डायलॉग में भी चारों मंत्रियों ने लिया हिस्सा

बैठक के बाद, चारों मंत्रियों ने ‘रायसीना डायलॉग’ के एक सत्र में हिस्सा लिया और क्वाड सदस्य देशों के हितों के समन्वय के बारे में बातचीत की। ब्लिंकन ने कहा, ”हमारे लिए हिंद-प्रशांत से भविष्य काफी हद तक जुड़ा हुआ है। पूरे क्षेत्र में, क्वाड और अन्य माध्यमों से हमारी भागीदारी पहले की तरह ही व्यापक और गहरी है।” ब्लिंकन और वॉन्ग जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए भारत में हैं, जबकि हयाशी क्वाड की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली आये हैं। बयान में कहा गया है, ”हम स्वतंत्रता, कानून के शासन, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता, समुद्री तथा वायु परिवहन की आजादी और धमकी या बल प्रयोग का सहारा लेने के बजाय विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के सिद्धांतों का दृढ़ता से समर्थन करते हैं।”

चीन ने की क्वाड बैठक की आलोचना

उधर, चीन ने एक बार फिर क्वाड समूह की बैठक की आलोचना की और कहा कि देशों के बीच बातचीत का मकसद शांति और विकास को आगे बढ़ाना होना चाहिए। क्वाड पर निशाना साधते हुए चीन ने कहा कि देशों को विशिष्टता पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय आपसी विश्वास और क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान देना चाहिए। क्वाड बैठक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ”हम सोचते हैं कि देशों को क्षेत्रीय स्तर पर आपसी विश्वास, शांति और स्थिरता में योगदान देने के लिए और अधिक प्रयास करना चाहिए।”(एएमएपी)